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नशे को ‘न’ कहें जिंदगी को हाँ

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ग्वालियर: द्वतीय वाहिनी वि.स.बल ग्वालियर द्वारा नशा मुक्त सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय से ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी, बीके प्रहलाद भाई को इस पर व्याख्यान देने के लिए मुख्य रूप से आमंत्रित किया गया।
इस अवसर पर कमान्डेंट श्री राकेश कुमार सगर(आई.पी.एस), कार्यक्रम में यूनिट चिकित्सक डॉ. ओ पी वर्मा, डी.एस.पी. रजनीश भार्गव
कार्यक्रम के शुभारम्भ में कमान्डेंट श्री राकेश कुमार सगर(आई.पी.एस) ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि नशा मुक्ति की आवश्यकता आज क्यों हो रही है। क्योकि आज नशे का चलन बहुत बढ़ रहा है। कभी कभी क्या होता है कि हमारी सामान्य संरचना ऐसी होती है कि न चाहते हुए भी नशे की तरफ ले जाती है, हमारा वातावरण कैसा है, हमारी परिस्थिति कैसी है, हमारा संग कैसा है। इन सबके बीच ऐसे कारण बनते है जो व्यक्ति नशे की तरफ झुकता है| कारण भले कोई भी हो लेकिन किसी भी तरह का नशा हमारे लिए लाभकारी नहीं है। आज तरह के तरह नशे की चीजों से सम्बंधित विज्ञापन दिखाए जाते है कि ऐसा करने से ऐसा होता है जबकि वह भ्रामक होते है किसी भी तरह के नशे से किसी को कोई फायदा नहीं हो सकता। सभी अपना ध्यान रखे अपने परिवार का ध्यान रख्रे अपने जीवन का प्रबंधन ऐसा रखे जो तनाव हमारे जीवन में न हो। और नशीले पदार्थों के सेवन से भी अपने आप को बचाएं।
कार्यक्रम में यूनिट चिकित्सक डॉ. ओ पी वर्मा ने बताया कि हम क्षणिक आनंद के लिए नशे का सेवन करते है और अपने जीवन को ख़राब कर लेते है। उन्होंने वैज्ञानिक तरीके से डोपामाइन के बारे में बताया कि यह एक प्रकार का न्यूरोट्रांसमीटर है। आपका शरीर इसे बनाता है, आपका तंत्रिका तंत्र तंत्रिका कोशिकाओं के बीच सन्देश भेजने के लिए इसका उपयोग करता है। इसलिए इसे कभी कभी रासायनिक सन्देश वाहक भी कहा जाता है। हम कैसे आनंद महसूस करते है इसमें डोपामाइन एक भूमिका निभाता है | सभी अपना खानपान अच्छा रखे और सदा आनंद देने वाली सकारात्मक आदतों को अपने जीवन का हिस्सा बनाये।
कार्यक्रम में बीके प्रह्लाद ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में नशा एक ऐसी समस्या बन गई है जिसका प्रभाव व्यक्ति, परिवार और समाज के सभी स्तरों पर दिखाई पड़ता है। आज हर नागरिक को एकजुट होकर नशा के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के साथ पूरे भारत में नशा मुक्त भारत अभियान चला रहा है। जिसके अंतर्गत लाखों लोगो को जागरूक किया जा रहा है।
बीके प्रह्लाद ने आगे कहा कि जिस तरह से हमारा देश विकास कर रहा है लोगों के रहन-सहन का तरीका भी बदल गया है। अब लोगों के मन में यह धारणा हो गई है कि नशीले पदार्थ हाई सोसाइटी का फैशन है। बड़े और युवा उसी को अपने जीवन का हिस्सा मानने लगते हैं और नशीले पदार्थों का सेवन करना शुरू कर देते हैं।
व्यक्ति शुरू में तो इन नशीले पदार्थों के सेवन शौक से करता है लेकिन किसी भी तरह के नशीले पदार्थों का निरंतर उपयोग उस व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक बीमारियां की तरफ धकेल देता है। और अगर यही लतें विकराल रूप ले लें तो व्यक्ति का पारिवारिक और सामाजिक जीवन भी खराब हो जाता है। फिर चाहकर भी व्यक्ति इन लतों से छुटकारा नहीं पा सकता है। लोग ऐसा मान लेते है। कि कोई भी तनाव आये तो नशा से कम कर सकते है। जबकि ऐसा नहीं है। आज कितना पैसा लोग नशे में बर्बाद कर देते है नशा कभी भी किसी का समस्या का समाधान नहीं हो सकता। आज यदि हमने नशे को अपने से दूर नहीं किया तो यह नशा हमारे जीवन को वार्बाद कर देगा। चाहे वह शराव का नशा हो, सिगरेट, बीडी, गुटखा या अन्य कोई भी, सभी नशा हमारे स्वास्थ्य के लिए और समाज के लिए हानिकारक है। यदि हम आज नशा करते है तो एक दिन नशा हम पर हाबी हो जाता है। समय रहते हम सबको अपने आपको नशे से दूर रखना है और अपने समाज को अच्छा बनाना है। यह हम सबकी नैतिक जिम्मेबारी है। आज हम देखते है कि भरता में प्रतिदिन हजारों लोग नशे की बजह से दम तोड़ देते है।
उन्होंने आगे कहा कि नशे को कम करने के लिए अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाले जैसे व्यायाम करे, योगाभ्यास करे, ध्यान करे, संगीत सुने आदि आदि| जब हमारा ध्यान अच्छी आदतों की तरफ होता है तो बुरी आदतें स्वतः ही समाप्त हो जाती है।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि नशा मुक्त भारत बनाने के लिए सभी के सहयोग और संगठन से एक समर्पित प्रयास की आवश्यकता है। हमें नशे के प्रति खुद भी जागुरुक रहना चाहिए और अपने घरों में बच्चों को नशे के प्रति जागरूक करना चाहिए तथा उन्हें इससे होने वाले नुकसान के बारे में भी अवगत कराना चाहिए। ताकि स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकें। इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता कि नशीले पदार्थों का सेवन आज की सोसाइटी में बड़प्पन का सूचक बन गया है, लेकिन हमें इस बात को समझना होगा कि यह लत कभी भी हमारा भला नहीं कर सकती है। नशा नाश की जड़ है। समाज में सभी को नशा मुक्ति के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण रखना होगा। तभी यह समाज नशा मुक्त बन पाएगा।
दीदी ने कहा कि राजयोग ध्यान की युक्ति नशे से मुक्ति अर्थात सभी को राजयोग ध्यान से होने वाले फायदे बताये साथ ही उसकी विधि बताते हुए सभी को राजयोग ध्यान का अभ्यास भी कराया। जो नशा छोड़ने में हमारी मदद करेगा।
कार्यक्रम में सभी का आभार डी.एस.पी. रजनीश भार्गव ने किया तथा कार्यक्रम का संचालन
सुरेश यादव (एडज्यूटेंट) ने किया। इस अवसर पर डी.एस.पी. अजीत कुमार शाक्य, निरीक्षक नरेन्द्र सिंह कुशवाह, कोर्डिनेटर जी.आर. त्यागी सहित दो सैकड़ा से अधिक पुलिस के सीनियर जवान उपस्थित थे। साथ ही ब्रह्माकुमारीज से बीके रोशनी एवं बीके पवन भी उपस्थित रहे।

