Indraganj Lashkar
इंटरनेट सेफ्टी डे के उपलक्ष्य में आयोजित ऑनलाईन कार्यक्रम (09.02.2022)

इंटरनेट सेफ्टी डे के उपलक्ष्य में आयोजित ऑनलाईन कार्यक्रम
ग्वालियर: आई टी विंग राजयोग एजुकेशन और रिसर्च फाउंडेशन और ब्रह्मा कुमारीज ग्वालियर के संयुक्त तत्वाधान में आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत डिजिटल इंडिया टू डिवाइन इंडिया अभियान के तहत “आपकी सुरक्षा में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम” नामक एक ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें राज्य साइबर पुलिस के कॉन्स्टेबल श्री पुष्पेंद्र सिंह यादव, वेेेब साईट और ग्राफ़िक डिज़ाइनर श्री अजय धमानिया जी, राजयोग शिक्षक बी के डॉ गुरचरन सिंह और सेवाकेंद्र प्रभारी बी के आदर्श दीदी जी ने भाग लिया । कार्यक्रम जानकारी देते हुए पुष्पेंद्र सिंह यादव जी ने कहा कि मैं आभार व्यक्त करता हूँ ब्रह्मा कुमारीज ग्वालियर का जिन्होंने साइबर क्राइम का टॉपिक हम लोगों के बीच में रखा है क्योंकि आजकल हम सबसे ज्यादा साइबर क्राइम के शिकार हो रहे हैं । हर आदमी एक न एक बार लाइफ़ में ऐसा कुछ कर लेता है जैसे कि व्हाट्सएप पर कोई अभद्र भाषा का प्रयोग या ऐसा कोई कमेंट करना या अपनी डीपी पर कुछ इस टाइप का वीडियो या फोटो पिक लगा लेना, इस तरीके छोटे-छोटे क्राइम या आप कभी भी कोई भी नेता को आपत्तिजनक शब्द बोल देते, यह सब साइबर क्राइम में आता है । बड़ी विडंबना है कि आज हमारा देश साइबर क्राइम में तीसरे नंबर पर, तो हम सभी को इससे सावधान रहना है । इस साइबर क्राइम से बचा कैसे जा सकता है, तो कुछ बातों का हमें ध्यान रखना है जैसे कि –
1- सोशल मीडिया में बिगर अनुमति कभी भी किसी की भी पिक नहीं लगानी है।
2- आजकल आप लोगों ने तो देखा होगा कि सबसे ज्यादा साइबरक्राइम चल रहा है कि आपकी फेक आईडी बना ली गई है लोगों से पैसे मांग रहे हैं । इसके लिए आपके फेसबुक आईडी की फ्रेंड लिस्ट को हमेशा है सभी लोग उसको ओन्ली मी सेटिंग करके रखें ताकि हमारी फ्रेंड को कोई देख नहीं पाए।3- अपनी प्रोफाइल पिक को लॉक कर के रखें और प्रोफाइल गॉर्ड ऑन कर के रखें ।
4- किसी भी अनजान व्यक्ति से मित्रता ना करें और उनसे कुछ भी साझा न करें न ही उन्हें वीडियो कॉल की अनुमति दें ।
5- व्हाट्सएप ग्रुप में कुछ भी आपत्तिजनक पोस्ट शेयर न करें । अगर आप किसी ग्रुप के एडमिन हैं और इस प्रकार की पोस्ट किसी ने डाली है तो उसे डिलीट करें और उस व्यक्ति को सावधान करें या उसे डिलीट करें ।
6- कोई भी अनजान साइट की कूकीज़ परमिशन को स्वीकार न करें इससे आपके डाटा को खतरा हो सकता है ।
7- एक और बात का ध्यान रखना है जिसके बारे में बहुत लोगों को जानकारी नहीं है वो है इस प्रकार के एप्प या ऐड जिसमे हमारी किसी सेलिब्रिटी या जानवर से समानता या भविष्य में हम कैसे दिखेंगे, इस सभी से हमे सावधान रहना है या यूं कहें कि दूर रहना है ।
