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Indraganj Lashkar

राजयोगिनी दादी हृदय मोहनी जी (गुलजार दादी) को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई ।

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ग्वालियर:आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी हृदय मोहनी जी (गुलजार दादी) को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई ।
श्रद्धांजलि का कार्यक्रम पुराना हाइकोर्ट लाईन स्थित शाखा एवं माधौगंज शाखा में रखा गया । दादी जी ने 11 मार्च को अपनी पुरानी देह का त्याग किया था जिनका अंतिम संस्कार माउंटआबू के शांतिवन परिसर में देश विदेश के हजारों भाई एवं बहनों की उपस्थिति में 13 मार्च को संपन्न हुआ।
ग्वालियर में आज 14 मार्च को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें लश्कर ग्वालियर की इंचार्ज बी.के. आदर्श दीदी के साथ बी.के. ज्योति दीदी, बी.के.लक्ष्मी दीदी, बी.के. डॉ. गुरचरण भाई, बी.के. प्रहलाद भाई, बी.के. पवन भाई, बी.के. शान्या, बी.के. जया, बी.के. रितु, बी.के. माधवी, बी.के. गजेंद्र अरोरा सहित संस्थान से जुड़े सैकड़ो भाई बहनों ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इसके साथ ही ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी ने गुलज़ार दादी जी के साथ के अनुभव भी साझा किए जब सन 2002 में दादी जी का ग्वालियर आगमन हुआ था। इसके साथ ही दादी जी द्वारा दी गई शिक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए जीवन मे धारण करने की बात कही।

दादी हृदयमोहिनी के जीवन की मुख्य शिक्षाएं-
– परमात्मा एक हैं। हम सब उनकी संतान है आपस में भाई-बहन हैं। जब इस भाव में रहेंगे तो संसार की ज्यादातर समस्याएं अपनेआप खत्म हो जाएंगी।
– जब मैं कोई कार्य कर सकती हूं तो आप भी कर सकते हैं। बहनों से कहती थीं कि आप तो दुर्गास्वरूपा, शक्तिस्वरूपा हो। आपको इस दुनिया में नई राह दिखानी है।
– दादी कहती थीं कि परेशान होने के पांच शब्द हैं- पहला है क्यों… क्यों कहा और व्यर्थ संकल्पों की क्यूं चालू हो जाती है, इसने ये कहा, उसने ये कहा और मन में व्यर्थ संकल्प चालू हो जाते हैं। क्योंकि जो बीत चुका वह हमारे हाथ में नहीं है। फ्यूचर ही हमारे हाथ में है। क्यूं, क्या, कौन, कब और कैसे… ये पांच शब्द हमें परेशान करते हैं। खुशी के जाने के यह पांच शब्द ही हैं।
– सुखदाता शिवबाबा हैं, उन्हें याद करने से हमारे जीवन में सुख आता है। जब हम लाइट का स्वीच ऑन करते हैं तो सेकंड में अंधकार दूर होकर प्रकाश आता है। ऐसे ही जब हम अपने मन के तार शिवबाबा से जोड़ते हैं तो हमारे मन का अंधकार दूर हो जाता है और मन प्रकाशित अर्थात् शक्तिशाली बन जाता है।
– हर कार्य में सफल होने का एक ही मूलमंत्र है-दृढ़ता। यदि जीवन में दृढ़ता है तो सफलता निश्चित है, हुई पड़ी है। इसलिए प्लानिंग करके उसे पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्प करें। मेरे जीवन का अनुभव है कि जो भी कार्य किया है वह दृढ़ता के साथ किया है और सदा सफलता भी मिली है। दृढ़ता रूपी चाबी को हमेशा संभालकर रखें।

https://www.gnews24.co.in/2021/03/blog-post_74.html

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सीआरपीएफ संतुलित आहार

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सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से सेमिनार का आयोजन

ग्वालियर। सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से एक सेमिनार व वक्तव्य का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समूह केन्द्र के तानसेन क्लब में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाईटीशियन सौम्या चड्ढा, ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रेरक वक्ता बी के प्रहलाद भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम, श्रीमती भावना गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट दिलाबर सिंह, श्रीमती गीता, श्रीमती आशा सहित क्षेत्रीय कावा के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
केन्द्र में निवासरत महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व उनको लाभान्वित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा पोषण एवं अंधत्व नियंत्रण के विषय पर चर्चा की गयी
मुख्य आहार विशेषज्ञ सौम्या चड्ढा नें सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आहार इस तरह का हो जिसमें वह सभी पोषक तत्व आ जाए जो शरीर के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि लें। थाली में अनाज, दाल/ प्रोटीन, सब्जी, फल, दूध, दही जैसी चीजें शामिल करें। समय पर भोजन करें, सीजनल फल और सब्जियां लें, दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं, शारीरिक व्यायाम करें या कम से कम 30 मिनिट पैदल चलें, जरूरत से ज्यादा भोजन न करें।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिटेशन विशेषज्ञ बीके प्रहलाद भाई एवं बीके सुरभि नें सभी को मन को स्वस्थ्य रखने के लिए टिप्स दिए एवं राजयोग ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजयोग ध्यान करने से अनेक लाभ होते है। जैसे – यह तनाव कम करता है, मन को शांति और स्थिरता देता है, गुस्सा, चिंता और नकारात्मक सोच को घटाता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह सब ठीक है तो शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
सेमिनार में ग्रुप केन्द्र के सैंकड़ों कार्मिकों एवं इस ग्रुप केन्द्र में निवासरत महिलाओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। सेमिनार के अंत में क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम द्वारा डाईटीशियन सौम्या चड्ढा एवं बी के प्रहलाद भाई को स्मृति चिन्ह भेंट किए एवं विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धन करने हेतु धन्यवाद एवं आभार व्‍यक्‍त किया।

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खुशनुमा और स्वस्थ जीवन (एसएएफ 13 बटालियन)

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।
कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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