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Indraganj Lashkar

“Mera Gwalior – Swach Gwalior – Drug free Gwalior” Rally orgranised by Brahma Kumaris of Gwalior for awakening the humanity

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“Mera Gwalior – Swach Gwalior – Drug free Gwalior”  Rally orgranised by Brahma Kumaris of Gwalior for awakening the humanity.  Holding value based slogans and flags,  ‘Make the mind clean and the earth green’ is the positive message given to Gwalior city.

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ग्वालियर : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा नगर निगम ग्वालियर के सहयोग से स्वच्छता जागरूकता शोभायात्रा (रैली) निकाली गयी, इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरुवात ब्रह्माकुमारीज के माधोगंज स्थित स्थानीय सेवाकेंद्र पर प्रात: 07:30 से किया गया, इस कार्यक्रम में विशेष रूप से ग्वालियर महानगर के माननीय महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर, स्वच्छता अभियान के ब्रांड एम्बेसडर श्री एम.एल. दौलतानी, स्थानीय पार्षद श्रीमति वंदना अरोरा, श्री अजय अरोरा, ब्रह्मकुमारीज़ संस्थान के वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षक बी.के. डॉ. गुरचरण, बी.के. प्रह्लाद उपस्थित रहे, कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलित करके किया गया| बी.के. प्रह्लाद द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया| ततपश्चात् बी.के.डॉ. गुरचरण सिंह ने, ब्रह्मकुमारिज संस्थान द्वारा भारत एवं विश्वभर में चलाये जा रहे अभियानों के बारे में सभी को जानकारी दी उनोह्नें बताया कि संस्थान पिछले 80 वर्षो से मानवता की सेवा में समर्पित है अभी वर्तमान में एक बड़ा राष्ट्रीय अभियान “मेरा भारत स्वर्णिम भारत” चलाया जा रहा है जिसके अंतर्गत स्वच्छता, व्यसन मुक्ति, बेटी बचायो बेटी पढाओ,CLEAN THE MIND GREEN THE EARTH (स्वच्छ मन व धरती को हरा भरा बनाये) आदि- आदि अन्य अभियान चलाये जा रहे है उसी क्रम में आज ग्वालियर में भीस्वच्छता जागरूकता रैली का आयोजन किया गया | जिसका उद्देश्य सम्पूर्ण मानवजाती को प्रकृति, पर्यावरण एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक करना हैं साथ ही उन्होंने बताया कि हम अपने बाह्य परिवेश को तभी स्वच्छ बना सकते है जबकि हम आतंरिक रूप से, मानसिक रूप से सत्यता, और स्वच्छता को अपनाये, जैसे हम अपने दैनिक जीवन में अपने परिवार के प्रति, अपने कार्यो के प्रति जिम्मेवारी को पूरा करने के लिया सदैव प्रयासरत हैं उसी प्रकार से हमे प्रकृति, व पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेवारी को समझना होगा, उन्होंने कहा कि जैसे माता-पिता अपने बच्चो की शुरुआत से अच्छी पालना करते हैं पर कभी कभी वही बच्चे अपने माता-पिता को सहयोग नहीं करते परन्तु प्रकृति, पर्यावरण जीवनपर्यंत हमारे सहयोगी बनाकर रहती है, अत: इनके प्रति हमारी भी जिम्मेवारी है, साथ ही उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा शुरू किये गए इस स्वच्छता अभियान के लिये ब्रह्माकुमारीजसंस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी जी, शुरुआत से ही ब्रांड एम्बेसडर है, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सहज राजयोग के अभ्यास से हम दूषित मन को स्वच्छ बना सकते है और अपनी बुरी आदतों को भी बदल सकते है |
इसके साथ ही पार्षद श्रीमती वंदना अजय अरोरा ने भी शोभायात्रा के प्रति अपनी शुभकामना व्यक्त करते हुए कहा कि हम सभी को एकजुट होकर ये प्रयास करना होगा तभी इस अभियान को सफल बनाया जा सकता है उन्होंने बताया कि माधोगंज में जबसे ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान का स्थानीय मैडिटेशन केंद्र खुला हैं तभी से वहां आसपास के लोगो में स्वच्छता के प्रति जाग्रति देखने में आई है, इससे पूर्व भी प्रयास किये जाते रहे परन्तु मैडिटेशन केंद्र के खुलने के बाद इसका प्रभाव अधिक देखने में आया, इसके लिये उन्होंने संस्थान को बधाई देते हुए कहा कि अभी आप सभी का ये कार्य एक गली एरिया से आगे बढकर पूरे शहर व देश को स्वच्छता की ओर ले जाये ऐसी जाग्रति हम सभी को मिलती रहे ऐसी हमारी शुभकामना हैं |
