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Indraganj Lashkar

दिलाराम से दिल को आराम – बी के डॉ गुरचरन (वर्ल्ड हार्ट डे के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम)

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(वर्ल्ड हार्ट डे के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम)
दिलाराम से दिल को आराम – बी के डॉ गुरचरन

ग्वालियर: ब्रह्माकुमारीज़ की स्थानीय शाखा माधोगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में आज वर्ल्ड हार्ट डे के उपलक्ष्य में जन जागृति हेतु एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत में बी के प्रह्लाद भाई ने संस्थान का पारिचय देते हुए बताया कि मेडिकल विंग द्वारा स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्यक्रम समय प्रति समय आयोजित किये जाते हैं । हृदय रोगों के बारे में बताते हुए डॉ गुरचरन ने कहा कि वर्तमान समय में हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है क्योंकि थोड़ी जागरूकता हमें इस गंभीर रोग से बच सकते हैं । आज के समय हृदय रोग मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है । जो बिमारी बुजुर्गों में होती थी आज युवा अवस्था में ही लोग इसकी चपेट में आ रहे है । इस बीमारी के मुख्य कारण हैं-
1- मोटापा
2- मधुमेह
3- धूम्रपान
4- उच्च रक्तचाप आदि
जिसमें से ज्यादातर हमारी गलत जीवन शैली से उत्पन्न हैं । इस वर्ष की मुख्य थीम-
माय हार्ट योर हार्ट
मेक योर हार्ट प्रोमिस
इसके तहत हमें स्वयं को और अपने करीबी मित्र सम्बन्धियों को स्वस्थ जीवन शैली के बारे में स्वयं से वादा करना है कि हम स्वस्थ रहेंगे, धूम्रपान नहीं करेंगे, प्रतिदिन व्यायाम करेंगे आदि । आपने कहा कि इसके लिए हमें विशेष रूप से पिता परमात्मा द्वारा सिखाये जा रहे राजयोग से अपने जीवन को स्वस्थ एवं निरोगी बनाना है । इसके लिए हमें अपने जीवन में धन्यवाद का नजरिया धारण करना है । कहते हैं कि अगर आप सुबह उठ गए तो उस पिता परमात्मा का धन्यवाद कीजिये क्योंकि कई लोग ऐसे भी हैं जो सुबह उठ ही नहीं पाते । अपने सारे मन के बोझ जिनकी वजह से हमारे हृदय पर बोझ पड़ता है वो सब परमात्मा को सौप कर हल्के होकर अपने कार्यो को करना है ।
इसके लिए कुछ बातों का ध्यान अपने जीवन में जरूर रखना है –
1- जल्दी सोना और जल्दी उठना ।
2- सुबह उठकर ध्यानाभ्यास करना है ।
3- प्रतिदिन पैदल चलना/ व्यायाम करना/ तैरना या नृत्य जरूर करना है ।
4- नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहना है ।
5- खान पान की परहेज रखनी है ।
6- दवायें नियमित रूप से लेनी है ।
7- किसी भी परिस्थिति में डॉ से संपर्क जरूर करना है ।
8- कुछ न कुछ समाज सेवा जरूर करनी चाहिए जिससे की हमें दुआएँ मिलेंगी, व्यायाम भी हो जाएगा और जीवन में ख़ुशी की भी अनुभूति होगी ।
इसके पश्चात सभी भाई बहनों को गीत के माध्यम से व्यायाम भी कराया गया । तत्पश्चात सेवाकेंद्र संचालिका राजयोगिनी बी के आदर्श दीदी ने सभी का धन्यवाद देते हुए सभी को प्रसाद भी वितरित किया । कार्यक्रम में बी के ज्योति, बी के पवन, बी के बृजेन्द्र सहित शहर से अनेकानेक लोगों ने उपस्थित होकर कार्यक्रम का लाभ लिया।

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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

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Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

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बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

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