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IPS GROUP OF COLLEGE GWALIOR में राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम संपन्न
राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में IPS GROUP OF COLLEGE GWALIOR में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया| जिसमें मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में ब्रह्माकुमारीज की ओर से मोटिवेशनल ट्रेनर बी. के. प्रहलाद भाई को आमंत्रित किया गया| कार्यक्रम में डॉ. अरुण कुमार त्यागी (DIRECTOR IPS GROUP OF COLLEGE), श्री पी. के. घोष (CHIEF ADMINISTRATIVE OFFICER IPS GROUP OF COLLEGE), डॉ. अतुल कौशिक (PRINCIPAL IPS COLLEGE OF PHARMACY डॉ.पी.एस.चौहान(PRINCIPAL OF IPS TECHNOLOGY AND MANAGEMENT ), डॉ. रमा त्यागी (PRINCIPAL OF INSTITUTE OF PROFESSIONAL STUDY), अनुपमा अग्रवाल (COORDINATOR) मुख्य रूप से मौजूद रहे।
इस अवसर पर सभी ने स्वामी विवेकानंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए अपनी शुभकामनाएं रखी । तो इसके साथ ही मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में पधारे बी. के. प्रहलाद भाई ने स्वामी विवेकानंद जी को नमन करते हुए युवाओं को संबोधित किया और बताया कि हम सभी को स्वामी विवेकानन्द जी के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए| किस प्रकार उन्होंने अपने जीवन में अनेक दिव्य गुणों को धारण किया और अपने व्यक्तित्व को दुनिया के समक्ष एक उदाहरण रूप में प्रस्तुत किया उसी प्रकार हम सभी को भी अपने जीवन को दिव्य गुणों से श्रृंगारित करना चाहिए|
उन्होंने बताया कि आज लोगों के चेहरे से खुशी गुम होती जा रही है और उसकी जगह क्रोध, चिडचिडापन और तनाव ने ले ली है। हर व्यक्ति खुश रहना चाहता है लेकिन वह यह नहीं समझ पाता कि खुश रहा कैसे जाए।
खुश रहने के लिए भाई जी ने बताया कि आज हम जितना समय बाहर की दुनिया के लिए देते है उसमें से थोड़ा समय मुझे अपने आप से बात करने के लिए निकालना चाहिए। आज हम जो भी हैं जैसे भी हैं वह अपनी सोच का परिणाम हैं| और अपने भविष्य में हम स्वयं को कहाँ देखना चाहते हैं यह हमारी वर्तमान सोच, लक्ष्य के प्रति एकाग्रता और सकारात्मक चिन्तन पर निर्भर करता है|
उन्होंने कहा ऊर्जा से भरे हमारे युवा क्या कुछ नहीं कर सकते बस आवश्यकता है दृढ़ इच्छाशक्ति, सकारात्मक द्रष्टिकोण और श्रेष्ठ चिंतन की साथ अपनी ऊर्जा को सही दिशा में प्रवाहित करने की और अपने लक्ष्य और ध्येय को सार्थक करने की । चेतन और अवचेतन मन के बारे में भी किस तरह से यह काम करता है।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि एक सशक्त युवा को क्या करना चाहिए ।
- सशक्त युवा सदैव अच्छे संग में रहेगा एवं अच्छे साहित्य का अध्यन करेगा |
- सशक्त युवा हमेशा व्यसनों से दूर रहेगा |
- उसके अन्दर देश हित एवं विश्व कल्याण की भावना होगी|
- वह सदैव नारियों का सम्मान करेगा |
- वह एकाग्रता के साथ अपने लक्ष्य के प्रति अग्रसर रहेगा |
- वह दूसरों की कमी कमजोरी को न देखते हुए सभी को आगे बढ़ाने की भावना अपने ह्रदय में रखेगा |
- वह ईर्ष्या, घ्रणा, क्रोध, परचिन्तन एवं भय से मुक्त होगा |