8- बैंक फ्रॉड से बचने के लिए किसी भी ऐसे लिंक से सावधान रहना है जिसमें किसी भी प्रकार का लालच देकर हमसे हमारी जानकारी मांगी जा रही हो, कुछ पैसे भेज कर फिर हमसे पैसे मांगे जा रहे हों, या क्यू आर कोड भेज कर बोला जा रहा हो कि आप इसे स्कैन करें मैने आपको पेमेंट किया है ।
9- कोई भी पेमेंट वाली ऐप्प या वॉलेट इस्तेमाल करने से पहले उसको जान लीजिए । साथ ही किसी भी अनजान व्यक्ति से कोई भी लेनदेन न करें जैसे कि कोई भी डिस्काउंटेड रेट पर मिल रहे सामान को अनजान साइट्स से न खरीदें इससे आपका पेमेंट डेटा लीक हो सकता है ।
10- नेट बैंकिंग करते समय उस पर आने वाले किसी भी ऐड पर क्लिक न करें ।
अजय धमनिया जी ने जानकारी देते हुए कहा कि-
1- जैसे हम मछली को पकड़ने के लिए जाल डालते हैं उसमें आटा लगा होता है इसी प्रकार से हमें फ़साने के लिए पेमेंट ऍप्स या ईमेल पर फेक आईडी बनाकर हमें गुमराह किया जाता है जिसे हम फिस्कल लिंक कहते हैं । इसमे कई प्रकार प्रलोभन या आफर देकर हमसे हमारी जानकारी ले ली जाती है जिससे हमें सावधान रहना है ।
2- साथ साथ हमें अपनी साइट्स के लिए स्ट्रांग अल्फा न्यूमेरिक पासवर्ड रखना है जिसे हमें समय प्रति समय बदलते रहना है ।
3- स्ट्रांग और सुरक्षित एंटीवायरस का इस्तेमाल करना है ।
बी के डॉ गुरचरन सिंह ने कहा कि जिस प्रकार समय परिवर्तन हो रहा है इसी प्रकार से हमें समय अनुसार बाह्य दुनिया में सेफ इंटरनेट के उपाय ध्यान में रखते हुए अपने आंतरिक जगत की सेफ्टी के लिए भी ध्यान देना चाहिए-
1- अपनी पर्सनल जानकारी को अपने तक रखना और सिमित रखना है । जिसकी शेयरिंग सिर्फ और सिर्फ पिता परमात्मा से करनी है ।
2- प्राइवेसी सेटिंग को हमेशा ऑन रखना है । कहने का तात्पर्य ऐसा न हो कि हम भावुक होकर अपनी व्यक्तिगत जानकारी लीक कर दें ।
3- सुरक्षित ब्राऊज़िंग करनी है तात्पर्य अगर मुझे सकारात्मक रहना है तो मुझे क्या देखना है, क्या सुनना है किस प्रकार की जानकारी एकत्रित करनी है इस पर अपना ध्यान रखना है ।
4- सुरक्षित इंटरनेट कनेक्शन को इस्तेमाल करना है यानी पब्लिक फ्री इंटरनेट कनेक्शन से बचना है अर्थात मुझे पिता परमात्मा से सुरक्षित कनेक्शन का ही इस्तेमाल करना है ।
5- सावधानी के साथ सोच समझ के डाऊनलोड करना है अर्थात व्यर्थ की बातों को छोड़ मुझे पिता परमात्मा से ज्ञान गुण शक्तियों को डाऊनलोड करना है ।
6- सुरक्षित साइट्स से ही खरीददारी करनी है अर्थात हमे ध्यान रखना है कि हम क्या और कहाँ से प्राप्ति कर रहे हैं क्योंकि आज के जमाने में आध्यात्मिकता में भी असली के समान नकली भी मिलता है ।
7- क्या पोस्ट करना है इसका भी हमें ध्यान रखना है अर्थात इस जगत में हमारे कर्म हमारी पोस्ट्स हैं जिसे बड़े ध्यान देकर करना है ।
