Indraganj Lashkar
अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर किया श्रमिको का सम्मान तथा व्यसन छोड़ने की अपील

ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माधवगंज लश्कर ग्वालियर द्वारा आज “अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस” पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया| कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन व स्वागत नृत्य के साथ किया गया| कार्यक्रम में मुख्य रूप से ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी जी (संचालिका ब्रह्माकुमारीज लश्कर सेवाकेंद्र), लोकेन्द्र शर्मा (बैंक मैनेजर, यूको बैंक सराफा बाजार), दिनेश भागवत (प्रांतीय उपाध्यक्ष अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत), बी.के. ज्योति बहन (राजयोग प्रक्षिका) बहन, बी.के. आशा सिंह (समाज सेविका) उपस्थित थे| इस अवसर पर ब्रम्हाकुमारी लश्कर ग्वालियर की संचालिका बीके आदर्श दीदी जी के द्वारा कार्यक्रम में अपनी शुभकामना रखते हुए सभी क्षेत्रों से आए हुए सभी श्रमिक भाई एवं बहनों का सम्मान किया साथ ही दीदी जी ने कहा कि धूप में, गर्मी में ,कठिन प्राकृतिक परिस्थितियों में काम करने वाले को हम मजदूर समझते हैं परंतु इसका दायरा बहुत विशाल है मजदूर वर्ग में भी सभी लोग आते हैं जो किसी संस्था या निजी तौर पर किसी के लिए काम करते हैं और बदले में मेहनताना लेते हैं शारीरिक व मानसिक रूप से मेहनत करने वाला हर इंसान “श्रमिक है” या “मजदूर है” फिर चाहे वह ईट- सीमेंट से सना हो ऐ.सी. कार्यालय में फाइल के बोझ के तले बैठक कर्मचारी हो | दीदी जी ने आगे बताया कि भगवान ने धरती पर किसी को भी मजदूर बनाकर नहीं भेजा, सभी को राजा बनाकर भेजा है हम सभी भगवान के राजा बेटे हैं मानव जीवन आत्मा और प्रकृति का खेल है आत्मा, प्रकृति के पंच तत्वों के बने शरीर को धारण कर सृष्टि रंगमंच पर अपनी भूमिका का निर्वहन करती है इसमें हर एक आत्मा जन्मजात राजा है और शरीर तथा कर्मेंद्रियों उसके कर्मचारी और नौकर है| जब व्यक्ति स्व स्वरूप में टिककर, अपने को इंद्रियों का राजा अनुभव करते हुए कर्म करता है तो कर्म खेल लगता है, कर्म आनंदकारी बन जाता है | मैं आत्मा राजा हूं और कर्मेंद्रीय मेरी कर्मचारी हैं यदि वह इस स्मृति को बनाए रखें, साक्षी होकर कर्मेंद्रियों से कार्य करवाए तो वह कर्मचारी जैसा कार्य करते भी राजा जैसी ऊंची स्थिति का आनंद अपने हर कार्य में ले सकता है| साथ ही इस अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर दीदी जी के द्वारा सभी जनसाधारण से अपील की गई कि वर्तमान समय नशा (व्यसन) के बढ़ते प्रचलन के कारण श्रमिक वीर भी इसकी चपेट में आ रहे हैं वे जितना कमाते हैं उसका काफी हिस्सा इन नशे पर गंवा देते हैं तो सभी व्यसनों द्वारा शोषित होने से बचें। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय इस क्षेत्र में विशेष प्रयत्नशील है और लाखों को व्यसन मुक्त बनाने में सफल हुआ है स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र और मुख्यालय दोनों ही इस सेवा में तत्पर हैं। इसके तत्पश्चात सभी अतिथियों ने अपनी शुभकामनाएं रखी तथा
कार्यक्रम के अंत में श्रमिक भाई-बहिनों का सम्मान किया गया । जिनके नाम इस प्रकार है सतीस, नरेश कुशवाह (कारीगर), रामदयाल, निजाम खांन, पूरन शाक्य, मुकेश कुशवाह, परमानंद आदि। मंच संचालन बी.के.आशा सिंह ने किया तथा कार्यक्रम के अंत मे बी.के.ज्योति बहन के द्वारा सभी का धन्यवाद किया गया।
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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।
कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर
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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी
जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई
ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।
कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।
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