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ग्वालियर – दो दिवसीय ‘जिंदगी बने आसान कार्यक्रम’ – राजयोगी सूरज भाई ने किया संबोंधित
जिंदगी बने आसान कार्यक्रम
हमारे हर संकल्प में है निर्माण करने की शक्ति : राजयोगी सूरज भाई
ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ग्वालियर द्वारा दो दिवसीय जिंदगी बने आसान कार्यक्रम का आयोजन म. प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स के राजमाता विजयराजे सिंधिया सभागार मे किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वल्लन के साथ हुआ कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्री जयदीप शाह (अकाउंटेंट जनरल ऑफ मध्यप्रदेश), श्रीमति माधवी शाह (वरिष्ठ योगा एक्सपर्ट), श्री राकेश जादौन (अध्यक्ष तुलसी मानस प्रतिष्ठान एवं पूर्व अध्यक्ष विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण), श्री पीताम्बर लोकवानी (व्यवसायी), डॉ. एस. पी. बत्रा (आरोग्य भारती), मुख्य वक्ता राजयोगी बी. के. सूरज भाई, बी.के.गीता बहन, बी.के. संदीप भाई, बी. के. आदर्श बहन (संचालिका लश्कर सेवाकेंद्र), बी. के. डॉ. गुरुचरण भाई, आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम के आरंभ में बी.के. आदर्श दीदी जी ने अतिथियों केए पुष्पगुछों के द्वारा सभी स्वागत किया। तत्पश्चात माउंट आबू से आए अंतर्राष्ट्रीय राजयोग मेडिटेशन एक्सपर्ट राजयोगी बी. के. सूरज भाई जी ने अपने विचार रखते हुये कहा कि दिन प्रतिदिन समस्याएँ बढ़ती जा रहीं हैं चारों ओर तनाव, दुख, अशांति और भय का वातावरण है | सभी वर्गों में सामान्यत: जीवन मूल्यों, नैतिक मूल्यों का अभाव देखने को मिल रहा है| विशेष हमारे युवा वर्ग मे गिरावट आ रही है उन्हें संभालना होगा| आज मनुष्य अपनी वास्तविक शक्तियों को भूल गया है और उसने अपने आपको बहुत परेशान कर लिया है| तो वर्तमान समय मनुष्य को जिस परिवर्तन की सबसे ज्यादा जरूरत है वह है अपने विचारों में परिवर्तन लाने की | अपने मन को शुद्ध विचार रूपी आहार से पोषित करने की| क्यों कि हमारी सोच ही हमारे व्यक्तित्व व चरित्र का निर्माण करती है| उन्होने बताया कि जब हमारे विचारों में व्यर्थ और नकारात्मकता बढ़ जाती है तभी भय का जन्म होता है| इस स्थिति में हमें अपने विचारों का निरीक्षण और विश्लेषण करना पड़ेगा | सकारात्मक विचार हमारी कार्यक्षमता और एकाग्रता को बढ़ाते हैं इसलिए हमें सकारात्मक और शक्तिशाली सोच रखनी चाहिए| हमारे हर एक संकल्प से ऊर्जा निकलती है और वह ऊर्जा कभी नष्ट नहीं होती सिर्फ रूप बदलती है| और हमारे जीवन का निर्माण भी हमारे विचारों की ऊर्जा से ही होता है| हमारे हर संकल्प में निर्माण करने की शक्ति है| जैसा हम सोचते हैं वैसा ही हमारा जीवन व संसार होता जाता है| इसके लिए भाईजी ने बहुत ही सुंदर सा प्रयोग बताया कि आप सुबह उठते के साथ वही संकल्प करो जो आप अपने जीवन में चाहते हो | सुबह उठने के साथ 3 मिनिट जो आप संकल्प करेंगे वही आपका जीवन होगा| और आप जिन भी ऊचाइयों पर अपने जीवन में पहुँचना चाहते हैं वहाँ अवश्य ही पहुचेंगे| संसार की कोई भी शक्ति आपको वहाँ पहुँचने से रोक नहीं पाएगी| साथ ही भाई जी ने वर्तमान की एक और महत्वपूर्ण समस्या सम्बन्धों में तनाव, अलगाव पर विशेष प्रकाश डालते हुए बताया कि आज हमारे सम्बन्धों में से मधुरता, अपनापन, जुड़ाव आदि गायब से हो गए हैं यदि हमें अपने परिवार में, आपसी सम्बन्धों में प्यार की गंगा बहानी है एवं सुखद, आनंदमय माहोल निर्मित करना है तो इसके लिए जरूरी है एक दूसरे की कमियों को देखने के बजाय एक दूसरे के छोटे-छोटे कार्यों की प्रशंसा करें इससे सम्बन्धों में आपसी प्रेम बढ़ता जाएगा| क्यों कि जहां एक छोटा सा अच्छा व्यवहार हमारे सम्बन्धों में परस्पर मधुरता, अपनापन बढ़ाता है और वहीं दूसरी ओर एक गलत व्यवहार सम्बन्धों में घ्रणा, ईर्ष्या, द्वेष और अलगाव का कारण बनता है|इसलिए जैसा व्यवहार हम अपने लिए दूसरों से चाहते हैं वैसा हम भी दूसरों के लिए रखें और जीवन को सरल सहज रूप से भरपूर आनंद लेकर जिये| सदैव सुख देते चलें, खुश रहें और खुशियाँ बांटते चलें |
इसके साथ ही उन्होंने कुछ मुख्य बाते कहीं जो सभी के जीवन के लिए अति आवश्यक है।
- हमें धन को सबकुछ नहीं समझना चाहिए धन हमारे जीवन के लिए आवश्यक तो है पर सबकुछ नहीं है। हमारे लिए जरूरी है मन की शांति,खुशी, आनंद और प्रेम।
- दूसरी बात बहुत से लोग ऐसे भी होंगे जिन्होंने सुबह के सूरज को कभी उगते नही देखा तो भाग्य का सूरज कैसे उदय होगा एक कहावत है कि जल्दी सोएंगे जल्दी जागेंगे तो हेल्दी और हैप्पी रहेंगे लेकिन आज उल्टा हो गया है लोग देर से सोते है और देर से जागते है तो अस्वस्थ और खुशी गायब हो गई है।
