Indraganj Lashkar
रशिया से पधारी राजयोगिनी संतोष दीदी ने युवाओं को दिए सफलता के मंत्र
ग्वालियर: आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय राजयोग सेंटर प्रभु उपहार भवन माधौगंज में पर भारत का भविष्य कहे जाने वाले और तन मन कि एनेर्जी से भरपूर हमारे युवा भाई बहनों को निमंत्रण है और आप सोचेंगे कि हमें ही क्यों निमंत्रण मिला तो उसका भी कारण है क्यों कि आपको तो पता है कि यह विद्यालय है हम खुद भी स्टूडेंट्स है हम कोई अपने को ऐसे टीचर्स समझकर आपके सामने नहीं है हम तो खुद भी स्टूडेंट्स है। कहते है लाइफ इस लर्निंग प्रोसेस, हमेशा अपने को विद्यार्थी समझो तो बहुत कुछ सीख सकते है। उक्त बात रशिया के सेंट पीटर्सबर्ग केंद्र की निदेशिका राजयोगिनी बी के संतोष दीदी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने आगे सफलता को परिभाषित करते हुए कहा कि सफलता का मंत्र है क्या कौन सी बातें ऐसी होती है, जिनको हम समझ जाएँ तो कभी भी असफलता का मुंह नहीं देखना पड़ेगा। तो सबसे पहले तो हम इसकी परिभाषा को अच्छी तरह से समझे और किस प्रकार से यह हमारे जीवन में आती है राजयोग पढ़ाई में मुख्य रूप से दो बाते हमें परमात्मा ने समझाई है। पहली बात कि अगर कोई भी कर्म में हमारे संकल्प की एनर्जी है वो अगर डायलूटेड है इसका मतलब उसमें प्लस माइनस अर्थात निगेटिव एनर्जी भी है, पॉजिटिव एनर्जी भी है। होगा या नहीं होगा, पता नहीं ठीक कर रहा हूँ या नहीं कर रहा हूँ , पता नहीं लोग मानेगे या नहीं मानेगे, पता नहीं इसका होगा क्या आखिर मेरी जॉब लगेगी या नहीं लगेगी, पेमेंट मिलेगी या नहीं मिलेगी, पास होऊंगा या नहीं होउंगा। तो यह निगेटिव एनेर्जी है। हम मेहनत भी कर रहे है लेकिन साथ साथ हम ऐसा भी सोच रहे है तो ऐसे मन कि स्थिति जो होती है तो उसमें सफलता कि गारंटी नहीं है। तो पहला पहला मंत्र है कि हमें अपनी किसी भी निर्णय रुपी कर्म के बीज को अपने शुद्ध संकल्पों से शुभ भावना से अपने लिए उसको पानी देना है सींचना है किसी भी प्रकार से हमें डाइल्यूट नहीं करना है। अपने उमंग और उत्साह को और दूसरा जब भी हम कोई काम करते हैं आज जो हमारा लेसन था कि उसके अंदर में कितना हम डिटैच रहे, आब्जर्वर रहे। जैसे माली होता है बो बीज बोता है, कितना मेहनत करता है, डेली सींचता है।
उसको भी इच्छा है कि गार्डन अच्छा बन जाए फूल आ जाए, फल आ जाए लेकिन पानी भी देता है और उसके साथ साथ देखता भी है कि कीड़े न खा जाए लेकिन फिर जब बाग तैयार हो जाता है तो फिर वो प्रकृति के उपर छोड़ता है। अब प्रकृति कुछ भी उसको देगी उससे डिटैच होगा। क्योंकि उसको पता है मैने अपनी मेहनत की जो मेरे हाथ में था तो ये बहुत बड़ा मंत्र है सफलता का की कहाँ पर हमें इन्वोल्व होना है। कहाँ पर हमें अपनी मेहनत करनी है। कहाँ पर हमको डिटैच होना है। हम डिटैच होने की जगह पर या जो चीज हमारे हाथ में नहीं है हम उसके लिए इतना कुछ सोचते रहते है और फिर मेहनत करने के समय हमारे पास उतना उमंग उत्साह नहीं रहता न्यारा और प्यारा ये दो शब्द है परमात्मा के। कोई भी काम करें तो हम अपनी इस स्टेज को मेंटेन करें अगर आप इन बातों को याद रखेंगे तो आप जीवन में सफल भी होंगे और लाभ भी होगा।
इसके पूर्व सुबह के सत्र में बरेठा रोड, मालनपुर स्थित ब्रह्माकुमारीज गोल्डन वर्ल्ड रिट्रीट सेंटर में रसिया से पधारी संतोष दीदी पहुंची। वहां उपस्थित भाई -बहनों ने उनका स्वागत किया, दीदी ने नशा मुक्ति अभियान हेतु बनाए गए रथ का का उद्घाटन किया एवं हरी झंडी दी। यह रथ नशा मुक्ति हेतु लोगों को प्रेरित करेगा। मुख्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संतोष दीदी जी ने कहा कि उन्हें यज्ञ के अधिष्ठाता ब्रह्मा बाबा ने भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का संदेश देने के लिए रूस मे सेवा के लिए भेजा। वहां जाकर उन्होंने रूस की संस्कृति और सभ्यता को समझा और भाषा का भेद होते हुए भी रूस के लोगों ने भी भावना और भाव को प्रधानता दी और आध्यात्मिक ज्ञान के नियमित विद्यार्थी बने। रूस में आध्यात्मिक ज्ञान समझने के लिए नियमित मेडिटेशन और आध्यात्मिक क्लास में लोग धीरे-धीरे आने लगे | वहां के लोगों ने हिंदी में गीत गाना भी सीखा। और आज भी प्रतिवर्ष वह भारत में ब्रह्मा कुमारीज के हेड क्वार्टर माउंट आबू , राजस्थान में स्वयं को आध्यात्मिक ऊर्जा से चार्ज करने के लिए आते हैं और यह प्रयास अनवरत चल रहा है। वह दिन दूर नहीं जब आध्यात्मिकता का परचम पूरी दुनिया में लहराएगा। विदेश में लोग आध्यात्मिकता की शक्ति को पहचान रहे हैं।
