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Indraganj Lashkar

ग्वालियर :अखिल भारतीय प्रदर्शनी बस अभियान – मेरा भारत स्वर्णिम भारत’

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अपने अन्दर के हीरो को पहचानिए उसकी खोज करिए  बीकेचन्द्रिका दीदी

बार– बार स्वयं की कमियों का चिंतन करने की वजह स्वयं की विशेषताओं का चिंतन करें बीकेकृति दीदी 

जितना हम स्वयं में परिवर्तन कर नवीनता लायेंगे उतना ही हम जीवन में उमंग उत्साह का अनुभव करेंगे  बीकेअवधेश दीदी

ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय एवं भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के युवा प्रभाग की ‘अखिल भारतीय प्रदर्शनी बस अभियान – मेरा भारत स्वर्णिम भारत’ का ग्वालियर शहर में भव्य स्वागत किया गया साथ ही एक पैदल शोभा यात्रा का आयोजन हुआ| जिसका शुभारम्भ पूर्व साडा अध्यक्ष श्री राकेश जादौन ने झंडी दिखाकर किया यह यात्रा दोपहर 3:30 बजे से रामदास घाटी तिराहा से प्रारंभ होकर, शिंदे की छावनी, गुरुद्वारा, नदीगेट, इंदरगंज होते हुए 5:30 चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स पहुंची जहाँ ग्वालियर शहर के जन साधारण के लिए आयोजित कार्यक्रम  में मुख्य रूप से ब्रह्माकुमारीज संस्थान के युवा प्रभाग की राष्ट्रीय उपाध्यक्षा राजयोगिनी बी. के. चन्द्रिका दीदी, राष्ट्रीय संयोजिका बी. के. कृति दीदी एवं म. प्र. भोपाल जोन की निदेशिका राजयोगिनी बी. के. अवधेश दीदी जी, बी. के. निर्मला दीदी(रीवा),संत श्री कृपाल सिंह जी महाराज,श्री मुन्ना लाल गोयल(विधायक),श्री प्रवीण अग्रवाल(मानसेवी सचिव चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स),श्री प्रदीप कश्यप, बी.के. रेखा दीदी(सीधी), बी. के. आदर्श दीदी (सेवाकेंद्र संचालिका लश्कर), बी. के. ज्योति बहन (मालनपुर), बी. के. प्रहलाद भाई आदि उपस्थित थे| साथ ही बस यात्रा में सारे देश से शामिल हुए ब्रह्माकुमारीज संस्थान के युवा भाई-बहिन यात्रा मेनेजर बी. के. अवनीश भाई(माउंट आबू), यात्रा इन्चार्ज बी. के. आशा दीदी(अजमेर), बी. के. किरण (नयी दिल्ली), बी. के. किरण बहिन(सूरत), बी. के. दिव्या बहिन(पानीपत), बी. के. सुभाष भाई(गोदारा गुजरात), बी. के. जगदीश भाई(सिरसा हरियाणा), बी. के. कमलजीत भाई(पंजाब),बी. के. मनीष भाई(बिहार), बी. के. रमण भाई(हरियाणा), बी. के. विकास भाई(राजस्थान), बी. के. पियूष भाई(मध्यप्रदेश), बी. के. राकेश भाई(म. प्र.) शामिल हुए|

 बी. के. चन्द्रिका दीदी ने  युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि अपने अन्दर के हीरो को पहचानिए उसकी खोज करिए | जिस प्रकार कस्तूरी म्रग के बारे में कहा गया है कि वह अपने ही शरीर के अन्दर से आने वाली सुगंध की खोज चारों ओर करता रहता है लेकिन वह जिस सुगंध को खोज रहा होता है वह उसके अन्दर से ही आ रही होती है उसी प्रकार मनुष्य खासतौर पर उमंग, उत्साह जोश से भरा हुआ हमारा युवा वर्ग आज वह स्वयं की क्षमताओं, शक्तियों और गुणों को भुला बैठा है उसमें जीवन मूल्यों का ह्रास देखने को मिलता है|