कार्यक्रम के अंत में सेवाकेंद्र प्रभारी बी के आदर्श दीदी जी ने कहा कि आज के समय मे हमे बच्चों के पालक होने के नाते इस बात पर विशेष ध्यान देना है कि हमारे बच्चे इंटरनेट के असुरक्षित इस्तेमाल से बचे रहें । अपनी सकारत्मक सोच से जहाँ स्वयं सुरक्षित रहना है वहीं दूसरों को भी रखना है । हमे अपने आप को पिता परमात्मा की याद से शक्तिशाली और खुशनुमा बना कर साधनों को निमित्त मात्र इस्तेमाल करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की साधना में मग्न रहना है । आपने अंत में सबको राजयोग का अभ्यास कर सबको शुभकानाएं देते हुए ईश्वरीय निमंत्रण भी दिया कि सभी को राजयोग शिक्षा प्राप्त करने के लिए एक बार सेवाकेंद्र पर अवश्य पधारना चाहिए।
Indraganj Lashkar
मालनपुर ग्वालियर – ब्रह्माकुमारीज़ के युवा प्रभाग द्वारा आयोजित डिवाइन यूथ फोरम तीन दिवसीय रिट्रीट सम्पन

ब्रह्माकुमारीज़ के युवा प्रभाग द्वारा आयोजित डिवाइन यूथ फोरम तीन दिवसीय रिट्रीट सम्पन
तीन दिवसीय रिट्रीट में प्रदेश भर से आई युवा बहनों ने सीखे व्यक्तितव विकास गुर
दुआएं लेना और दुआएं देना अर्थात जीवन को सुंदर बनाना – अनुसूईया दीदी
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान में आना अर्थात आनंद की अनुभूति करना -आशीष प्रताप सिंह
बिना कहे जब हम काम करते हैं तो दुआएं मिलती हैं – रेखा दीदी
ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एज्युकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन के युवा प्रभाग द्वारा नई उमंग नई तरंग के अंतर्गत गोल्डन वर्ल्ड रिट्रीट सेंटर में तीन दिवसीय आवासीय रिट्रीट डिवाइन यूथ फोरम का आयोजन किया गया था। जिसमे पूरे प्रदेश से युवा बहनों ने हिस्सा लिया। इस रिट्रीट का उद्देश्य व्यक्तित्व विकास का प्रशिक्षण देना था।
आज कार्यक्रम के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा के प्रदेश कार्य समिति सदस्य आशीष प्रताप सिंह राठौड़, दिल्ली से पधारी बीके अनुसूईया दीदी, बीके वर्णिका दीदी, सीधी से रेखा दीदी, ग्वालियर गोल्डन वर्ल्ड रिट्रीट सेंटर प्रमुख बीके ज्योति बहन, युवा प्रभाग के राष्ट्रीय सदस्य बीके प्रहलाद भाई, बीके जानकी आदि उपस्थित थीं।
कार्यक्रम के शुभारंभ ने दिल्ली से आई बीके अनुसूईया दीदी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि दुवाओं के वारे में सभी को बताया और कहा कि दुआएं यह कोई खरीदी-बेची जाने वाली वस्तु नहीं, बल्कि हमारे कर्मों की खामोश कमाई होती हैं। जब हम निस्वार्थ भाव से, श्रद्धा और सेवा-भाव से कार्य करते हैं, तो दुआएं स्वतः ही हमारे खाते में जमा होती जाती हैं।
दुआएं कमाने का मार्ग कर्म से होकर जाता है। जब हम अपने कर्मों से अपने बड़ों, गुरुजनों और समाज को निश्चिंत करते हैं। जब हम बिना कहे उनके सुख-दुख में साथ खड़े होते हैं, तो वह आशीर्वाद नहीं, बल्कि दिल से दुआएं भी देते हैं। यह दुआएं हमारी रक्षा करती हैं, मार्ग प्रशस्त करती हैं, और जीवन को सार्थक बनाती हैं।
