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Indraganj Lashkar

राष्ट्रीय युवा दिवस पर “सशक्त युवा सशक्त भारत” कार्यक्रम संपन्न

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युवाओं के जीवन में आध्यात्मिकता के समावेश की आवश्यकता – बी. के. आदर्श दीदी

ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधवगंज लश्कर सेवाकेंद्र द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में युवा भाई-बहिनों के लिए “सशक्त युवा सशक्त भारत” विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया| कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को उनकी सुषुप्त शक्तियों को जाग्रत कर अपने जीवन में आध्यात्मिकता के समावेश द्वारा स्वयं का एक श्रेष्ठ चरित्र व महान व्यक्तित्व गढ़ सशक्त भारत, विश्वसिरोमणि भारत के निर्माण में उच्च भूमिका कैसे निभाई जाए| कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ| कार्यक्रम में मुख्य रूप से बी. के. आदर्श दीदी (सेवाकेंद्र संचालिका लश्कर ग्वालियर) बी. के. प्रह्लाद भाई, बी. के. डॉ. गुरुचरण भाई, बी. के. ज्योति दीदी, बी.के. पवन भाई आदि मौजूद रहे |

दीप प्रज्वलन के पश्चात बी. के. प्रहलाद भाई ने स्वामी विवेकानंद जी को नमन करते हुए सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की शुभकामनाएं दी | इसके बाद स्वामी विवेकानंद जी की विशेषताओं को बताते हुआ कहा कि हर युवा को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और उसके अनुरूप सकारात्मक चिंतन के साथ अपने जीवन को उदाहरण स्वरुप बनाना चाहिए| इस अवसर पर उन्होंने महात्मा बुद्ध के इस कथन को दोहराया कि जीवन क्षणिक है इसलिए वह हमेशा के लिए नहीं रहेगा| लेकिन क्षण क्षणिक नहीं है वह सदैव के लिए इतिहास के पन्नों पर लिख दिया जायेगा| अत: उस क्षण में जीवन कैसे बिताया जाये कैसे प्रत्येक क्षण को श्रेष्ठ से श्रेष्ठ बनाकर, सही दिशा देकर उन्नति के शिखर पर पहुंचकर उसे हमेशा के लिए अमिट कर दिया जाये| उस दिशा में हमें बढ़ना होगा |

सेवाकेंद्र संचालिका बी. के. आदर्श दीदी जी ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के निर्माण का आधार युवा हैं| आज का युवा कल के विश्वगुरु भारत का आधार है| वे ही सफलता के बीज हैं| यदि सारे इतिहास के पन्ने पलट कर देख लिया जाये तो संसार में जो भी परिवर्तन की क्रांतियाँ हुई हैं, परिवर्तन हुए हैं वह युवाओं के द्वारा ही किये गये हैं| और पूरे विश्व में सर्वाधिक युवाशक्ति भारत देश में हैं| उन्होंने ‘युवा’ शब्द का अर्थ एवं उनकी शक्तियों को स्पष्ट करते हुए बताया कि युवा अर्थात ‘ऊर्जा’ | यदि ऊर्जा का प्रयोग सही दिशा अर्थात सकारात्मक दिशा में हो तो वह निश्चित ही प्रगति के रूप में प्रत्यक्ष होगी और यदि इसका प्रयोग नकारात्मक दिशा में किया जाये तो निश्चित ही यह पतन का कारण बनेगी| क्यों कि किसी भी राष्ट्र का निर्माण भौतिकता से नहीं हो सकता उसके लिए आवश्यकता है सशक्त सोच की| और सोच में विशालता आध्यात्मिकता से ही आती है और सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए प्रत्येक युवा के जीवन में कहीं ना कहीं आध्यात्मिकता के समावेश की आवश्यकता है|

जैसा कि हम सभी देख रहे हैं आज सभी का मन बहुत कमजोर हो गया है जो जल्दी ही व्यसन और व्यर्थ की तरफ आकर्षित हो जाता है| अतः अब मन को सही दिशा देकर सशक्त बनाने की आवश्यकता है| उन्होंने बताया कि मन की प्रवृत्ति चंचल है यदि मन को सही दिशा में न लगाया जाये तो मन किसी भी व्यर्थ में उलझकर हमारे जीवन को अनेक प्रकार की समस्याओं में डाल सकता है |

