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Indraganj Lashkar

Grand celebration of honoring women on the occasion of welcoming New Year

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On occasion of welcoming new year and Chaitra Navratri, in a celebration  “Search of Inner soul’s Sound”  to honour Women Power B K Dr Gurcharan introduced the Brahmakumaris with special reference to programmes for spiritual upliftment and empowerment of Women and gave blessings for New Year, Gudi Parwa and Chaitra Navratri(Hindu festival). Women affiliated to various disciplines of the society were honoured who faced the problems of life with courage.
The function started with candle lighting.BK Adarsh addressed the gathering and asked to remember that we are children of  Supreme Soul, He is with us all the time every where. We should consider the threats as opportunities and blessings from Supreme Soul so that we can progress.  Various women from all corners of society were honoured in the function. Sarla Devi Tripathy, Usha Ludele, Manju bahen, Nisha Pandey and Shobha Ahirwar were from weaker sections and dedicated themselves for the development of their kids. Advocate Shilpa Dogra, Anupama singh, Anjali, Dr Sujata Bapat and other social workers were also honoured.

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नवसंवत्सर और चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर नारी शक्ति के सम्मान का भव्य आयोजन|
परिस्थितियों को पेपर न समझ उन्हें आगे बढ़ने का तोहफा समझें – बी के आदर्श
ग्वालियर : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की स्थानीय शाखा माधोगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में आज के दिन नए साल के और चैत्र नवरात्रि के आगमन पर अंतरात्मा की आवाज एक खोज नामक एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया | जिसमे की समाज के भिन्न भिन्न क्षेत्रों से जुडी हुई बहनों का भावपूर्ण सम्मान किया गया जिन्होंने अपनी विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए अपने आप को सिद्ध किया और उनके जीवन से जुड़े हुए मूल्यों के आधार पर सभी को उमंग उत्साह दिलाने के लिए एवं स्वयं की जांच और परिवर्तन करने के लिए आज का कार्यक्रम आयोजित किया गया | कार्यक्रम में सबका स्वागत करते हुए संस्थान का परिचय देते हुए बी के डॉ गुरचरन ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज की महिला प्रभाग द्वारा बहनों को सशक्त बनाने के अनेकानेक कार्यक्रम राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर समय प्रति समय आयोजित किये जाते हैं | उन्होंने संस्थान की ओर से सभी भाई बहनों को नवसंवत्सर, गुडी पडवा, और नवरात्रि की शुभकामनाएं भी दीं | कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सेवाकेंद्र प्रभारी राजयोगिनी बी के आदर्श बहन जी ने कहा की स्वयं को हर समय उमंग उत्साह में रखने के लिए इस ऊँची स्मृति में रहना चाहिए कि मैं पिता परमात्मा की संतान हूँ, अपने हर कर्म में पिता परमात्मा को साथ रखना चाहिए, हर समय छोटे बड़े का सम्मान करना चाहिये | उन्होंने कहा कि वर्तमान समय पिता परमात्मा स्वयं धरा पर उपस्थित होकर नारी शक्ति के द्वारा इस धरा पर सतयुगी स्वर्णिम युग की स्थापना का कार्य कर रहे हैं | जैसा कि गायन है कि जहाँ नारी शक्ति की पूजा होती है वहां देवतायें वास करते हैं अर्थात जब पिता परमात्मा शिव इस धरा पर अवतरित होकर विश्व की सभी आत्माओं को नारी शक्ति का सम्मान करना सिखाते हैं तो इस धरा पर सतयुगी स्वर्णिम दुनिया आ जाती है माना इस धरती पर देवी देवताओं का आगमन हो जाता है | उन्होंने कहा कि परिस्थितियां हमारे लिए पेपर नहीं बल्कि हमें आगे बढाने के लिए पिता परमात्मा का तोहफा हैं, जिनके आधार पर हम प्रगति की राह पर निरंतर अग्रसर हो सकते हैं | हमें अपने जीवन में हरेक का सहयोग करना चाहिए ताकि हमें भी समय पर सभी का सहयोग मिल सके |
तत्पश्चात दीप प्रज्ज्वलन कर संस्थान की ओर से विशेष रूप से आमंत्रित बहनों का सम्मान किया गया जिसमें –
1 श्रीमती सरला देवी त्रिपाठी जिन्होंने जन धन एकत्र कर के मन्दिर का निर्माण करवाया और तिन बार महिला मेराथन में सम्मानित हुईं | वर्तमान समय 92 वर्ष की आयु होते भी मंदिरों में अपनी सेवाएँ देती हैं |
2 उषा लुडेले जिन्होंने घरेलु चौका बर्तन करके स्वयं का जीवन तो चलाया ही साथ ही साथ अपने बेटे को पढा लिखा के इंजीनिअर बनाया |
3 मंजू बहन अनेक परिस्थितियों से जूझते हुए पेट्रोल पंप पर भी काम किया और अभी वीरांगना वाहन चलाते हुए अपना और अपनी एक बेटी का भरण पोषण कर रही हैं |
4 निशा पाण्डेय आपने अनेक परिस्थितियों का सामना करते भी अपने जीवन के मूल्यों को कायम रखा और वर्तमान में अनेक बच्चे जिनका कोई नहीं है उनके पालन पोषण का काम आप कर रही हैं |
5 शोभा रानी अहिरवार ने खुद की संतान ना होते हुए खुद मजदूरी कर के अपने भाई के बेटे को अपनी दिक्कतों से दूर रख के पढाया जो की आज आई टी एम से बी बी ए कर रहा है |
इन बहनों के साथ साथ अन्य समाज सेवा के कार्य में संलग्न बहनों का भी सम्मान किया गया जिसमे की- 1 एड शिल्पा डोगरा एडवोकेट
2 अनुपमा सिंह पत्रकार एवं एडवोकेट
3 अंजलि ज्ञानानी शासकीय अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता |
4 डॉ सुजाता बापट सामाजिक कार्यकर्ता एवं गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवा परदान करती हैं |
5 साधना अग्निहोत्री जिला प्रशिक्षण आयुक्त भारत स्कॉट्स एंड गाइड्स |
6 श्रीमती उमा चौहान समाज सेवी, सचिव भारतीय स्वास्थ्य संघ |
7 निर्मला परिहार समाज सेवी |
8 मिताली कल्याणी समाज सेवी |
9 डॉ कीर्ति धोंडे वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं समाज सेवी |
10 डॉ निर्मला कंचन वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं समाज सेवी |
मंच संचालन बहन आशा सिंह द्वारा किया गया एवं कार्यक्रम के अंत में नव संवत्सर की शुभकामनाये देते हुए बी के प्रहलाद ने उपस्थित सभी भाई बहनों का संस्थान की ओर धन्यवाद किया और सभी को प्रसाद वितरित किया गया | कार्यक्रम में बी के जीतू, बी के पवन, बी के धर्मेन्द्र, बी.के. ब्रजेन्द्र सहित कई भाई बहने उपस्थित थे |

