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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के संगम भवन पुराना हाईकोर्ट लाईन स्थित सेंटर पर 84 वी शिवजयंती पर शिव ध्वजारोहण का कार्यक्रम सम्पन्न

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय संगम भवन पुराना हाईकोर्ट लाईन स्थित सेंटर पर 84 वी शिवजयंती पर शिव ध्वजारोहण का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। जिसमें मुख्य रूप से श्री अशोक बांदिल जी (पूर्व उपाध्यक्ष भाजपा ग्वालियर), श्रीमती अंकिता कैलासिया (गायक कलाकार), श्री अनूप कैलासिया (सहप्राध्यापक शासकीय महाविद्यालय शिवपुरी), बी.के. डॉ. गुरुचरण भाई,  बी.के. जीतू, बी.के. अरुण भाई सहित संस्थान से जुड़े सैकड़ो भाई एवं बहिनें उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में बी.के. डॉ. गुरुचरण भाई ने 84 वीं शिव जयंती की सभी को शुभकामनाएं दी और  शिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि शिवरात्रि त्योहार परमपिता परमात्मा  शिव के अवतरण की यादगार के रूप में मनाया जाता है। परमात्मा शिव अवतरित होकर अपने ज्ञान, योग तथा पवित्रता द्वारा आत्माओं में आध्यात्मिक जागृति उत्त्पन्न करते हैं एवं अनेक आत्माओं को सतयुगी स्वर्णिम दुनिया में ले जाने लायक बनाते हैं । वे ही मनुष्य आत्माओं को सहज ज्ञान और राजयोग की शिक्षा देतें हैं तथा सभी आत्माओं को मुक्ति एवं जीवनमुक्ति का वरदान देते हैं । कहने का तात्पर्य ज्ञान सूर्य पिता परमात्मा शिव कलयुगी रूपी घोर अंधियारी रात्रि में अवतरित हो ज्ञान प्रकाश देते हैं जिसके आधार से सारे विश्व से कलयुग और तमोप्रधान के स्थान पर संसार में सतयुग और सतोगुण की स्थापना हो जाती है । अज्ञान तथा विकारों का विनाश हो जाता है ।

इस अवसर पर सभी ने अपनी एक -एक बुराई छोड़ी साथ ही कुछ प्रतिज्ञाएं भी की-

1. प्रत्येक के साथ मधुरता सम्पन्न व्यवहार करेंगे।

2. चिंता तथा व्यर्थ चिंतन से मुक्त रहेंगे।

3. समस्याओं का कारण बनने की जगह उनका निवारण ज्ञान योग की शक्ति से करेंगे|

4. व्यर्थ व नकारात्मक संकल्प व बोल को समाप्त कर अपनी वृत्तियों को भी पवित्र बनाएंगे।

इस अवसर पर श्रीमती अंकिता जी ने सुन्दर गीत के माध्यम से पिता परमात्मा शिव की वंदना की और सभी अतिथियों ने भी शिवरात्रि के पावन अवसर पर अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की।

इसके साथ ही अचलेश्वर मंदिर पर आध्यात्मिक प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें अनेकानेक भक्तों को शिव संदेश दिया गया।

 

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सिकंदर कम्पू पर सात दिवसीय ज्ञान सप्ताह के अंतर्गत प्रवचन

