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Self Checking is key to Self Transformation – Brahma Kumaris Gwalior

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Self Checking is key to Self Transformation – Brahma Kumaris Gwalior


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परदर्शन परचिन्तन से मुक्त स्वदर्शन चक्रधारी बनो – ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी
ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ग्वालियर द्वारा आज एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य था कि आज हर व्यक्ति को परचिन्तन और परदर्शन से कैसे छुड़ाया जाय इस अवसर पर संस्थान की संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी आदर्श बहन जी ने सभी को संबोधित करते हुए बताया कि जब हम परचिन्तन करते है या किसी की कमी कमजोरी को देखते है तो वह कमियाँ धीरे धीरे हमारे में आने लगती है और उसकी वजह से हम दुखी व अशांत होने लगते है | इसका दोष हम दूसरों को देते है जबकि इससे मुक्त होने के लिये हम स्वयं को चैक करें, स्वचिन्तन करें तो हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते है | आज दिन तक हमने दूसरो को देखने में समय और संकल्प व्यर्थ गंवाया लेकिन अभी वर्तमान समय पिता परमात्मा हम आत्माओं को परदर्शन और परचिन्तन से मुक्त स्वदर्शन चक्रधारी बनाना चाहते हैं | स्वदर्शन माना स्वयं का दर्शन अर्थात हम स्वयं को ज्ञान के दर्पण में देंखें कि मुझमें क्या कमी कमजोरी है जो मेरे विकास में रुकावट पैदा कर रही है और चक्र माना हमारे विचारों का प्रभाव जो एक चक्र के रूप में निरंतर चल रहा है, अब उनको सही दिशा में चलाना है अर्थात स्वयं की चेकिंग और स्वयं को सुधारनें में लगाना है जिसके आधार पर हम व्यर्थ और नकारात्मक विचारों के प्रभाव से मुक्त हो सकेंगे | अगर फिर भी हमें दूसरों को देखना है तो उनकी विशेषताओं को ही देखें अर्थात सुदर्शन करें माना श्रेष्ठ दर्शन करें | इसके लिये हमें विशेष तीन बिन्दुओं पर कार्य करना है-
1 पहले तो चेकिंग करनी है, अर्थात अपनी कमी कमजोरी को जानना है
2 मन को समझाना है की अगर मैं अपनी इस कमी के साथ रहता हूँ तो मुझे क्या परेशानी होगी और इसको निकालता हूँ तो क्या फायदा होगा|
3 कमी को निकालने और गुण को धारण करने के लिये स्वयं को स्मृति स्वरुप और समर्थी स्वरुप बनना है |
स्मृति अर्थात निरंतर याद रहे कि मैं सर्वशक्तिमान परमपिता परमात्मा शिव (निराकार ज्योति स्वरुप) की संतान हूँ, मैं महान आत्मा हूँ मेरा जन्म ही दूसरों को सुख देने के लिये हुआ है | समर्थी अर्थात दृढ़ता या दृढ संकल्प कि सफलता मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, परमात्मा ने मुझे श्रेष्ठ कार्य करने की हर शक्ति प्रदान की है | क्योंकि स्वपरिवर्तन से विश्व परिवर्तन हो सकता है, जो कि इस विश्व विद्यालय का लक्ष्य है इसलिए हमेशा याद रखें कि जो कर्म मैं करूँगा मुझे देख और करेंगे इसलिए हमेशा अपने कर्मो पर अटेन्शन दें |
इसी के साथ ही बी.के. डॉ. गुरचरण सिंह ने सभी को कुछ स्वस्थ्य रहने के टिप्स दिए जिसमे उन्होंने बताया की ज्यादातर बीमारियां हमारे जीवन में तनाव के कारण आती है | इसलिए तनाव मुक्त रहने के लिये हमें राजयोग के अभ्यास को अपने जीवन में महत्वपूर्ण स्थान देना चाहिए | उन्होंने कहा कि हमें अपने सारे बोझ पिता परमात्मा को देकर स्वयं हल्के रहकर हर समय पिता परमात्मा का धन्यवाद करते हुए ख़ुशी ख़ुशी अपने आस पास के लोगों के साथ स्नेह प्यार एवं ख़ुशी से व्यवहार कर के उनके स्वभाव संस्कार के साथ एडजस्ट करके उनकी विशेषताओं को देख कर उनको कार्य में लगाते हुए अपने कार्यों को सुचारू रूप से करना है | वर्तमान समय पिता परमात्मा से सर्व संबंधों का अनुभव कर के अपने सर्व संबंधियों से अपेक्षाएँ न रखते हुए उनकी अपेक्षाओं को पूर्ण कर के तनाव मुक्त रह सकते हैं | यदि हमने अपने आप को तनाव मुक्त रखना सीख लिया तो हम पूरा जीवन आनंदित तरीके से जी सकते है | इसके लिये उन्होंने सभी को एक्सरसाइज कराई एवं राजयोग मैडिटेशन की गहन अनुभूति भी कराई |
कार्यक्रम के अंत में बी.के. प्रह्लाद ने सभी का आभार व्यक्त किया | इस कार्यक्रम के पश्चात संस्थान के नियमित विद्यार्थियों के लिये 3 घंटे के लिये स्वपरिवर्तन योग भट्ठी का भी आयोजन किया गया जिसमे स्वउन्नति के विभिन्न बिन्दुओं पर विचार करते हुए सभी को राजयोग का गहन अभ्यास कराया गया जिसका सभी भाई बहनों ने भरपूर आनंद लिया और नयी चेतना के संचार का अनुभव किया, आगे आने वाले समय के लिये पुरषार्थ का प्लान तैयार भी कराया गया, जिसको द्रढ़ता से पालन करने की प्रतिज्ञा सभी ने पिता परमात्मा के सम्मुख की |