दीदी ने आगे कहा कि हम जिनको लोगो के साथ रहते है या जहां कार्य करते है। या फिर कोई सेवा का कार्य करते है। वह हमें अपना समझ करके और बिना कहे करना चाहिए यह सबसे ऊँचा कर्म है। जो काम किसी ने कहा नहीं, पर हमने देख लिया और कर दिया। वही असली सेवा है। सेवा में दिखावा नहीं, समर्पण होना चाहिए। जब हम अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर दूसरों के लिए कार्य करते हैं, तो हमें दुआओं की पूंजी मिलती है। हमें ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि “यह मेरा काम नहीं है।” कर्म का धर्म यही कहता है कि जहां ज़रूरत हो, वहां सहयोग दिया जाए। यही सहयोग एक दिन हमारी ज़रूरत के समय कई गुना होकर लौटता है।
यूथ विंग की भोपाल ज़ोन की संयोजिका बीके रेखा बहन ने कहा कि जितनी ज़रूरत हो, उतना ही लेना सीखें। आज की दुनिया में लालच हर किसी को खींचता है, पर संतोष और संयम ही वह गुण है जो दूसरों के हिस्से की चीज़ें भी उन्हें लौटाकर हमें दुआएं दिलवाता है। सीमित संसाधनों में संतुलन बनाना, यही सच्चे संस्कारों का परिचायक है।
कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य आशीष प्रताप सिंह राठौड़ ने बतौर मुख्य अतिथि विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समष्टि के प्रति एकात्मता, सर्वभूत हितेरेता:
एवं सर्वे भवंतु सुखिनः जैसे उच्च स्तरीय मूल्यों के उपासक होने पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के भाइयों बहनों ने हम सब को गौरवान्वित किया हैं। हमारे जो गुरुजन होते हैं उनकी शिक्षा से ही हमारा विकास होता हैं
जिस प्रकार हमारा देश आगे बढ़ रहा हैं। और आज हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बड़ी हैं।
मैं पिछले कुछ वर्षो से ब्रह्माकुमारीज़ संस्था से जुड़ा हुआ हूँ। और मुझे यहां आकर के आनंद की अनुभूति होती हैं।
आज की पीढ़ी अपने नेचर को भूलती जा रही हैं
यह संस्था सभी लोगों को नेचर और सांस्कृतिक से जोड़ती हैं।
कार्यक्रम में दिल्ली से आई बीके वर्णिका बहन ने कहा कि “सर्वे भवन्तु सुखिनः” की भावना ही दुआओं की कुंजी है। जब हम केवल अपने लिए नहीं, बल्कि सभी के भले की कामना करते हैं, उनके लिए कुछ करते हैं, तो संपूर्ण सृष्टि से हमें सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।
बचपन से ही हमें ऐसे मूल्य और सोच अपनाने चाहिए कि जहाँ भी हम जाएँ, वहाँ शांति, सहयोग, और करुणा का संचार हो। यही हमारे जीवन की सबसे बड़ी कमाई है। दुआएं सिर्फ शब्दों से नहीं, व्यवहार से दी जाती हैं। प्रेरणा देकर, मार्गदर्शन देकर।
गोल्डन वर्ल्ड रिट्रीट सेंटर की प्रभारी बीके ज्योति दीदी ने भी अपनी शुभकामनाएं दीं और कहा कि जिस दिन हमारे अंदर संतोष धन आ जाता हैं फिर बाहर का कोई भी आकर्षण महसूस नहीं होता हैं।
अपने लिए जिए तो क्या जिए, जीवन में दूसरों का भला ही असली जीवन है।
कार्यक्रम का कुशल संचालन बीके प्रहलाद भाई ने किया तथा सभी का आभार बीना से पधारी बीके जानकी दीदी ने किया।
