Connect with us

Indraganj Lashkar

World Earth Day Programe news 22 April 2018

Published

on

ब्रह्माकुमारीज् ग्वालियर: “आज विश्व पृथ्वी दिवस पर लिया धरा को पॉलिथीन मुक्त बनाने का संकल्प”

विश्व पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य में स्थानीय सेवाकेंद्र द्वारा धरती माँ के संरक्षण हेतु सामूहिक योगाभ्यास और जान जागरण का एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।जिसमें कई भाई बहनों ने अपना योगदान दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ ईश्वरीय महावाक्य श्रवण से हुई, जिसमे भाई बहनों ने अपने जीवन में कमी कमजोरियों को त्याग करने की विधि छोड़ो तो छूटो पर विस्तार से समझा। ईश्वरीय महावाक्यों में बताया गया कि किसी भी कमजोर या बुरे संस्कार हो हमने ही धारण किया है और अब हमें ही इन्हें छोड़ने का पुरुषार्थ करना होगा। विश्व विद्यालय का परिचय देते हुए बी के डॉ गुरचरन ने कहा कि हमारी मौलिक जिम्मेवारी है कि पिता परमात्मा के दिशा निर्देशो को जीवन में धारण करते हुए अपनी धरती माँ के लिए भी कुछ समय निकालना है। उन्होंने कहा कि पिछले 82 वर्षो से स्वयं पिता परमात्मा हम सभी भाई बहनों को विश्व कल्याण के निमित्त बना कर के हमें पूर्व में ही यह जिम्मेदारी दी हुई है। सभा को संबोधित करते हुए स्थानीय सेवाकेंद्र प्रभारी बी के आदर्श ने कहा कि हमने ही अपनी धरती माँ के वातावरण को दूषित किया है अब हमें ही इसे ठीक करने के हर संभव प्रयास करने होंगे। पृथ्वी ही ऐसा गृह है जहाँ जीवन संभव है और अगर हमने अपनी धरा और इसके प्राकृतिक पदार्थों के संरक्षण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाये तो निकट भविष्य में हमें बहुत ही भयानक परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। हमें आज से कुछ संकल्प लें कि –
1- बचाव ही समस्या का समाधान है इसलिए हमें पर्यावरण के बचाव के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए।
2- बाहरी प्रदुषण की वजह हमारे आतंरिक प्रदूषण है यानी हमारे मन बुद्धि की अस्थिरता और नकारात्मकता है। अतः इसे ठीक करने का पुरुशार्थ करना है।
3- अपने पर्यावरण के बारे में हर जानकारी एकत्रित कर उस अनुसार अपने दैनिक कार्यों को करना है।
4- प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम एक को यह जानकारी देकर उसे भी अपने समान बनाना है।
5- बिजली के बचाव और उसके संरक्षण के प्रयास करने हैं।
6- पानी की बचत करनी है तथा जल संरक्षण के लिए उपाय करने हैं ।
7- गाड़ियों का जरुरत अनुसार कम से कम ही उपयोग करना है।
8- अपने बच्चो को भी इसके लिए प्रेरित करना है।
9- अपने आस पास का वातावरण शुद्ध , साफ़ और स्वच्छ रखने में प्रशासन का सहयोग करना है।
10- आज एक दिन ही नहीं परंतु हर एक दिन पृथ्वी दिवस के रूप में समझ हर कार्य को जागरूक होकर करना है।
तत्पश्चात संस्थान के भाई बहनों को विगत वर्ष में उनके द्वारा दिए गए आध्यात्मिक अध्ययन की परीक्षाओं उत्तीर्ण होने के आधार पर प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किये। अतिथितियों के रूप में CA अशवनि माहेश्वरी (भारत विकास परिषद्), प्रो. पृथ्वीराज पांडे (एम.एल.बी. कॉलेज), डॉ. संतोष अजीत शर्मा, रिटा. प्रो. आर. एस. वर्मा, इंजी. बी.के गुप्ता (पी.एच. ई. ग्वालियर), पूर्व प्रिंसिपल श्रीमती भगवती नंदन सिंह रौतेला आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम के अंत में बी के प्रह्लाद भाई ने उपस्थित अतिथियों सहित सभी भाई बहनों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

Indraganj Lashkar

म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

Published

on

By

Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

Continue Reading

Indraganj Lashkar

बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

Published

on

Continue Reading

Indraganj Lashkar

ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

Published

on

बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

Continue Reading

Brahmakumaris