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वेबिनार आयोजित -भर लो उड़ान छू लो आसमान (26 जुलाई ,2021)

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भर लो उड़ान छू लो आसमान के अंतर्गत सदाचार व मूल्य आधारित जीवन विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन”

ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विधालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के युवा प्रभाग के द्वारा “ यूथ फॉर ग्लोबल पीस “  की जुलाई माह की थीम  – “भर लो उड़ान छू  लो आसमान”  के अंतर्गत सदाचार व मूल्य आधारित जीवन विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन |

इस वेबिनार में 10-30 वर्ष के बच्चों एवं युवाओं के लिए एक राज्य स्तरीय ऑनलाइन भाषण  प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसका विषय रखा – “सदाचार व मूल्य आधारित जीवन” | इस कार्यक्रम में कई बच्चों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और सभी को सदाचार और नैतिक मूल्यों के बारे में बहुत सुन्दर रीती से बताया | तत्पश्चात सभी ने बताया कि मनुष्य के व्यक्तिगत और सामाजिक विकास के लिए गुण और नैतिक मूल्य आधारित जीवन जीना बहुत महत्वपूर्ण है | सदाचार व मूल्य आधारित जीवन हम सभी को एक बेहतर इंसान बनाता है साथ ही सही रास्ते पर चलने के लिए एक मार्ग दर्शन भी दिखाता है एवं मनुष्य जीवन में गुण और नैतिक मूल्य उनके सबसे अच्छे मित्र हैं क्योंकि यह आपको और आपके जीवन को चरित्रवान बनाते हैं,  साथ ही आपके व्यक्तित्व को भी निखारते हैं , यह आपके व्यवहार में शालीनता,  स्वयं के प्रति तथा दूसरों के प्रति सच्चाई, दया, क्षमा, इमानदारी, सेवा भाव सिखाता है |

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से बी.के.किरन बहन (रीजनल कोऑर्डिनेटर ब्रह्माकुमारीज़ शिक्षा प्रभाग), डॉ.प्रेमानंद सिंह चौहान (प्राचार्य- आई.पी.एस.कॉलेज, ग्वालियर), बी.के.रेखा बहन सीधी (ज़ोनल कोऑर्डिनेटर, युवा प्रभाग भोपाल),  बी.के.सुनीता बहन होशंगाबाद (सब ज़ोनल कोऑर्डिनेटर, युवा प्रभाग भोपाल),  बी.के प्रह्लाद भाई ग्वालियर (सदस्य युवा प्रभाग, भोपाल ज़ोन) उपस्थित थे |

बी.के.रेखा बहनजी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी का स्वागत अभिनन्दन किया और कार्यक्रम का उद्देश्य समझाते हुए बताया कि युवाओं के अन्दर जो गुण हैं, योग्यताएं हैं, विशेषताएं हैं, उन्हें यूज़ करने का तथा सकारात्मक करने का लक्ष्य है क्योकि युवा की आयु में उनके अन्दर एक होसला होता है कुछ कर दिखाने का तो उसका एक सकारात्मक प्रयोग हो सके उसके लिए यह कार्यक्रम का आयोजन किया गया है | साथ ही युवाओं की विशेषताओं, गुण, प्रतिभाओं  को एक सुन्दर रूप मिले और वह सभी समाज के कल्याण में काम आ सकें क्योकि युवाओं में विभिन्न प्रतिभाएं हैं परन्तु अगर उन्हें सही दिशा ना मिलने के कारण वह नकारात्मकता की और बढ़ते चले जाते हैं |

आगे बी.के.किरन बहनजी ने सभी को बताया कि जिस प्रकार विषय है तो जब हम  सदाचार और मूल्यों की  बात करते हैं तो प्रशन ये उठता है की सदाचार और मूल्यों का जीवन में होना माना क्या होना, इसका मतलब यही है की हमारा जीवन उन चीज़ों से श्रृंगारित होता है जिनकी हम सभी को बहुत कीमत है या बहुत आवश्यकता है | जिस प्रकार आज सभी के जीवन में पैसा अतिआवश्यक हो गया है तो उसे सब इक्हठा करने लगते हैं उसी प्रकार अगर हम सद्गुणों को अपने जीवन में धारण करते जाए | जैसे गांधीजी की पहचान उनके दो गुणों से होती है – सत्यता और अहिंसा क्योंकि उन्होंने इन दोनों गुणों को अपने जीवन में धारण किया तथा उसका इस्तेमाल किया उसी तरह सदा अगर में गुणों का आचरण करूँ तो निश्चित ही मेरा जीवन  सदाचारी जीवन  और मूल्य आधारित जीवन बन जायेगा |