इस अवसर पर नीलम बहन, रेखा बहन, खुशबू बहन, महेश भाई, आशीष भाई, मीरा बहन, अर्चना बहन, सपना बहन सहित अनेकानेक बहने उपस्थित थीं
Indraganj Lashkar
न्यूज़ कवरेज – जीवन की असली पूँजी दौलत या प्रतिष्ठा नहीं, बल्कि खुशी, संतुष्टि और शांति है
Indraganj Lashkar
मालनपुर ग्वालियर – जीवन की असली पूँजी दौलत या प्रतिष्ठा नहीं, बल्कि खुशी, संतुष्टि और शांति है

जीवन की असली पूँजी दौलत या प्रतिष्ठा नहीं, बल्कि खुशी, संतुष्टि और शांति है – बीके वर्णिका बहन
यदि सच्ची कमाई करनी है तो हमें अपनी वाणी को मधुर और प्रेमपूर्ण बनाना होगा – बी के अनुसुईया दीदी
ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में दिल्ली से आई बीके अनुसुईया दीदी एवं वर्णिका बहन का स्वागत अभिनन्दन किया गया।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज़ लश्कर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने शब्दों से एवं पुष्पगुच्छों से पधारे हुए अतिथियों का स्वागत अभिनन्दन किया। और कहा कि मानव जीवन बहुत ही अनमोल हैं इसकी हमें हमेशा वैल्यू करनी चाहिए। और हमेशा श्रेष्ठ कर्म ही करना चाहिए। आज हमारे बीच अनुसुईया दीदी पहुंची है जो कि पिछले 60 वर्षों एवं वर्णिका बहन पिछले 11 वर्षों से ब्रह्माकुमारीज संस्थान में प्रेरक वक्ता एवं राजयोग ध्यान प्रशिक्षका के रूप में समर्पित होकर अपनी सेवाएँ दें रही है। और आपके माध्यम से हजारों, लाखों लोगो को श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा मिल रही है। यह बहुत ही खुशी कोई बात है कि आप आगमन ग्वालियर हुआ है। निश्चित ही यहाँ के लोगो को आपके प्रेरक उद्बोधन का लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम में बी.के. वर्णिका बहन ने कहा कि हर व्यक्ति का जीवन अलग होता है, उसके अनुभव, उसके संस्कार, उसकी सोच और उसकी चाहतें भी भिन्न होती हैं। कोई सफलता को सबसे बड़ा लक्ष्य मानता है, तो कोई संतोष को ही जीवन का सार समझता है। लेकिन जब हम गहराई से सोचते हैं, तो समझ आता है कि जीवन की असली पूँजी दौलत या प्रतिष्ठा नहीं, बल्कि खुशी, संतुष्टि और शांति है। ये खजाने बाजारों में नहीं मिलते, ये न किसी चीज़ से खरीदे जा सकते हैं और न ही किसी को देकर लिए जा सकते हैं। ये खजाने परमात्मा के पास हैं, और उनका अनुभव तभी होता है जब इंसान स्वयं से जुड़ता है, अपने भीतर झाँकता है। जिंदगी शुरू होती है एक छोटे से मासूम सपने से – पढ़ाई पूरी हो जाए, अच्छे नंबर आ जाएँ। फिर उस सपने में एक और सपना जुड़ जाता है – नौकरी लग जाए, भविष्य सुरक्षित हो जाए। नौकरी मिलती है तो एक और चाह जागती है – अच्छा घर हो, गाड़ी हो, जीवनसाथी हो। फिर एक परिवार बसता है, बच्चे होते हैं, उनके सपनों को पूरा करने की दौड़ शुरू होती है। एक के पीछे एक लक्ष्य आता जाता है, और इंसान उन्हें पूरा करने की कोशिश में पूरी