Indraganj Lashkar
विद्यार्थी जीवन की शिक्षा ही जीवन की दिशा और दशा तय करता है – ब्रह्मा कुमारी आदर्श दीदी तीन दिवसीय पर्सनालिटी डेवलपमेंट समर कैंप संगम भवन पुराना हाईकोर्ट केंद्र पर संपन्न हुआ

विद्यार्थी जीवन की शिक्षा ही जीवन की दिशा और दशा तय करता है – ब्रह्मा कुमारी आदर्श दीदी
तीन दिवसीय पर्सनालिटी डेवलपमेंट समर कैंप संगम भवन पुराना हाईकोर्ट केंद्र पर संपन्न हुआ
ग्वालियर : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के शिक्षा प्रभाग और युवा प्रभाग के द्वारा तीन दिवसीय पर्सनालिटी डेवलपमेंट समर कैंप संगम भवन पुराना हाईकोर्ट केंद्र पर संपन्न हुआ |
यह कैंप दो भागों में अलग अलग उम्र के बच्चों के लिए रखा गया | प्रातः सुबह 9 बजे से 11 बजे तक 5 वर्ष से 11 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए जबकि शाम 5 बजे से 7 बजे तक 12 वर्ष से 18 वर्ष के तक के बच्चो के लिए आयोजित किया गया |
प्रथम दिवस – कार्यक्रम में मुख्य रूप से ब्रह्माकुमारीज लशकर की प्रभारी ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी, ब्रह्माकुमार प्रह्लाद भाई, राजेंद्र सिंह (रिटा.रेलवे), दिव्या पंजवानी, दीपा अगीचा, नारायण चौरसिया, माधवी गुप्ता, ऋतु बंसल, ममता माहौर उपस्थित थीं | इसके साथ ही कैम्प में 60 से भी अधिक स्कूली बच्चों ने भाग लिया |
कैम्प का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुया | तत्पश्चात राजयोगिनी बी.के. आदर्श दीदी ने बताया कि आज बच्चों को स्कूली पढ़ाई के साथ साथ नैतिकता एवं आध्यात्मिकता की पढ़ाई की भी आवश्यकता है। इसी बात को ध्यान में रख कर यह 3 दिवसीय शिविर का आयोजन हर वर्ष की तरह किया जा रहा है। इस शिविर में मानसिक बौद्धिक औऱ आध्यात्मिक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। मानसिक स्थिति श्रेष्ठ औऱ विचार शुद्ध बने शरीर स्वस्थ और शक्तिशाली बने इसी को ध्यान में रख कर योग ध्यान, ज्ञान वर्धक कहानियां, एकग्रता, रचनात्मकता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं को शामिल किया गया है। साथ ही रोचक ज्ञानवर्धक मनोरंजन के खेलों को शामिल किया गया है।
बी. के. प्रह्लाद भाई ने कहा कि यह शिविर बहुत ही उद्देश्यपूर्ण और आवश्यकता के अनुरूप है माता पिता अपने बच्चों को अवश्य भेजे यह आज के समय की जरूरत है। शहर में यूं तो ग्रीष्मावकाश में बहुत से शिविर आयोजित किये जा रहे है परंतु यह अपने आप में एक अनूठा है जहां बच्चे बोलचाल व्यवहार और शालीनता सीख रहे है |
कार्यक्रम में सभी बच्चो को राजयोग ध्यान के बारे में बताया और उसका अभ्यास भी बच्चो को कराया जिससे बच्चो की एकाग्रता बढ़ेगी| शिविर में बी.के. दीपा, बी.के. दिव्या ने बच्चों को इनडोर एक्टिविटी कराई | साथ ही राजेंद्र सिंह, ऋतू बंसल, माधवी गुप्ता और ममता माहौर ने भी बहुत ही अच्छी जीवन उपयोगी बातें बच्चों को बताई।
द्वितीय दिवस पर बच्चों ने सीखे अध्यात्म के गुण
द्वितीय दिवस पर ब्रह्माकुमारीज केंद्र प्रभारी बी.के. आदर्श दीदी ने बच्चो को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में बच्चों में किसी भी प्रकार के तनाव से बचाव हेतु व् अध्ययन में एकाग्रता के विकास के लिए राजयोग मैडिटेशन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है | आज के समय में जब छोटी छोटी बातो में बच्चे नाराज हो जाते टेंशन में आ जाते है तो यह आध्यात्मिक ज्ञान जीवन में आने वाली परिस्थितियों से उबरने में मदद करता है | ब्रह्माकुमारीज संस्थान के द्वारा बच्चों की उन्नति को ध्यान में रखते हुए पूरे देश में अलग अलग स्थानों पर कैंप आयोजित किये जा रहे है |
बी. के. प्रहलाद ने बच्चों को स्वयं का सत्य परिचय देते हुए मन बुद्धि संस्कार और मस्तिष्क की कार्य प्रणाली के बारे में बताया कि हमारा मन सोचता है, बुद्धि उस पर निर्णय करती है मन और बुद्धि के द्वारा हम जो कर्म करते है वह हमारी आदत बन जाती है इसलिए हमें सदैव सकारात्मक ही सोचना चाहिए | इसके साथ ही ध्यान करने से होने वाले फायदे बताते हुए अपनी दिनचर्या में ध्यान को शामिल करने पर जोर दिया|
कार्यक्रम में पधारी डेंटिस्ट डॉ. रुचि शर्मा ने बच्चो को दांतों की सफाई कैसे रखनी चाहिए यह बताया साथ ही चॉकलेट मिठाई कम से कम खाने का संदेश दिया|
कार्यक्रम में बी. के. इतिशा के द्वारा आपसी सहयोग प्रेम से रहते हुए क्रोध पर नियंत्रण का महत्व समझाया |
कार्यक्रम में पेंटिंग प्रतियोगिता, डांस प्रतियोगिता और कई मनोरंजनात्मक एक्टिविटी बी.के. दिव्या और बी.के. दीपा ने कराई ।