तत्पश्चात माननीय महापौर श्री शेजवलकर ने कहा कि भारत सरकार तथा ग्वालियर नगर निगम द्वारा चलाये जा स्वच्छता अभियान में सहयोगी बनने व इस अभियान को सार्थक बनाने के लिये संस्थान द्वारा दिए गए सहयोग के प्रति अपनाओर से धन्यवाद व शुभकामनाये दीं | उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर 2014 को हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे देश को यह संकल्प दिलाया कि हम अपने देश को गन्दगी से मुक्त स्वच्छ भारत बनाकर ही छोड़ेंगे |उन्होंने कहा- कि हम जिस समाज में रहते है वहां एक माँ भी अपने बच्चे से कहती हैं कि पहले नहाकर आओ तब भोजन करना, रोज सुबह हम सभी मंदिरों में दर्शन के लिये जाने से पूर्व स्नान और स्वच्छता का ध्यान रखते है, मंदिरों में भी स्वच्छता व सफाई का पूरा ध्यान होता हैं, घर में भी दिन में 2 से 3 बार साफ-सफाई करते है, स्वच्छता तो हमारे संस्कारों में हैं | परन्तु पिछले कई वर्षो में हमारी आदतें बदल गयी हैं, और गंदगी उस आदत का दुष्परिणाम है | महात्मा गाँधी जी ने भी कहा कि जहाँ स्वच्छता है वही इश्वर का वास हैं | इसी बात को आगे बढाते हुए हमने अपनी आदत को सुधारने का बीड़ा उठाया है | आदतें बदलना मुश्किल तो होता है परन्तु असंभव नहीं | यह बहुत ही सांस्कृतिक निर्णय है | मै मानता हू कि हम सभी के सहयोग से ये कार्य जरूर सफल होगा ही और यह भी मानता हू कि केवल भाषणों, रेलियों से यह कार्य पूरा नहीं होगा, बल्कि व्यक्तिगततौर पर इसे हमे अपनी जिम्मेवारी समझना होगा | स्वयं नशा करते दूसरों को नशा न करने का उपदेश देंगे तो कोई नहीं मानेगा, कोई असर नहीं होगा | हमे अपनी तरफ से शुरुआत करते हुए अपनी आदते बदलनी होंगी, तभी हम लोगो को बदल पाएंगे | मेरा हर वर्ग से, हर उम्र के लोगों से यही निवेदन है कि इस अभियान के प्रति अपनी अपनी जिम्मेवारी समझे और अपना एक कदम स्वच्छता की और बढ़ाएं |
स्वच्छता अभियान में ग्वालियर के ब्रांड एम्बेसडर डॉ. दौलतानी ने कहा कि अभी कुछ समय पूर्व ही मुझे ब्रह्माकुमारीज़ के मुख्यालय जाने का अवसर मिला जहाँ पर मैंने हजारो भाई बहनो को देखा वहां के स्वच्छ निर्मल वातावरण को देखा और सफाई के प्रति अनुसाशन को देखा वहीँ मुझे यह संकल्प आया कि ग्वालियर शहर में ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के साथ मिलकर स्वच्छता जागरुक रैली निकालनी है क्योकिमै इनकी शिक्षाओ जीवन शैली व अनुशासन से प्रभावित हुआ यह संस्था समाज में आध्यात्मिक जागरूकता का कार्य कर रही है | क्योकि जाग्रति के विना ये अभियान पूरा नहीं हो सकता | उन्होंने कहा कि 3000 सफाई कर्मचारी मिलकर पूरे शहर को स्वच्छ नहीं बना सकते 15 लाख की आबादी बाले इस शहर में हरेक को स्वच्छता के प्रति अपनादायित्व समझना चाहिए जाग्रति का उद्देश्य ही व्यक्तिगत दायित्व का अनुभव कराना है जिसके लिये यह रैली निकाली जा रही है मेयर सर व हम सभी के प्रयास से इस अभियान में ग्वालियर नंबर वन पर है परन्तु फिर भी अभी स्वच्छता की आवश्यकता है और इसीलिये हम इस रैली के माध्यम से आप सभी से सहयोग का आह्वान करते है |
तत्पश्चात माननीय महापौर द्वारा हरी झंडी दिखाकर रैली को प्रारम्भ किया गया यह रैली स्वच्छता का संदेश देते हुए माधवगंज से रोक्सीपुल, कम्पू, नयाबजार, दाल बाजार, जयेन्द्रगंज, शिंदे की छावनी होती हुई फूलबाग गाँधी उद्द्यान पहुंची वहां पर गाँधी जी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर लगभग 500 से भी अधिक भाई बहनों ने स्वच्छता को बनाये रखने की सपथ ली और एक कार्यक्रम करके रैली का समापन किया गया |