डॉ.प्रेमानंद सिंह चौहान जी ने सभी को संबोधित करते हुए बताया की युवाओं को “आज रास्ता बना लिया तो कल मंजिल मिल ही जाएगी, मूल्यों को यदि समझा तो ऊँचाइयों भी मिल ही जाएँगी “ | आज सत्तर प्रतिशत हमारे  देश में युवा की  जनसँख्या है इसका मतलब यह है की हमारे देश में सत्तर प्रतिशत शक्ति है क्योंकि युवा मतलब शक्ति, पॉवर | बस ज़रूरत है हमारे देश के युवा अपनी शक्ति को केन्द्रित करें और अपने प्रति एक इमानदार प्रयास करें और ना केवल  अपने प्रति अपने साथ अपने राष्ट्र का भी कल्याण करने में सहभागी बनें | युवा का अगर उल्टा मतलब देखें तो होता है वायु जिसका तात्पर्य यही है की युवा में इतन क्षमता है की वो अपने जीवन को सकारात्मकता और सदाचार के साथ जी सकते हैं और भिन्न रूप से कमल करके दिखा सकते हैं|

कार्यक्रम के अंत में बी.के.प्रह्लाद भाई द्वारा सभी अतिथियों और वेबिनार में उपस्थित सभी युवाओं का आभार व्यक्त किया साथ ही कार्यक्रम का कुशल संचालन बी.के.सुनीता बहन के द्वारा किया गया |


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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी

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24 सितंबर 2025

खुशनुमा और स्वस्थ जीवन के लिए तनाव प्रबंधन आवश्यक – बीके प्रहलाद भाई

एसएएफ 13 बटालियन में तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली विषय पर प्रेरणादायक सत्र आयोजित

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।


इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।


कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।


कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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ब्रह्माकुमारीज़ के माधौगंज केंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधौगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


कार्यक्रम में संस्थान के बाल कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन किया। जिसने सभी का मन मोह लिया तो वहीं भजन गायकों द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति ने सभी को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और कहा कि आज हम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को हर्ष और उल्लास के साथ मना रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन को दिशा देने वाला आध्यात्मिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण जी का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा और अन्याय तथा बुराइयों का अंत करना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।


भगवान ने गीता में कहा है कि अपने कर्तव्यों को निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज के समाज के लिए बहुत प्रासंगिक है। यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य सही भावना से निभाए, तो समाज में अन्याय, भ्रष्टाचार और असमानता स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें गहन शिक्षाएँ देता है। उनका जन्म कारागार में दिखाते है, लेकिन परिस्थितियाँ कैसी भी रही हों, उन्होंने हमेशा धर्म और न्याय की स्थापना का कार्य किया। उनका पूरा जीवन हमें यह संदेश देता है कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
यह पर्व हमें नई श्रेष्ठाचारी और पावन दुनिया की याद दिलाता है। जब-जब संसार में अन्याय, अधर्म और असत्य बढ़ता है, तब ईश्वर अवतरित होकर मानवता को सही दिशा दिखाते हैं।

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कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार महेश कुमार, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद ने भी सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में सुंदर झांकी लगाई गई थी। जिसका दर्शन लाभ सभी ने लिया। साथ ही भजनों की सुंदर प्रस्तुति एवं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन करने वाले कलाकारों में कु. रोशनी, कु. तनवी, कु. पीहू, कु. नंदनी, कु. हंसिका, कु. रुचि, कु. नव्या, रूबी, सोनिया, पवन, अखिलेश, निलक्ष तथा बीके जीतू आदि शामिल थे।

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