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी

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24 सितंबर 2025

खुशनुमा और स्वस्थ जीवन के लिए तनाव प्रबंधन आवश्यक – बीके प्रहलाद भाई

एसएएफ 13 बटालियन में तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली विषय पर प्रेरणादायक सत्र आयोजित

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।


इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।


कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।


कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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ब्रह्माकुमारीज़ के माधौगंज केंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधौगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


कार्यक्रम में संस्थान के बाल कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन किया। जिसने सभी का मन मोह लिया तो वहीं भजन गायकों द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति ने सभी को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और कहा कि आज हम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को हर्ष और उल्लास के साथ मना रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन को दिशा देने वाला आध्यात्मिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण जी का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा और अन्याय तथा बुराइयों का अंत करना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।


भगवान ने गीता में कहा है कि अपने कर्तव्यों को निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज के समाज के लिए बहुत प्रासंगिक है। यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य सही भावना से निभाए, तो समाज में अन्याय, भ्रष्टाचार और असमानता स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें गहन शिक्षाएँ देता है। उनका जन्म कारागार में दिखाते है, लेकिन परिस्थितियाँ कैसी भी रही हों, उन्होंने हमेशा धर्म और न्याय की स्थापना का कार्य किया। उनका पूरा जीवन हमें यह संदेश देता है कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
यह पर्व हमें नई श्रेष्ठाचारी और पावन दुनिया की याद दिलाता है। जब-जब संसार में अन्याय, अधर्म और असत्य बढ़ता है, तब ईश्वर अवतरित होकर मानवता को सही दिशा दिखाते हैं।

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कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार महेश कुमार, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद ने भी सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में सुंदर झांकी लगाई गई थी। जिसका दर्शन लाभ सभी ने लिया। साथ ही भजनों की सुंदर प्रस्तुति एवं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन करने वाले कलाकारों में कु. रोशनी, कु. तनवी, कु. पीहू, कु. नंदनी, कु. हंसिका, कु. रुचि, कु. नव्या, रूबी, सोनिया, पवन, अखिलेश, निलक्ष तथा बीके जीतू आदि शामिल थे।

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