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अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस पर युवा बहिनों के सम्मान में पदयात्रा एवं कार्यक्रम – ब्रह्माकुमारीज़ लश्कर ग्वालियर

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अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस पर युवा बहिनों के सम्मान में निकाली गयी पद् यात्रा-

“चलें युवा नारी गौरव के लिए”

आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ग्वालियर एवं युवा प्रभाग के अंतर्गत अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम (let’s walk for young women’s dignity) का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. राजेंद्र कछावा, डॉ राकेश कंचन, ब्रह्माकुमारीज संस्थान ग्वालियर की सेंटर इन्चार्ज राजयोगिनी बीके आदर्श दीदी जी ,बीके प्रहलाद भाई और अनेक ब्रह्माकुमारी भाई बहिन उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंतर्गत युवा बहिनों के सम्मान में ब्रह्माकुमारीज संस्थान के भाइयों द्वारा पद्यात्रा निकाली गयी जो कि पुराना हाईकोर्ट से प्रारम्भ होकर माधवगंज स्थित ब्रह्माकुमारी सेंटर तक निकाली गयी ।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से ब्रह्माकुमारीज ग्वालियर की सेंटर इन्चार्ज बीके आदर्श बहिन द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में विशेष युवाओं के लिए दिए गए उद्बोधन में बताया कि जैसा कि हम सभी जानते हैं कि किसी देश की रीढ़ कि हड्डी उस देश के युवाओं को कहा जाता है क्योंकि युवा ही देश कि नीव और देश का भविष्य होते हैं लेकिन आज का युवा बहुत ही भटकता जा रहा है युवा वर्ग अपनी शक्तियों का दुरूपयोग कर रहा है वह व्यसनों में फंसकर व्यसनी होता जा रहा है तथा देश व समाज के प्रति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को भूलता जा रहा है दीदीजी ने बताया अब युवाओं को अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा। अपने माता-पिता ,गुरुजन ,परिवारजन और बड़ों का सम्मान करना सीखें साथ ही समाज में जितनी माताये बहिने हैं छोटी से लेकर बड़ी तक सबका सम्मान करना,सभी को पवित्र दृष्टि से देखना सीखें यह युवाओं का कर्तव्य है। इसके लिए ब्रह्माकुमारीज संस्थान द्वारा गांवों-गांवों, नगर –नगर जाकर अनेक प्रयास किये जा रहे हैं “युवा जागो और सारे जग को जगाओ” और ऐसी उड़ान भरो उमंग उत्साह से स्वयं को भरो परमपिता परमात्मा से शक्ति लेकर इस संसार में व्याप्त अनेतिक वृत्तियों,भ्रष्टाचार को समाप्त करो । जैसे दोपहर का सूर्य अपनी संपूर्ण तेजोमय स्तिथि में होता है उसी प्रकार युवाओं के अन्दर भी वह शक्ति है जिसके द्वारा वह इन सब डेरा डाल चुकी बुराइयों को समाप्त कर सकता है इसी दिशा में ब्रह्माकुमारीज संस्थान में अनेक युवा भाई बहिन जुड़कर गाँव-गाँव, नगर नगर जाकर स्वयं को व्यसनमुक्त बनाकर अनेकानेक लोगों को व्यसनमुक्त बना रहे है और स्वर्णिम भारत के निर्माण में अपना सहयोग दे रहे हैं । साथ ही दीदी जी ने समाज और राष्ट्र में नारी को पुनः गौरवमय स्थान दिलाने के लिए प्रतिज्ञा करवाई –

1.प्रत्येक नारी के प्रति सम्मान पूर्ण द्रष्टिकोण रखूँगा।

2.समाज में हर नारी सुरक्षित रहे ,इसके लिए मै प्रयत्नशील रहूँगा।

3. नारी प्रति अशुद्ध भावना रखने वाले या ऐसा कार्य करने वालों के प्रति मै दीवार बनकर खड़ा रहूँगा।

4. नारी देश का गौरव बने ,इस उद्देश्य को संपन्न करने युवा –युवतियों का दिव्य युवा संगठन बने इस दिशा में कार्य करूँगा।

5. मै अन्य (10) युवा साथियों को इस नेक कार्य के प्रति प्रोत्साहित कर साथी बनाऊंगा।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से पधारे हुए डॉ राजेंद्र कछावा जी ने सभी को अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस की बधाई दी और उन्होंने सभी युवाओं को बताया आपके मन में जो भी विचार उठते हैं उनपर निरंतर आपका ध्यान रहे जो भी व्यर्थ विचार उठते है उनका दमन करें और देश के उत्थान में अपना योगदान दें।साथ ही मुख्य रूप से उपस्थित डॉ राकेश कंचन जी ने युवा पीढ़ी से आग्रह किया कि व्यसनमुक्त जीवन कि ओर अग्रसर रहें अपने आप को स्वस्थ रखें साथ ही निष्कपट निश्चल भाव से देश के विकास में अपना सहयोग करें ।

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सीआरपीएफ संतुलित आहार

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सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से सेमिनार का आयोजन

ग्वालियर। सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से एक सेमिनार व वक्तव्य का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समूह केन्द्र के तानसेन क्लब में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाईटीशियन सौम्या चड्ढा, ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रेरक वक्ता बी के प्रहलाद भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम, श्रीमती भावना गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट दिलाबर सिंह, श्रीमती गीता, श्रीमती आशा सहित क्षेत्रीय कावा के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
केन्द्र में निवासरत महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व उनको लाभान्वित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा पोषण एवं अंधत्व नियंत्रण के विषय पर चर्चा की गयी
मुख्य आहार विशेषज्ञ सौम्या चड्ढा नें सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आहार इस तरह का हो जिसमें वह सभी पोषक तत्व आ जाए जो शरीर के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि लें। थाली में अनाज, दाल/ प्रोटीन, सब्जी, फल, दूध, दही जैसी चीजें शामिल करें। समय पर भोजन करें, सीजनल फल और सब्जियां लें, दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं, शारीरिक व्यायाम करें या कम से कम 30 मिनिट पैदल चलें, जरूरत से ज्यादा भोजन न करें।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिटेशन विशेषज्ञ बीके प्रहलाद भाई एवं बीके सुरभि नें सभी को मन को स्वस्थ्य रखने के लिए टिप्स दिए एवं राजयोग ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजयोग ध्यान करने से अनेक लाभ होते है। जैसे – यह तनाव कम करता है, मन को शांति और स्थिरता देता है, गुस्सा, चिंता और नकारात्मक सोच को घटाता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह सब ठीक है तो शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
सेमिनार में ग्रुप केन्द्र के सैंकड़ों कार्मिकों एवं इस ग्रुप केन्द्र में निवासरत महिलाओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। सेमिनार के अंत में क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम द्वारा डाईटीशियन सौम्या चड्ढा एवं बी के प्रहलाद भाई को स्मृति चिन्ह भेंट किए एवं विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धन करने हेतु धन्यवाद एवं आभार व्‍यक्‍त किया।

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खुशनुमा और स्वस्थ जीवन (एसएएफ 13 बटालियन)

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।
कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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