- तीसरी बात हम मन को कभी चार्ज नहीं करते,सबेरे उठकर मन को चार्ज करना न भूलें अपने उस परमपिता परमात्मा से गुडमार्निंग करके दिन की शुरूवात करें और परमात्मा का शुक्रियाअदा करना न भूलें आपने मुझे सबकुछ दिया आपका बहुत बहुत शुक्रिया।
- भगवान हमारा परमपिता भी है तो सच्चा मित्र भी है हम उसकी संतान है वह अपनी संतान को दुखी नही देख सकता वह हमको सुखी देखना चाहता है। यदि आपको कोई समस्या है आपका किसी बात से मन भारी है, आपको नींद नही आ रही है तो खुदा दोस्त के नाम एक लेटर लिख दिया करें तो जीवन बदल जायेगा। सोएंगे भी मुस्कराते हुए और जागेंगे भी मुस्कराते हुए साथ ही जीवन में सकारात्मक रहने के लिए कुछ टिप्स भी शेयर किए:
- जीवन की हर एक घटना में आपको किसी न किसी रूप में लाभ ही प्राप्त होता है परोक्ष तथा अपरोक्ष रूप से होने वाले लाभ के बारे में सोचिए|
- भूतकाल की गलतियों का पश्चाताप न करें और आने वाले भविष्य की चिंता न करें सिर्फ वर्तमान को सफल बनाने के लिए पूरा प्रयत्न करें|
- आप दु:ख पहुंचाने वाले को क्षमा कर दो और उसे भूल जाओ|
- अपने जीवन की तुलना किसी के भी साथ करके चिंतित न हों क्यों कि प्रत्येक व्यक्ति अपने आप में अनोखा और विशिष्ट है आपके जैसा इस विश्व में कोई भी नहीं|
- जिस परिस्थिति को आप बदल नहीं सकते उसके बारे में सोचकर दु:खी न हो याद रखिए समय एक श्रेष्ठ दवाई है |
- बदला न लो अपितु स्वयं को बदलने का प्रयत्न करो| बदला लेने कि इच्छा रखने से मानसिक तनाव ही बढ़ता है और स्वयं को बदलने का लक्ष्य रखने से जीवन में प्रगति होती है| साथ ही भाई जी ने सुबह उठते ही कुछ अभ्यास करने के लिए सभी से आग्रह किया कि यदि आप यह अभ्यास प्रतिदिन करते हैं कि मै महान आत्मा हूँ, मै सर्वशक्तिमान परमपिता कि संतान मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ तो हम अपनी खोयी हुई शक्तियों को पुन: प्राप्त करने लगेंगे|
कार्यक्रम में माउंट आबू से आई बी. के. गीता बहिन ने वर्तमान समय की सबसे बड़ी कमजोरी विशेष ‘क्रोध’ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हर परिस्थिति में शांत रहना सीखें, धैर्य रखें क्यों कि क्रोध एक ऐसी अग्नि है जो अंदर कि शांति और शक्ति को जलाती है| उन्होने कहा क्रोध को इंग्लिश में ‘एंगर’ कहते हैं और एंगर कब ‘डेंजर’ में बदल जाए पता ही नहीं चलता| कहावत है कि जिस घर में क्रोध होता है उस घर में पानी के घड़े ही सूख जाते हैं परंतु पानी ही क्या क्रोधी व्यक्ति का खून भी सूख जाता है अत: मनुष्य को क्रोध नहीं करना चाहिए बल्कि उसका निरोध करना चाहिए| उन्होने बताया कि क्रोध मनुष्य को अनेक रूपों में सताता है द्वेष, ईर्ष्या, बदले की भावना, रूष्ट होना, हिंसा, वैर, विरोध कि भावनाएं सब क्रोध के ही भिन्न- भिन्न रूप हैं|एकबार क्रोध करने से हम अपनी 6घंटे की कार्यक्षमता को खो देते हैं यहाँ तक कि अनेकानेक बीमारियों की भी चपेट में आ जाते हैं| उन्होने कहा कि अपनी स्थिति बिगाड़कर कोई दूसरों कि स्थिति ठीक नहीं कर सकता| और कहा कि क्रोध मुक्त होना कोई बड़ी बात नहीं हैं केवल स्म्रती की ही बात है स्म्रती से सब चीज़ें ठीक हो जाती हैं| उन्होने इसके लिए एक सुंदर सा अभ्यास भी बताया कि यदि आप 21 दिन यह छोटा सा चिंतन करते हैं कि “मैं आत्मा शांत हूँ” तो 21 दिनों में निश्चित ही आपके अंदर शांति आने लगेगी|
पुणे से आए बी. के. संदीप भाई ने बताया कि नियमित रूप से मेडिटेशन का अभ्यास हमें आंतरिक रूप से मजबूत बनाता हैं और स्थायी सुख व शांति प्रदान करता है|
कार्यक्रम के अंत मे सामाजिक एवं व्यापारिक संगठनों के द्वारा बी.के. सूरज भाई जी का सम्मान किया गया।
पंजाबी सेवा समिति ग्वालियर,
ग्वालियर प्रिंटिंग एसोसिएसन,
नया बाजार होलसेल क्लॉथ मर्चेन्टायल्स एसोसियेसन,
तुलसी मानस प्रतिष्ठान
दाल बाजार व्यापार समिति
लॉयन्स क्लब,
कमला सिंह बेलफेयर फाउंडेशन,
लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन,
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स,
भारतीय योग संस्थान,
सिन्धविहार कम्युनिटी आदि संस्थानों ने सम्मान किया।
कार्यक्रम में 2000 एसई अधिक लोगो ने भाग लिया |
Indraganj Lashkar
तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)
Indraganj Lashkar
तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी
24 सितंबर 2025
खुशनुमा और स्वस्थ जीवन के लिए तनाव प्रबंधन आवश्यक – बीके प्रहलाद भाई