अतः हम सभी को चाहिए कि हम अपने संस्कारों को श्रेष्ठ बनाकर मानवीयता कि सेवा करें। इस अवसर पर भोपाल ज़ोन की क्षेत्रीय निदेशिका राजयोगिनी बीके अवधेश दीदी, राजयोगिनी शैलजा दीदी, बीके ज्योति बहन बीके आदर्श, बीके सुधा बहन सहित भोपाल ज़ोन के विभिन्न जिलों से पधारी लगभग 100 से भी अधिक वरिष्ठ बहनें एवं भाई उपस्थित थे साथ ही सैकड़ों कि संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
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सीआरपीएफ संतुलित आहार
सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से सेमिनार का आयोजन
ग्वालियर। सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से एक सेमिनार व वक्तव्य का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समूह केन्द्र के तानसेन क्लब में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाईटीशियन सौम्या चड्ढा, ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रेरक वक्ता बी के प्रहलाद भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम, श्रीमती भावना गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट दिलाबर सिंह, श्रीमती गीता, श्रीमती आशा सहित क्षेत्रीय कावा के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
केन्द्र में निवासरत महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व उनको लाभान्वित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा पोषण एवं अंधत्व नियंत्रण के विषय पर चर्चा की गयी
मुख्य आहार विशेषज्ञ सौम्या चड्ढा नें सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आहार इस तरह का हो जिसमें वह सभी पोषक तत्व आ जाए जो शरीर के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि
लें। थाली में अनाज, दाल/ प्रोटीन, सब्जी, फल, दूध, दही जैसी चीजें शामिल करें। समय पर भोजन करें, सीजनल फल और सब्जियां लें, दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं, शारीरिक व्यायाम करें या कम से कम 30 मिनिट पैदल चलें, जरूरत से ज्यादा भोजन न करें।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिटेशन विशेषज्ञ बीके प्रहलाद भाई एवं बीके सुरभि नें सभी को मन को स्वस्थ्य रखने के लिए टिप्स दिए एवं राजयोग ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजयोग ध्यान करने से अनेक लाभ होते है। जैसे – यह तनाव कम करता है, मन को शांति और स्थिरता देता है, गुस्सा, चिंता और नकारात्मक सोच को घटाता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह सब ठीक है तो शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
सेमिनार में ग्रुप केन्द्र के सैंकड़ों कार्मिकों एवं इस ग्रुप केन्द्र में निवासरत महिलाओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। सेमिनार के अंत में क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम द्वारा डाईटीशियन सौम्या चड्ढा एवं बी के प्रहलाद भाई को स्मृति चिन्ह भेंट किए एवं विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धन करने हेतु धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।
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खुशनुमा और स्वस्थ जीवन (एसएएफ 13 बटालियन)
प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।
कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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