Indraganj Lashkar
“घर बनें मंदिर” के अंतर्गत कार्यक्रम आयोजित (02.05.2022)
आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर दया एवं करुणा के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण के “अंतर्गत घर बनें मंदिर” विषय पर कार्यक्रम आयोजित –
ग्वालियर: ब्रह्माकुमारीज़ के युवा प्रभाग के द्वारा आयोजित 4 दिवसीय मैडिटेशन शिविर के द्वितीय दिवस का कार्यक्रम स्थानीय सेवाकेंद्र प्रभु उपहार भवन माधौगंज में सम्पन्न हुआ । लगभग 500 से भी अधिक भाई बहनों इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे |
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से बी.के. गीता दीदीजी (भीनमाल), ब्रह्माकुमारीज़ लश्कर ग्वालियर की मुख्य इंचार्ज बी.के.आदर्श दीदीजी, बी.के.ज्योति बहन, बी.के.प्रहलाद भाईजी, जान्हवी रोहिरा (Senior Coordinator JCI), आशा सिंह (समाज सेविका) उपस्थित रहे |
कार्यक्रम में बी के आदर्श दीदी जी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि परिवार को नारी ही संजोती है गृह लक्ष्मी के रूप में फिर चाहे सास हो या बहू । लेकिन जब दोनों में सामंजस्य नही होता तो वही घर मंदिर की जगह केवल ईंट पत्थर का मकान रह जाता है । जहाँ सुकून मिलना चाहिए वहीं से विरक्ति होने लगती है और घर टूटने लगते हैं । लोग अब संयुक्त परिवार की जगह एकल परिवार लेते जा रहे है और यह क्रम यहीं नहीं रुकता बच्चे और माता पिता भी एकाकी जीवन जी रहे है अतः हमें अपनी उसी भारतीय परंपरा में आना होगा घर को फिर से मंदिर जैसा बनाना होगा।
राजस्थान के भीनमाल से आयी हुई बी. के .गीता दीदी जी ने घर की बहुत सुंदर व्यख्या करते हुए कहा कि घर वह स्थान है जहाँ देवी देवता रहते हैं और उस स्थान को मंदिर कहते हैं। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जिस तरह सर समुद्र मंथन के बाद बहुमूल्य वस्तुओं के साथ विष और अमृत निकला था । उसी प्रकार जीवन भी समुद्र मंथन की तरह है जिसमे विष अमृत दोनों ही है । विष रूपी कई जहरीली बातों को हमे पचाना पड़ता है तब जीवन मे अमृत की प्राप्ती होती है और जीवन सुखमय होता है । घर की लक्ष्मी नारी है उसका लक्ष्य है घर को सुखमय बनाना उसका प्रतीक है महा लक्ष्मी पूजा । हम दीपावली पर धन लक्ष्मी की पूजा करते हैं यह नारी की समृद्धि का प्रतीक है।
हम लक्ष्मी जैसा कैसे बने उसके लिये अपने मन की तार को परमात्मा से जोड़ना पड़ेगा ।
आज के कार्यक्रम मे सास और बहुओं को बुला कर उन्हें उनका महत्व समझा कर बहुओं को सास के द्वारा चुनरी उड़ा कर एवं उनकी आरती उतारी गई ।और एक दूसरे से गले मिली मन ही मन एक दूसरे के लिए शुभ भावना के साथ रहने की प्रतिज्ञा की। बहुत ही सुंदर दृश्य था सास बहू दोनो की आँखों से अश्रु की धारा बह रही थी। गीता दीदी ने अपने वक्तव्य से माहौल बदल दिया सभी भावुक हो गये । और अपने घर को मंदिर बनाने का संकल्प लिया ।
विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारी समाज सेवी जान्हवी रोहिरा ने शुभ कामनाएं देते हुए कहा कि आज सास को अपने दृष्टिकोण को बदलने की बहू को अपनी बेटी की तरह समझे ताकि वह सुचारू रूप से चल सके । की आज यहाँ आकर मुझे ऐसा अनुभव हो रहा है जैसे की में साक्षात् किसी मंदिर में आ गयी हूँ | आज हम सुनते तो हैं की घर को मंदिर बनाएं, घर में आपस में मन मुटाव ना रहे , प्रेम से रहे, घर का वातावरण सकारात्मक हो लेकिन ये कैसे करना है इसकी विधि किसी को नहीं पता है परन्तु आज यहाँ आकर मुझे यह देखने को भी मिला और सीखने को भी मिला |
आगे आशा सिंह ने अपने शुभ भावनायें व्यक्त करते हुये कहा कि जब हर घर मंदिर बनेगा तभी एक सुंदर समाज का निर्माण होगा | आज घर को मंदिर बनाना अति आवश्यक है | इसकी शुरुवात हमे स्वयं के घर से करनी चाहिए |
कार्यक्रम के अंत में बी.के.गीता दीदीजी ने सभी को मैडिटेशन कराया जिससे सभी को गहन शांति की अनुभूति हुई |
तत्पश्चात कार्यक्रम का कुशल संचालन बी.के.ज्योति बहन के द्वारा किया गया |

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सीआरपीएफ संतुलित आहार
सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से सेमिनार का आयोजन
ग्वालियर। सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से एक सेमिनार व वक्तव्य का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समूह केन्द्र के तानसेन क्लब में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाईटीशियन सौम्या चड्ढा, ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रेरक वक्ता बी के प्रहलाद भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम, श्रीमती भावना गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट दिलाबर सिंह, श्रीमती गीता, श्रीमती आशा सहित क्षेत्रीय कावा के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
केन्द्र में निवासरत महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व उनको लाभान्वित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा पोषण एवं अंधत्व नियंत्रण के विषय पर चर्चा की गयी
मुख्य आहार विशेषज्ञ सौम्या चड्ढा नें सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आहार इस तरह का हो जिसमें वह सभी पोषक तत्व आ जाए जो शरीर के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि
लें। थाली में अनाज, दाल/ प्रोटीन, सब्जी, फल, दूध, दही जैसी चीजें शामिल करें। समय पर भोजन करें, सीजनल फल और सब्जियां लें, दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं, शारीरिक व्यायाम करें या कम से कम 30 मिनिट पैदल चलें, जरूरत से ज्यादा भोजन न करें।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिटेशन विशेषज्ञ बीके प्रहलाद भाई एवं बीके सुरभि नें सभी को मन को स्वस्थ्य रखने के लिए टिप्स दिए एवं राजयोग ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजयोग ध्यान करने से अनेक लाभ होते है। जैसे – यह तनाव कम करता है, मन को शांति और स्थिरता देता है, गुस्सा, चिंता और नकारात्मक सोच को घटाता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह सब ठीक है तो शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
सेमिनार में ग्रुप केन्द्र के सैंकड़ों कार्मिकों एवं इस ग्रुप केन्द्र में निवासरत महिलाओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। सेमिनार के अंत में क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम द्वारा डाईटीशियन सौम्या चड्ढा एवं बी के प्रहलाद भाई को स्मृति चिन्ह भेंट किए एवं विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धन करने हेतु धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।
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खुशनुमा और स्वस्थ जीवन (एसएएफ 13 बटालियन)
प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।
कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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