सधन्यवाद |

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी

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24 सितंबर 2025

खुशनुमा और स्वस्थ जीवन के लिए तनाव प्रबंधन आवश्यक – बीके प्रहलाद भाई

एसएएफ 13 बटालियन में तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली विषय पर प्रेरणादायक सत्र आयोजित

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।


इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।


कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।


कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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ब्रह्माकुमारीज़ के माधौगंज केंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधौगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


कार्यक्रम में संस्थान के बाल कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन किया। जिसने सभी का मन मोह लिया तो वहीं भजन गायकों द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति ने सभी को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और कहा कि आज हम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को हर्ष और उल्लास के साथ मना रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन को दिशा देने वाला आध्यात्मिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण जी का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा और अन्याय तथा बुराइयों का अंत करना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।


भगवान ने गीता में कहा है कि अपने कर्तव्यों को निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज के समाज के लिए बहुत प्रासंगिक है। यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य सही भावना से निभाए, तो समाज में अन्याय, भ्रष्टाचार और असमानता स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें गहन शिक्षाएँ देता है। उनका जन्म कारागार में दिखाते है, लेकिन परिस्थितियाँ कैसी भी रही हों, उन्होंने हमेशा धर्म और न्याय की स्थापना का कार्य किया। उनका पूरा जीवन हमें यह संदेश देता है कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
यह पर्व हमें नई श्रेष्ठाचारी और पावन दुनिया की याद दिलाता है। जब-जब संसार में अन्याय, अधर्म और असत्य बढ़ता है, तब ईश्वर अवतरित होकर मानवता को सही दिशा दिखाते हैं।

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कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार महेश कुमार, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद ने भी सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में सुंदर झांकी लगाई गई थी। जिसका दर्शन लाभ सभी ने लिया। साथ ही भजनों की सुंदर प्रस्तुति एवं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन करने वाले कलाकारों में कु. रोशनी, कु. तनवी, कु. पीहू, कु. नंदनी, कु. हंसिका, कु. रुचि, कु. नव्या, रूबी, सोनिया, पवन, अखिलेश, निलक्ष तथा बीके जीतू आदि शामिल थे।

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