- वह प्रतिदिन स्व-चिंतन एवं स्व-उन्नति के लिए समय निकालेगा |
उन्होंने स्टूडेंट्स के साथ इंटरेक्शन करते हुए अनेकानेक उदाहरण देकर उनको उनकी वास्तविक शक्ति से परिचित कराया|
अंत में उन्होंने मैडिटेशन के महत्व को समझाते हुए कहा कि हम सभी को अपनी दिनचर्या में नियमित रूप से मैडिटेशन के लिए कुछ समय सुनिश्चित करना चाहिए और जहाँ तक संभव हो अपने विचारों पर अटेंशन देते हुए जीवन के नकारात्मक पहलुओं को ना देखते हुए जीवन में सकारात्मक रवैया अपनाना चाहिए| और सभी को राजयोग मैडिटेशन की गहन अनुभूति भी करायी|
इस अवसर पर सभी विभागाध्यक्ष सहित अनेकानेक विद्यार्थी उपस्थित रहें।
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सिकंदर कम्पू पर सात दिवसीय ज्ञान सप्ताह के अंतर्गत प्रवचन
ग्वालियर। आज की भागती और व्यस्त जीवन शैली में व्यक्ति अक्सर बाहरी दुनिया की उलझनों में फंस जाता है, जबकि असली सुख और शांति तो अंदर की ओर देखने से मिलती है। उक्त बात प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय, सीधी से पधारी बीके अर्चना दीदी ने सिकंदर कम्पू स्थित पानी की टंकी के पास चल रहे प्रवचन के दौरान अपने उद्बोधन में कही। यह श्रोताओं के लिए सुन्दर अवसर था जिसमें दीदी कर्मों की गुह्य गति, भाग्य और आत्मानुभूति को सरल शब्दों में और प्रेरक कहानियों के माध्यम से स्पष्ट कर रहीं थी। उन्होंने आगे कहा कि जीवन बहुत अनमोल है सत्कर्म ही व्यक्ति को शांति, सफलता और आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाते है, जबकि व्यर्थ कर्म या अनजाने में किए हुए कर्म दुःख का कारण बनते है। उन्होंने कहा कि कर्म केवल बाहरी क्रिया ही नहीं, बल्कि मन, वाणी और संकल्प की ऊर्जा है, जों व्यक्ति के वर्तमान और भविष्य दोनों को प्रभावित करती है। कर्म का फल अवश्य प्राप्त होता है। चाहे आज न मिले, लेकिन कल या भविष्य में निश्चित फल मिलता है। जैसा कहा जाता है कि जितना कुआं खोदोगे, उतना पानी मिलेगा अर्थात मनुष्य के भीतर जो सोच और कर्म हैं, उनका परिणाम निश्चित ही सामने आता है। इसलिए जीवन में सदैव श्रेष्ठ कर्म और परमात्मा की याद करते रहना चाहिए। तो वर्तमान भी अच्छा होगा और भविष्य भी अच्छा होगा।
उन्होंने आगे कहा कि चार बातें जीवन में हमेशा याद रखो पहली सत्संग, दूसरी ध्यान, तीसरी धारणा और चौथी बात सेवा इससे आप अपने जीवन को अच्छा बना सकते है। सत्संग अर्थात वह दर्पण जिसमें हमें अपने कर्मों को स्पष्ट देखने का मौका मिलता है। ध्यान अर्थात परमात्मा की याद, आप कितने भी व्यस्त क्यों न हो थोड़ा समय निकालकर परमात्मा को याद करना चाहिए जिससे हमारे पुराने कर्मों का खाता हल्का होता है और हमें सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। धारणा अर्थात जों अच्छी बाते आप सुनते है उनको जीवन में धारण करना या हम कह सकते है कि दिव्यगुणों की धारणा और फिर है सेवा अर्थात मन, वाणी और कर्म से निःस्वार्थ सेवा जों दूसरो को सुख दे। जिससे पाप कटते है और शुभ कर्मों का खाता बढ़ता है।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज लश्कर ग्वालियर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी नें भी सभी को शुभ प्रेरणाएं देते हुए कहा कि समय परिवर्तन शील है, सदा एक जैसा नहीं रहता। इसलिए कभी भी छोटी छोटी बातों से घबराना नहीं चाहिए और दुखी नहीं होना चाहिए। जो आप अच्छा कर सकते है करते रहना चाहिए जों आपको लग रह है, ठीक नहीं है आपसे नहीं हो रहा है, वह ईश्वर पर छोड़ दो तो सब अच्छा हो जायेगा।