कार्यक्रम में अनेकानेक वीडिओ के माध्यम से सन्देश दिया कि मोबाइल का प्रयोग पढ़ाई में किस तरह से बाधक है, तो हमें इसका प्रयोग कम से कम करना चाहिए | वीडिओ से प्रेरणा लेकर सभी बच्चो ने संकल्प लिया आवश्यकता अनुसार ही मोबाइल का प्रयोग करेंगे |
कार्यक्रम में आयोजित प्रतियोगिताओं में प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर आने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया गया।
तृतीय दिवस – छात्रों को साधना, नैतिक मूल्यों का ज्ञान और खुश रहने के तौर तरीके सीखने के साथ हुआ व्यक्तित्व विकास कैंप का समापन
कार्यक्रम में मुख्य रूप से ब्रह्माकुमारीज केंद्र प्रभारी बी.के. आदर्श दीदी, मुख्य रूप से डॉ. एस.पी. बत्रा (प्रांतीय अध्यक्ष आरोग्य भारती), डॉ. निर्मला कंचन, पवन जेठवानी, राजेन्द्र सिंह, बी.के. प्रह्लाद, प्राची गाबरा सहित अन्य लोग उपस्थित थे |
कार्यक्रम में बी.के. आदर्श दीदी ने बताया कि बच्चे नन्हे पौधे के समान होते है जिनमे सिंचाई का कार्य उनके माता पिता द्वारा किया जाता है इसलिए बच्चों को शिक्षा के साथ साथ अध्यात्म की ओर अग्रसर करना चाहिए जिससे बच्चों का सभी प्रकार का विकास हो सके | आगे दीदी ने कहा कि यही वह समय है जो हमारे जीवन की दिशा और दशा तय करता है | आज नम्रता, धर्यता, मधुरता, सरलता, समरसता, गुणग्राहकता सत्यता आदि गुण कम देखने में मिलते है | विद्यार्थी जीवन में यदि हमें इन दिव्य गुणों की शिक्षा मिले तो निश्चित तौर पर पूरा जीवन सुन्दर व्यतीत होगा| संस्थान के द्वारा यह जो कैंप लगाया गया इसका उद्देश्य ही बच्चो के जीवन में नैतिक शिक्षा व्यावहारिक शिक्षा के साथ साथ आध्यात्मिकता का समावेश भी उनके जीवन में हो |
डॉ. एस. पी. बत्रा ने कहा कि बच्चों को स्कूली पढ़ाई के साथ साथ नैतिकता के गुण अवश्य सीखने चाहिए| ब्रह्माकुमारीज संस्थान का प्रयास सराहनीय है और मुझे विश्वास है कि इस कैंप से बच्चे बहुत कुछ सीखकर जायेंगे| इस तरह के कैंप से बच्चो को मूल्यनिष्ठ जीवन बनाने की शिक्षा के साथ साथ महापुरुषों के बारे में भी गहराई से जानने का मौका मिलता है |
बी.के. प्रहलाद ने बच्चों को राजयोग ध्यान के बारे में विस्तार से बताया साथ ही नैतिक मूल्यों पर आधारित प्रतियोगिता भी कराई साथ ही बच्चों से परमात्मा के नाम पत्र भी लिखाया| इसके साथ ही बच्चों के माता पिता ने भी ध्यान को अपनी जीवन शैली में उतारने का संकल्प लिया बच्चों ने कहा वे सदैव अपने माता पिता का कहना मानेंगे बच्चो ने सत्यता ईमानदारी सरलता जैसे अनेक गुणों का महत्व सीखा| बच्चो का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि स्वयं को कभी कमजोर मत समझो किसी भी परिस्थिति अथवा परीक्षा में घबराने की बजाय मुस्कुराते हुए सामना करना चाहिए साथ ही बच्चों ने प्रण लिया कि वे सदीव व्यसनों से दूर रहेंगे|
टी.व्ही. और मोबाईल का उपयोग भी कम से कम करेंगे |
इस अवसर पर डॉ. निर्मला शर्मा, राजेन्द्र सिंह, एवं प्राची गाबरा ने भी अपनी शुभकामनाएँ रखी |
बच्चों में काफी उत्साह था बच्चों ने कई प्रेरणादायक कहानियां सुनी इनडोर गेम्स व विडियोज के माध्यम से प्रेरणादायक संदेश सुने| साथ ही बिभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर छात्रों ने व्यक्तित्व विकास की गहराई प्राप्त की|
यह समर कैंप अनुभवशील योग्य मार्गदर्शकों के साथ आयोजित किया गया था जो छात्रों के संपूर्ण विकास और सफलता के प्रति समर्पित थे।
कार्यक्रम के अंत में बी.के. प्रह्लाद ने सभी बच्चों को राजयोग ध्यान का अभ्यास कराया तत्पश्चात सभी अतिथियों के द्वारा बच्चो को प्रमाण पत्र देकर सभी को ईश्वरीय उपहार भी दिया किया |
कार्यक्रम में इस अवसर पर कार्यक्रम में माधवी, ममता, मिथलेश, रीता, ध्रुव, आदर्श रहे।
रीता, दीपा, दिव्या, नव्या, ध्रुव, गीता, उमा, महिमा, इतिशा, कंचन, नारायण, जयकिशन आदि भाई बहने उपस्थित थे |
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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।
कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर
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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी
जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई
ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।
कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।
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