जिंदगी गुजार देता है। लेकिन इन सबके बीच वह भूल जाता है कि वह भाग किसके लिए रहा है, किस मंज़िल की तलाश में है। हर सफलता के बाद एक नई कमी महसूस होती है। हर उपलब्धि के साथ एक नया खालीपन जन्म लेता है। और जब उम्र ढलने लगती है, तब जाकर कहीं दिल से एक धीमी आवाज़ उठती है – अब कुछ नहीं चाहिए, बस थोड़ा सा सुकून चाहिए, थोड़ा सा प्यार चाहिए, थोड़ी सी शांति मिल जाए। यही वह क्षण होता है जब इंसान को समझ आता है कि असली खजाना बाहर नहीं, भीतर है। जो बात शुरुआत में समझ में नहीं आती, वह अंत में साफ हो जाती है – कि जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता है आत्मिक संतुलन। जब हम खुद से कट जाते हैं, तो सारी दुनिया मिलने पर भी अधूरे रहते हैं। लेकिन जब हम खुद से जुड़ जाते हैं, जब हम परमात्मा के प्रति समर्पण भाव रखकर जीवन को जीते हैं, तब वह खजाना स्वयं हमारे भीतर प्रकट होता है। शांति कोई चीज़ नहीं, यह एक अनुभव है। प्रेम कोई लेन-देन नहीं, यह एक भावना है। संतुष्टि कोई लक्ष्य नहीं, यह जीवन का भाव है। और जब तक हम इन अनुभवों को नहीं जीते, तब तक चाहे हम कुछ भी पा लें, वह अधूरा ही रहता है। इसलिए ज़रूरी है कि हम अपने जीवन की रफ्तार को थोड़ा धीमा करें, अपने भीतर झाँकें, उस मौन को सुनें जो हर पल हमें आवाज़ दे रहा है। तभी हमें जीवन का असली खजाना मिलेगा – वह खजाना जो नष्ट नहीं होता, जो सदा हमारे साथ रहता है – परमात्मा की कृपा में बसी हुई शांति, प्रेम और संतोष।
कार्यक्रम में अनुसुईया दीदी ने अपना उद्बोधन देते हुए कहा कि मनुष्य केवल शरीर नहीं है, बल्कि एक चेतन्य शक्ति आत्मा है। यह आत्मा ही शरीर के माध्यम से सभी कर्म करती है। हमारे हर अच्छे या बुरे कर्म का मूल स्रोत हमारी आत्मा ही होती है। शरीर तो एक माध्यम है। जब आत्मा शुद्ध होती है, तो उसके विचार, वाणी और कर्म भी शुद्ध होते हैं। यदि सच्ची कमाई करनी है तो हमें अपनी वाणी को मधुर और प्रेमपूर्ण बनाना होगा। जब हम प्रेम से, शांति से और आदरपूर्वक बोलते हैं तो हमारे शब्द केवल शब्द नहीं रहते, वे दुआएँ बन जाते हैं। इन दुआओं का कोई मूल्य नहीं लगा सकता, क्योंकि ये आत्मा को ऊँचा उठाती हैं, कर्मों को हल्का बनाती हैं और जीवन में सच्ची सुख-शांति का आधार बनती हैं।
जब हम किसी के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं, मीठे बोल बोलते हैं, सहायता करते हैं, शुभ सोचते हैं और सद्विचारों को सुनते हैं, तो यह सब आत्मा के भीतर जमा होता जाता है। यह जमा पूँजी ऐसी है जिसे कोई देखे या न देखे, कोई जाने या न जाने, पर आत्मा जानती है कि कुछ अच्छा संचित हुआ है। कभी-कभी हम दिन भर अच्छा व्यवहार करते हैं, सभी से प्रेम से बोलते हैं, और फिर भी कोई हमारी सराहना नहीं करता। पड़ोसियों को पता नहीं चलता, परिवार के लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं, और हम भीतर ही भीतर दुःखी हो