उन्होंने आगे सृष्टि चक्र के बारे में बताते हुए कहा कि चार युगो का यह चक्र है जिसमें सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग होता है। सतयुग बीत गया, त्रेतायुग बीत गया, द्वापर युग भी बीत गया और यह कलयुग भी बीत जायेगा, तो निश्चित ही इसके बाद फिर सतयुग आएगा। क्यों कि यह चक्र है जैसे रात के बाद दिन और दिन के बाद रात आती है ठीक उसी तरह सृष्टि का चक्र भी परिवर्तन होता है। अभी जो समय चल रहा है यह प्रभु मिलन का समय है जिसे हम पुरुषोत्तम संगम युग कहते है। इसमें हम परमात्मा की याद से श्रेष्ठ कर्म करके आने वाली स्वर्णिम दुनिया के अधिकारी बन सकते है।
कार्यक्रम में सभी श्रद्धालु आंनद की अनुभूति करते दिखे।
इस अवसर पर सोनिया, महेश, संध्या, अनिल सिहारे, सीमा सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे।

Indraganj Lashkar
सकारात्मक चिंतन से हर समस्या का समाधान मिलता है – आदर्श दीदी
04.09.2025
नारायणा स्कूल में पॉजिटिव थिंकिंग एवं मैडिटेशन विषय पर कार्यक्रम आयोजित

ग्वालियर। नारायणा ई- टेक्नो स्कूल द्वारा श्री गणेश उत्सव के उपलक्ष्य में पॉजिटिव थिंकिंग एवं मैडिटेशन विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के केंद्र प्रमुख वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षका बीके आदर्श दीदी को आमंत्रित किया गया था।
कार्यक्रम में स्कूल की प्रिंसिपल निधि कुलकर्णी सहित स्टॉफ के अन्य सदस्य उमा सक्सेना, नंदिनी यादव, रिया छाबड़ा, पायल जैन, मुकुल श्रीवास्तव
आदि उपस्थित थे।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बीके आदर्श दीदी नें सभी को श्री गणेश उत्सव की शुभकामनायें दीं और कहा कि श्री गणपति जी का जीवन हमें बहुत प्रेरणा देता है हम उनके जीवन से बहुत कुछ सीख सकते है। श्री गणपति जी की दिव्यता, अपने माता-पिता के प्रति आज्ञाकारिता तथा उनके हाथों में जो अलंकरण दिखाते है वह किसी न किसी विशेष गुण और शक्ति का प्रतीक है। दीदी नें आगे कहा कि संगठित रूप से कार्य करने से सफलता प्राप्त होती है और हर परिस्थिति में परमात्मा की याद से ही स्थिर रहना संभव है।
दीदी नें सकारात्मक चिंतन का महत्व बताते हुए कहा कि सकारात्मक सोच जीवन की दिशा और दशा बदल देती है अर्थात जीवन को अच्छा बना देती है। आज कोई भी परिस्थिति व्यक्ति के जीवन में आती है तो वह घबरा जाता है। जबकि जीवन है तो उतार चढाव तो आएंगे उनसे हमें घबराना नहीं चाहिए। हमेशा हर परिस्थिति में सकारात्मक रहने से हर समस्या का समाधान मिल जाता है। दिन कि शुरुवात राजयोग ध्यान अर्थात परमात्मा कि याद से करना चाहिए तो सारा दिन अच्छा व्यतीत होगा। दीदी नें राजयोग ध्यान कि विधि सभी को बताई और सभी को ध्यान कि गहन अनुभूति भी कराई।

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