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी

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24 सितंबर 2025

खुशनुमा और स्वस्थ जीवन के लिए तनाव प्रबंधन आवश्यक – बीके प्रहलाद भाई

एसएएफ 13 बटालियन में तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली विषय पर प्रेरणादायक सत्र आयोजित

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।


इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।


कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।


कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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ब्रह्माकुमारीज़ के माधौगंज केंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधौगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


कार्यक्रम में संस्थान के बाल कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन किया। जिसने सभी का मन मोह लिया तो वहीं भजन गायकों द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति ने सभी को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और कहा कि आज हम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को हर्ष और उल्लास के साथ मना रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन को दिशा देने वाला आध्यात्मिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण जी का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा और अन्याय तथा बुराइयों का अंत करना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।


भगवान ने गीता में कहा है कि अपने कर्तव्यों को निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज के समाज के लिए बहुत प्रासंगिक है। यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य सही भावना से निभाए, तो समाज में अन्याय, भ्रष्टाचार और असमानता स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें गहन शिक्षाएँ देता है। उनका जन्म कारागार में दिखाते है, लेकिन परिस्थितियाँ कैसी भी रही हों, उन्होंने हमेशा धर्म और न्याय की स्थापना का कार्य किया। उनका पूरा जीवन हमें यह संदेश देता है कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
यह पर्व हमें नई श्रेष्ठाचारी और पावन दुनिया की याद दिलाता है। जब-जब संसार में अन्याय, अधर्म और असत्य बढ़ता है, तब ईश्वर अवतरित होकर मानवता को सही दिशा दिखाते हैं।

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कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार महेश कुमार, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद ने भी सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में सुंदर झांकी लगाई गई थी। जिसका दर्शन लाभ सभी ने लिया। साथ ही भजनों की सुंदर प्रस्तुति एवं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन करने वाले कलाकारों में कु. रोशनी, कु. तनवी, कु. पीहू, कु. नंदनी, कु. हंसिका, कु. रुचि, कु. नव्या, रूबी, सोनिया, पवन, अखिलेश, निलक्ष तथा बीके जीतू आदि शामिल थे।

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