जाते हैं। हमें लगता है कि हमारी अच्छाई का कोई मूल्य ही नहीं रहा, कोई उसे समझ नहीं रहा। पर यहाँ हमें यह समझना चाहिए कि हर व्यक्ति की किस्मत उसके कर्मों से बनती है। मेरे कर्म मेरी किस्मत बनाते हैं और किसी और के कर्म उसकी किस्मत तय करते हैं। अगर कोई मेरी अच्छाई को नहीं मानता, मेरी बात को नहीं समझता, मेरी सेवा का आदर नहीं करता, तो मुझे दुःखी नहीं होना चाहिए। अगर मैं अच्छा करते हुए भी दुःखी हूँ, तो यह मेरी समझ की कमी है। क्योंकि बुरा कर्म करने वाला तो दुःखी रहता ही है, लेकिन जो अच्छा कर्म करके भी दुःखी हो जाए, वह तो और भी बड़ी भूल कर रहा है। परमात्मा सब देखते है। हम उनके बच्चे हैं। जब हम अच्छे कर्म करते हैं, प्रेम से बोलते हैं, शांति से जीते हैं, सेवा में रहते हैं, तो परमात्मा की कृपा हमारे साथ होती है। इसलिए किसी के न मानने या सराहने न करने से हमें हताश नहीं होना चाहिए। हमारा हर अच्छा कर्म, चाहे वह छोटा हो या बड़ा, कहीं न कहीं आत्मा में दर्ज हो रहा है। यही हमारे जीवन की असली पूँजी है।
अतः हमें सदा यही याद रखना चाहिए कि कोई देखे या न देखे, कोई माने या न माने, लेकिन यदि हम सही मार्ग पर चल रहे हैं, प्रेम और सेवा के भाव में जी रहे हैं, तो हमें कभी दुःखी नहीं होना चाहिए। क्योंकि अंततः आत्मा को शांति उसके अपने कर्मों से ही मिलती है, और परमात्मा की दृष्टि से कोई भी अच्छा कर्म कभी व्यर्थ नहीं जाता।
कार्यक्रम का कुशल संचालन बीके ज्योति बहन (मोहना) ने किया तथा आभार बीके प्रहलाद भाई ने किया।
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके पवन, बीके सुरभि, बीके रोशनी, सुरेन्द्र, विजेंद्र, पंकज, पीयूस, रवि, गजेन्द्र अरोरा, डॉ स्वेता माहेश्वरी सहित अनेकानेक लोग उपस्थित थे।
-
Indraganj Lashkar4 months ago
लश्कर ग्वालियर :- ब्रह्माकुमारीज़ मेडिकल विंग द्वारा निशुल्क दंत रोग चिकित्सा परामर्श शिविर का हुआ आयोजन
-
Indraganj Lashkar3 months ago
बाल व्यक्तित्व विकास शिविर
-
Indraganj Lashkar3 months ago
ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ
-
Indraganj Lashkar2 months ago
म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित
-
Indraganj Lashkar2 months ago
मीडिया कवरेज – राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर ब्रह्माकुमारीज नें किया डॉक्टर्स का सम्मान
-
Indraganj Lashkar2 months ago
मालनपुर ग्वालियर – ब्रह्माकुमारीज़ के युवा प्रभाग द्वारा आयोजित डिवाइन यूथ फोरम तीन दिवसीय रिट्रीट सम्पन
-
Indraganj Lashkar2 months ago
न्यूज़ कवरेज – द्वितीय वाहिनी, विशेष सशस्त्र बल (S.A.F, 2nd Battalion) में नशा मुक्ति, तनाव प्रबंधन एवं सकारात्मक चिंतन” विषय पर कार्यक्रम आयोजित
-
Indraganj Lashkar2 months ago
न्यूज़ कवरेज – जीवन की असली पूँजी दौलत या प्रतिष्ठा नहीं, बल्कि खुशी, संतुष्टि और शांति है