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ग्वालियर। आज की भागती और व्यस्त जीवन शैली में व्यक्ति अक्सर बाहरी दुनिया की उलझनों में फंस जाता है, जबकि असली सुख और शांति तो अंदर की ओर देखने से मिलती है। उक्त बात प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय, सीधी से पधारी बीके अर्चना दीदी ने सिकंदर कम्पू स्थित पानी की टंकी के पास चल रहे प्रवचन के दौरान अपने उद्बोधन में कही। यह श्रोताओं के लिए सुन्दर अवसर था जिसमें दीदी कर्मों की गुह्य गति, भाग्य और आत्मानुभूति को सरल शब्दों में और प्रेरक कहानियों के माध्यम से स्पष्ट कर रहीं थी। उन्होंने आगे कहा कि जीवन बहुत अनमोल है सत्कर्म ही व्यक्ति को शांति, सफलता और आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाते है, जबकि व्यर्थ कर्म या अनजाने में किए हुए कर्म दुःख का कारण बनते है। उन्होंने कहा कि कर्म केवल बाहरी क्रिया ही नहीं, बल्कि मन, वाणी और संकल्प की ऊर्जा है, जों व्यक्ति के वर्तमान और भविष्य दोनों को प्रभावित करती है। कर्म का फल अवश्य प्राप्त होता है। चाहे आज न मिले, लेकिन कल या भविष्य में निश्चित फल मिलता है। जैसा कहा जाता है कि जितना कुआं खोदोगे, उतना पानी मिलेगा अर्थात मनुष्य के भीतर जो सोच और कर्म हैं, उनका परिणाम निश्चित ही सामने आता है। इसलिए जीवन में सदैव श्रेष्ठ कर्म और परमात्मा की याद करते रहना चाहिए। तो वर्तमान भी अच्छा होगा और भविष्य भी अच्छा होगा।
उन्होंने आगे कहा कि चार बातें जीवन में हमेशा याद रखो पहली सत्संग, दूसरी ध्यान, तीसरी धारणा और चौथी बात सेवा इससे आप अपने जीवन को अच्छा बना सकते है। सत्संग अर्थात वह दर्पण जिसमें हमें अपने कर्मों को स्पष्ट देखने का मौका मिलता है। ध्यान अर्थात परमात्मा की याद, आप कितने भी व्यस्त क्यों न हो थोड़ा समय निकालकर परमात्मा को याद करना चाहिए जिससे हमारे पुराने कर्मों का खाता हल्का होता है और हमें सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। धारणा अर्थात जों अच्छी बाते आप सुनते है उनको जीवन में धारण करना या हम कह सकते है कि दिव्यगुणों की धारणा और फिर है सेवा अर्थात मन, वाणी और कर्म से निःस्वार्थ सेवा जों दूसरो को सुख दे। जिससे पाप कटते है और शुभ कर्मों का खाता बढ़ता है।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज लश्कर ग्वालियर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी नें भी सभी को शुभ प्रेरणाएं देते हुए कहा कि समय परिवर्तन शील है, सदा एक जैसा नहीं रहता। इसलिए कभी भी छोटी छोटी बातों से घबराना नहीं चाहिए और दुखी नहीं होना चाहिए। जो आप अच्छा कर सकते है करते रहना चाहिए जों आपको लग रह है, ठीक नहीं है आपसे नहीं हो रहा है, वह ईश्वर पर छोड़ दो तो सब अच्छा हो जायेगा।
उन्होंने आगे सृष्टि चक्र के बारे में बताते हुए कहा कि चार युगो का यह चक्र है जिसमें सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग होता है। सतयुग बीत गया, त्रेतायुग बीत गया, द्वापर युग भी बीत गया और यह कलयुग भी बीत जायेगा, तो निश्चित ही इसके बाद फिर सतयुग आएगा। क्यों कि यह चक्र है जैसे रात के बाद दिन और दिन के बाद रात आती है ठीक उसी तरह सृष्टि का चक्र भी परिवर्तन होता है। अभी जो समय चल रहा है यह प्रभु मिलन का समय है जिसे हम पुरुषोत्तम संगम युग कहते है। इसमें हम परमात्मा की याद से श्रेष्ठ कर्म करके आने वाली स्वर्णिम दुनिया के अधिकारी बन सकते है।
कार्यक्रम में सभी श्रद्धालु आंनद की अनुभूति करते दिखे।
इस अवसर पर सोनिया, महेश, संध्या, अनिल सिहारे, सीमा सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे।

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Indraganj Lashkar

सकारात्मक चिंतन से हर समस्या का समाधान मिलता है – आदर्श दीदी

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04.09.2025
नारायणा स्कूल में पॉजिटिव थिंकिंग एवं मैडिटेशन विषय पर कार्यक्रम आयोजित

 

ग्वालियर। नारायणा ई- टेक्नो स्कूल द्वारा श्री गणेश उत्सव के उपलक्ष्य में पॉजिटिव थिंकिंग एवं मैडिटेशन विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के केंद्र प्रमुख वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षका बीके आदर्श दीदी को आमंत्रित किया गया था।
कार्यक्रम में स्कूल की प्रिंसिपल निधि कुलकर्णी सहित स्टॉफ के अन्य सदस्य उमा सक्सेना, नंदिनी यादव, रिया छाबड़ा, पायल जैन, मुकुल श्रीवास्तव
आदि उपस्थित थे।


कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बीके आदर्श दीदी नें सभी को श्री गणेश उत्सव की शुभकामनायें दीं और कहा कि श्री गणपति जी का जीवन हमें बहुत प्रेरणा देता है हम उनके जीवन से बहुत कुछ सीख सकते है। श्री गणपति जी की दिव्यता, अपने माता-पिता के प्रति आज्ञाकारिता तथा उनके हाथों में जो अलंकरण दिखाते है वह किसी न किसी विशेष गुण और शक्ति का प्रतीक है। दीदी नें आगे कहा कि संगठित रूप से कार्य करने से सफलता प्राप्त होती है और हर परिस्थिति में परमात्मा की याद से ही स्थिर रहना संभव है।
दीदी नें सकारात्मक चिंतन का महत्व बताते हुए कहा कि सकारात्मक सोच जीवन की दिशा और दशा बदल देती है अर्थात जीवन को अच्छा बना देती है। आज कोई भी परिस्थिति व्यक्ति के जीवन में आती है तो वह घबरा जाता है। जबकि जीवन है तो उतार चढाव तो आएंगे उनसे हमें घबराना नहीं चाहिए। हमेशा हर परिस्थिति में सकारात्मक रहने से हर समस्या का समाधान मिल जाता है। दिन कि शुरुवात राजयोग ध्यान अर्थात परमात्मा कि याद से करना चाहिए तो सारा दिन अच्छा व्यतीत होगा। दीदी नें राजयोग ध्यान कि विधि सभी को बताई और सभी को ध्यान कि गहन अनुभूति भी कराई।

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Indraganj Lashkar

एनसीसी की 3 एमपी गर्ल्स बटालियन में आयोजित कार्यक्रम (न्यूज़ कवरेज)

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