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Indraganj Lashkar

“सड़क सुरक्षा का आधार स्वस्थ मन और सद्व्यवहार” – बी.के. आदर्श दीदी

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“सड़क सुरक्षा का आधार स्वस्थ मन और सद्व्यवहार” – बी.के. आदर्श दीदी

ग्वालियर: माधवगंज लश्कर स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन के ‘यातायात एवं परिवहन प्रभाग’ द्वारा 6 मई से 12 मई United Nations द्वारा घोषित अंतराष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत कार्यक्रम किया गया | जिसकी UN द्वारा बतायी हुई Theme: ‘Leadership for Road Safety’ थी I जिसका उददेश्य सड़क सुरक्षा, सड़क दुर्घटनाओं के प्रति लोगों को जागरूक करना था I कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन के साथ किया | कार्यक्रम में मुख्य रूप से गुरुनानक ट्रेवल्स से सतीश अरोरा, सत्यम ट्रेवल्स से अजीत सिंह भदौरिया, राजयोगिनी बी के आदर्श दीदी जी (संचालिका लश्कर सेवाकेंद्र), बी के प्रहलाद भाई (सीनियर राजयोग टीचर), बी के आरती बहिन , बीके आशा बहिन (समाज सेविका) एवं संस्थान के अनेकानेक भाई-बहिन उपस्थित थेI

कार्यक्रम के शुभारंभ में बीके प्रहलाद भाई ने कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज की सहभागिता का उद्देश्य बताया :

1.प्रतिभागियों को मानसिक तनाव, गति और सुरक्षा के बीच की कड़ी समझने में मदद करना I

2.मन को शांत करने के सरल तरीके बताना ताकि यात्री राही समय पर सही फेसले कर सकें और नियमों का पालन करें I

3. दैनिक यात्रा में आध्यात्मिक जीवन-कौशल अपनाने का नया प्रयोग साझा करना I

4. आत्म सम्मान और निजी जिम्मेदारी की भावना को बढावा देना जिससे सड़क सुरक्षा को अपनी संस्कृति बना सकेंI

साथ ही संस्थान द्वारा विश्व भर में चलाये जा रहे प्रोजेक्ट “Road safety through spiritual life skills” के बारे में सभी को बताया और सभी से कहा की अगर यहाँ बैठे हुए या इसे पढ़ रहे लोग यदि सड़क नियमों का पालन करेंगे तो हम अपना जीवन भी सुरक्षित कर सकेंगे साथ ही और लोगों को भी प्रेरणा दे सकेंगे I

सेवाकेंद्र संचालिका राजयोगिनी बी.के. आदर्श दीदी जी ने अपने उद्बोधन में सभी को सड़क सुरक्षा के लिए जागरूक रहने के लिए कहा और सभी कैसे इन आकस्मिक दुर्घटनाओं का शिकार होने से बच सकते हैं यह स्पष्ट किया इसके लिए सबसे जरुरी मन की शांति व आंतरिक स्थिरता के भी महत्व को स्पष्ट किया और बताया कि कैसे वर्तमान समय प्रत्येक व्यक्ति का मन अस्थिर है सभी डर, चिंताओं और व्यर्थ विचारों से घिरे हुए हैं जो कि व्यक्ति की एकाग्रता को प्रभावित करते हैं और व्यक्ति आकस्मिक दुर्घटनाओं का शिकार हो जाता हैI साथ ही दीदीजी ने जोर देते हुए सभी से कहा कि हम सभी को यातायात के नियमों का दृढ़ता से पालन करना चाहिए, जो दो पहिया वाहन चलाते है उन्हें हेलमेट पहनकर ही चलना चाहिए और जो चार पहिया वाहन चलाते है उन्हें हमेशा शीट वेल्ट का प्रयोग करना चाहिए | हमें ट्राफिक नियमों के बारे में पता तो होता है लेकिन हम कई बार इसको नजरअंदाज कर देते है | जो की स्वयं को ही खतरे में डालना है साथ ही सभी को रेड लाइट होने पर पर रुकना चाहिए और इस समय का सही सदुपयोग करना है तो एक मिनट का अपने दिमाग को सभी चिंताओं, परेशानियों और डर को विराम लगाकर ईश्वर को याद करें और आसपास खड़े लोगों को सकाश दें सबके प्रति शुभभावना रखें कि सबका जीवन सुरक्षित हो I साथ ही सड़क पर चलते समय परमपिता की याद से शांति के प्रकम्पन फेलाते चलें इससे कोई भी व्यक्ति अकस्मात् ऐसी सड़क दुर्घटनाओं की गिरफ्त में न आयें और हमेशा सुरक्षित रहें I दीदी जी ने कुछ स्लोगन भी बताये “क्यों दें मौत को निमंत्रण गति का करें नियंत्रण” ”थोड़ी भी होगी शराब की मात्रा अच्छी ना होगी जीवन की यात्रा”I और सभी को अपनी शुभकामनायें दीं I कार्यक्रम में पधारे हुए अतिथियों ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किये | कार्यक्रम के अंत में बी.के. प्रह्लाद भाई जी के द्वारा सभी को यातायात नियमों का पालन करने के लिए शपथ दिलाई गयी और सभी का धन्यवाद किया गयाI कार्यक्रम का कुशल संचालन बीके आशा बहिन के द्वारा किया गया I

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सीआरपीएफ संतुलित आहार

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सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से सेमिनार का आयोजन

ग्वालियर। सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से एक सेमिनार व वक्तव्य का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समूह केन्द्र के तानसेन क्लब में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाईटीशियन सौम्या चड्ढा, ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रेरक वक्ता बी के प्रहलाद भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम, श्रीमती भावना गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट दिलाबर सिंह, श्रीमती गीता, श्रीमती आशा सहित क्षेत्रीय कावा के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
केन्द्र में निवासरत महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व उनको लाभान्वित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा पोषण एवं अंधत्व नियंत्रण के विषय पर चर्चा की गयी
मुख्य आहार विशेषज्ञ सौम्या चड्ढा नें सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आहार इस तरह का हो जिसमें वह सभी पोषक तत्व आ जाए जो शरीर के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि लें। थाली में अनाज, दाल/ प्रोटीन, सब्जी, फल, दूध, दही जैसी चीजें शामिल करें। समय पर भोजन करें, सीजनल फल और सब्जियां लें, दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं, शारीरिक व्यायाम करें या कम से कम 30 मिनिट पैदल चलें, जरूरत से ज्यादा भोजन न करें।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिटेशन विशेषज्ञ बीके प्रहलाद भाई एवं बीके सुरभि नें सभी को मन को स्वस्थ्य रखने के लिए टिप्स दिए एवं राजयोग ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजयोग ध्यान करने से अनेक लाभ होते है। जैसे – यह तनाव कम करता है, मन को शांति और स्थिरता देता है, गुस्सा, चिंता और नकारात्मक सोच को घटाता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह सब ठीक है तो शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
सेमिनार में ग्रुप केन्द्र के सैंकड़ों कार्मिकों एवं इस ग्रुप केन्द्र में निवासरत महिलाओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। सेमिनार के अंत में क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम द्वारा डाईटीशियन सौम्या चड्ढा एवं बी के प्रहलाद भाई को स्मृति चिन्ह भेंट किए एवं विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धन करने हेतु धन्यवाद एवं आभार व्‍यक्‍त किया।

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खुशनुमा और स्वस्थ जीवन (एसएएफ 13 बटालियन)

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।
कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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