उन्होंने कहा कि युवावस्था दोपहर के सूर्य के समान तेजोमय अवस्था है एवं ऊर्जा से भरपूर होती है अतः युवाओं को आवश्यकता है अपनी इस ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देकर सशक्त युवा के रूप में खुद को स्थापित कर सशक्त वातावरण निर्मित करने की|

बी. के. डॉ. गुरचरण भाई ने सभी को संबोधित करते हुए बताया कि आज वर्तमान समय आवश्यकता है परमात्मा की याद से आत्मा रुपी बैटरी को चार्ज कर अपने दिमाग को शीतल-शांत बनाकर जो हमारे अंदर शक्तियां सुषुप्त अवस्था में हैं उनको जाग्रत कर अपने अंदर की कमी-कमजोरी को समाप्त कर स्वयं को सही दिशा देने की| साथ ही जो संसार के अन्दर भटके हुए युवा हैं जो कि अनेक प्रकार के लडाई-झगडे में, काम बंद कलम बंद के नारों में आज अपनी शक्ति बर्बाद कर रहे हैं उन्हें जागरूक करने की और उन्हें इस युवा जीवन में ईश्वर प्रदत्त शक्तियों के महत्व से परिचित करवाने की तथा इस ऊर्जा को व्यर्थ में ना लगाते हुए सकारात्मक दिशा में उसका प्रयोग करने की |साथ ही हम सभी की  जिम्मेदारी है अपने से छोटों के लिए मार्गदर्शन देने के निमित्त बनें और अपने से बड़े हैं उनकी जो हमारे प्रति आस है  उस आस को पूर्ण कर घर का दीपक बनने के साथ-साथ राष्ट्र और विश्व के भी दीपक बनें|

कार्यक्रम के अंत में बी.के. ज्योति दीदी ने सभी को गहन राजयोग मैडिटेशन कि अनुभूति कराई | तत्पश्चात सभी को कुछ प्रतिज्ञाएँ भी करायीं गयीं |

 

 

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी

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24 सितंबर 2025

खुशनुमा और स्वस्थ जीवन के लिए तनाव प्रबंधन आवश्यक – बीके प्रहलाद भाई

एसएएफ 13 बटालियन में तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली विषय पर प्रेरणादायक सत्र आयोजित

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।


इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।


कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।


कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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ब्रह्माकुमारीज़ के माधौगंज केंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधौगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


कार्यक्रम में संस्थान के बाल कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन किया। जिसने सभी का मन मोह लिया तो वहीं भजन गायकों द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति ने सभी को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और कहा कि आज हम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को हर्ष और उल्लास के साथ मना रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन को दिशा देने वाला आध्यात्मिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण जी का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा और अन्याय तथा बुराइयों का अंत करना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।


भगवान ने गीता में कहा है कि अपने कर्तव्यों को निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज के समाज के लिए बहुत प्रासंगिक है। यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य सही भावना से निभाए, तो समाज में अन्याय, भ्रष्टाचार और असमानता स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें गहन शिक्षाएँ देता है। उनका जन्म कारागार में दिखाते है, लेकिन परिस्थितियाँ कैसी भी रही हों, उन्होंने हमेशा धर्म और न्याय की स्थापना का कार्य किया। उनका पूरा जीवन हमें यह संदेश देता है कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
यह पर्व हमें नई श्रेष्ठाचारी और पावन दुनिया की याद दिलाता है। जब-जब संसार में अन्याय, अधर्म और असत्य बढ़ता है, तब ईश्वर अवतरित होकर मानवता को सही दिशा दिखाते हैं।

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कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार महेश कुमार, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद ने भी सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में सुंदर झांकी लगाई गई थी। जिसका दर्शन लाभ सभी ने लिया। साथ ही भजनों की सुंदर प्रस्तुति एवं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन करने वाले कलाकारों में कु. रोशनी, कु. तनवी, कु. पीहू, कु. नंदनी, कु. हंसिका, कु. रुचि, कु. नव्या, रूबी, सोनिया, पवन, अखिलेश, निलक्ष तथा बीके जीतू आदि शामिल थे।

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