एसएएफ 13 बटालियन में तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली विषय पर प्रेरणादायक सत्र आयोजित
ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।

इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।

कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।

कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।
Indraganj Lashkar
ब्रह्माकुमारीज़ के माधौगंज केंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन
ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधौगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

कार्यक्रम में संस्थान के बाल कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन किया। जिसने सभी का मन मोह लिया तो वहीं भजन गायकों द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति ने सभी को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और कहा कि आज हम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को हर्ष और उल्लास के साथ मना रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन को दिशा देने वाला आध्यात्मिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण जी का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा और अन्याय तथा बुराइयों का अंत करना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।

भगवान ने गीता में कहा है कि अपने कर्तव्यों को निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज के समाज के लिए बहुत प्रासंगिक है। यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य सही भावना से निभाए, तो समाज में अन्याय, भ्रष्टाचार और असमानता स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें गहन शिक्षाएँ देता है। उनका जन्म कारागार में दिखाते है, लेकिन परिस्थितियाँ कैसी भी रही हों, उन्होंने हमेशा धर्म और न्याय की स्थापना का कार्य किया। उनका पूरा जीवन हमें यह संदेश देता है कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
यह पर्व हमें नई श्रेष्ठाचारी और पावन दुनिया की याद दिलाता है। जब-जब संसार में अन्याय, अधर्म और असत्य बढ़ता है, तब ईश्वर अवतरित होकर मानवता को सही दिशा दिखाते हैं।
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कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार महेश कुमार, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद ने भी सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में सुंदर झांकी लगाई गई थी। जिसका दर्शन लाभ सभी ने लिया। साथ ही भजनों की सुंदर प्रस्तुति एवं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन करने वाले कलाकारों में कु. रोशनी, कु. तनवी, कु. पीहू, कु. नंदनी, कु. हंसिका, कु. रुचि, कु. नव्या, रूबी, सोनिया, पवन, अखिलेश, निलक्ष तथा बीके जीतू आदि शामिल थे।
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