बी. के. निर्मला दीदी ने कहा कि आज युवाओं को महात्मा गाँधी के इस कथन को जीवन में उतारने की आवश्यकता है “ खुद वह बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं|” उन्होंने सभी को राजयोग मैडिटेशन की उपयोगिता बताते हुए कहा कि राजयोग से ही हमारे जीवन में मूल्यों का विकास होता है और मूल्यवान व्यक्ति ही सही अर्थों में समाज व राष्ट्र का विकास कर सकता है विश्व को एक नयी दिशा दे सकता है|

 बी. के. कृति दीदी ने कहा कि वर्तमान परिवेश में हमने स्वतंत्रता अर्थात् आजादी  के नाम पर अच्छे बुरे मानदंडों, नियमों को कुचल दिया है और अधिकतर युवाओं ने उन आदतों को अपना लिया है या अपनाना चालू कर दिया है जो उसके लिए हानिकारक है आज का युवा कई प्रकार के व्यसनों के अधीन हो गया है और अपने जीवन को गलत दिशा में ले जा रहा है|

यात्रा इन्चार्ज बी.के. आशा दीदी  ने बस यात्रा के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए बताया कि स्वच्छता अनेक प्रकार की हो सकती है शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, नैतिक, आध्यात्मिक| वर्तमान समय मनुष्य सिर्फ अंगशुद्धि से अधिक कुछ करना नहीं जानता| वह अपने विचारों को,व्यवहार को, सम्बन्ध-संपर्क को शुद्ध रखना भूल गया है| आज वर्तमान समय हमारे मन के अन्दर नकारात्मकता की गन्दगी आ गयी है जिसके परिणाम स्वरूप हमारे कर्मों में भी स्वच्छता दिखाई नहीं देती |

बी. के. अवधेश दीदी ने बताया कि वर्तमान समय के अनुसार आज हम सभी को Relax Recharge व Rejuvenate होने की आवश्यकता है|

कार्यक्रम के अंत में विभिन्न समाज सुधारक संगठन, युवा संगठन  आदि के द्वारा बी. के. चन्द्रिका दीदी और बी. के. कृति दीदी का सम्मान किया गया| कार्यक्रम का कुशल संचालन बी. के. रेखा दीदी के द्वारा किया गया और अंत में बी. के. प्रहलाद भाई के द्वारा सभी का आभार किया गया|

इस अभियान में लश्कर सेवाकेंद्र के अंतर्गत ग्वालियर शहर में कार्यक्रम दि रेडीएन्ट स्कूल, जी. डी. गोयनका स्कूल, ग्वालियर ग्लोरी स्कूल, रामश्री स्कूल, प्रतीक इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, इंस्टिट्यूट ऑफ़ डेन्टल एजुकेशन एण्ड एडवांस स्टडीज, वी. आई. एस. एम. ग्रुप ऑफ़ स्टडीज, के. एस. नर्सिंग कॉलेज,सिथोली रेलवे स्प्रिंग कारखाना, जी. आर. मेडिकल कॉलेज आदि संस्थानों में आयोजित किये गए|

इन कार्यक्रमों के अंतर्गत युवाओं को जीवन में नैतिक मूल्यों की उपयोगिता, स्वच्छता, नशामुक्ति, पर्यावरण संरक्षण, सकारात्मकता, तनाव प्रबंधन, समय प्रबंधन, संकल्प शक्ति के चमत्कार, सफलता की चाबी, चुनौती पूर्ण परिस्थितियों का प्रबंधन आदि विषयों पर बताया| और अवगत कराया कि सशक्त युवा ही है आधार श्रेष्ठ समाज का और स्वर्णिम भारत का| तो अभी समयानुसार आवश्यकता है एक साधारण युवा से नैतिक मूल्यों से सुसज्जित सशक्त युवा के रूप में स्वयं को स्थापित करने की और जीवन में  आध्यात्मिक मूल्यों के माध्यम से स्वयं को व विश्व को एक नयी दिशा देने की| साथ ही सभी को  राजयोग मैडिटेशन की जीवन में उपयोगिता एवं उससे होने वाले लाभों के बारे में भी बताया कि किस प्रकार राजयोग के माध्यम से जीवन में मूल्यों का विकास होता है और आत्मिक बल जमा होता है| और अंत में सभी को राजयोग मैडिटेशन का अभ्यास भी करवाया|

 

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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

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Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

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बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

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