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हेलीपेड कॉलोनी ग्वालियर: खुशनुमा जीवनशैली पर हुआ कार्यक्रम आयोजित

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– सदा खुश रहने के लिए सुव्यवस्थित दिनचर्या बहुत आवश्यक – प्रहलाद भाई
– परमात्मा से मन की तार जोंडे तो सब समस्याएं समाप्त हो जाएँगी – आदर्श दीदी
ग्वालियर: सदा खुश रहने के लिए हमें किसी व्यक्ति, वस्तु या वैभव की आवश्यकता नहीं यह तो परमात्मा का अनमोल उपहार है। परन्तु सदा खुश वही रह पाता है जिसकी मन की तार परमात्मा से जुडी है उक्त बात बीके आदर्श दीदी ने अपने आशीर्वचन में कही। यह कार्यक्रम प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा हेलीपेड कॉलोनी समिति के सहयोग से श्री हनुमान मंदिर प्रांगण पार्क में आयोजित खुशनुमा जीवनशैली एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में कही | दीदी ने आगे कहा कि आज भागती दौड़ती जिन्दगी में अनेक उतार चढाव है व्यक्ति स्वयं के लिए समय ही नहीं निकाल पाता आज हर व्यक्ति छोटी छोटी बातों को लेकर दुखी हो जाता है, परिवार में मधुरता कम होती जा रही है जीवन में अगर ख़ुशी नहीं तो जीवन नीरस है| आज व्यक्ति अच्छे मकान में रह रहा है। अच्छी सिटी में रह रहा है। अच्छी सुविधाएँ मिली हुई है। फिर भी खुश नहीं रह पा रहा है तो उसका मूल कारण है कि कहीं न कहीं हमारे में आन्तरिक गुण और शक्तियों की कमी है। यदि हम चाहते है कि हम अपने आपको दिव्य गुणों और शक्तियों से सुसज्जित करें तो उसके लिए हमें मन की तार को परमात्मा से जोड़ना पड़ेगा तो हम सदा खुश रह सकते है। और समस्यामुक्त भी रह सकते है।
कार्यक्रम में आगे प्रेरक वक्ता वाम राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने खुशनुमा जीवन शैली पर सभी को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम अपनी दिनचर्या सुव्यवस्थित रखे तो हम हमेशा खुश रह सकते है| आज यह देखा गया कि अधिकतर लोगो की दिनचर्या अस्त व्यस्त होती है जिस कारण समय पर सभी कार्य नहीं हो पाते। जहाँ कम समय देना होता है वहाँ अधिक चला जाता है और जहाँ अधिक समय देना चाहिए उसके लिए समय ही नहीं बचता जिस कारण प्रेसर क्रियेट होता है और समय पर सभी कार्य नहीं हो पाते जिसकी बजह से हमारी ख़ुशी गुम हो जाती है। उन्होंने आगे एक स्लोगन बोलते हुए कहा कि “पेड़ न खाते कभी अपना फल और नदी न पीती कभी अपना जल” यह सदैव दूसरों को देते है। तो हमारा जीवन भी ऐसा ही होना चाहिए यदि हम दूसरों की सेवा करते है तो यह भी एक सबसे अच्छा माध्यम है खुश रहने का। यदि आपके पास लोगो को देने के लिए कुछ नहीं है तो लोगो से मुस्कराकर बात करो तो यह भी एक सेवा है। जो चीज आपको चाहिए वह देना प्रारंभ करो आपके पास स्वतः बढ़ जाएगी। आगे भाई जी ने सभी को राजयोग ध्यान का आभ्यास भी कराया जिसकी अनुभूति सभी ने की।
कार्यक्रम में डॉ. के.के. तिवारी एवं पूर्व पार्षद विनती शर्मा ने भी अपनी शुभकामाएं व्यक्त की|
इसके साथ ही कार्यक्रम में बाल कलाकारों के द्वारा सुन्दर सुन्दर प्रस्तुतियां दी गई जिसे देखकर सभी मंत्र मुग्ध हो गए। प्रस्तुतियां देंने बाले बच्चो में मन्नत रोहिरा, लयेशा घई, रूचि राठौर, संकल्प गुप्ता, श्रेष्ठा गुप्ता, बीके पवन थे ।
कार्यक्रम में हेलीपेड कॉलोनी समिति के पदाधिकारी एवं कॉलोनी निवासी रामसेवक शर्मा, भारतेंदु गुप्ता, महेश आर्य, दीपक जैसवानी, मनोज गंडोत्रा, शिवकुमार तोतलानी, हेमंत ढींगरा, डॉ वीके जैन, गीता तिवारी, रेखा गंडोत्रा, मोना चांदवानी, मंजू गंडोत्रा, अंकिता जसेजा, पूजा गाबरा, कंचन गाबरा, गीता गाबरा, साबी केशवानी, रजनी नागवानी सहित कॉलोनी के अनेकानेक लोग उपस्थित थे।

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शिव ध्वजारोहण कर लिया बुराईयों को छोड़ने का संकल्प

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ब्रह्माकुमारीज़ के सभी सेवाकेन्द्रों पर धूमधाम से मनाया गया 88वीं त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव (महाशिवरात्रि पर्व)

  • जीवन की बुराईयां शिव पर अर्पण करना ही सच्ची शिवरात्रि मनाना – बीके प्रहलाद भाई
  • ग्वालियर । महाशिवरात्रि का महापर्व कई आध्यात्मिक रहस्यों को समेटे हुए हैं। यह पर्व सभी पर्वों में महान और श्रेष्ठ है, क्योंकि शिवरात्रि परमात्मा के दिव्य अवतरण का यादगार महापर्व है। परमात्मा ने श्रीमद् भागवत गीता में कहा है- ‘यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे॥’
    गीता के इस श्लोक में किए अपने वादे के अनुसार- परमात्मा कहते हैं कि जब-जब इस सृष्टि पर धर्म की अति ग्लानि हो जाती है, अधर्म और पाप कर्म बढ़ जाते हैं, तब मैं भारत सहित पूरी सृष्टि का उत्थान करने और नई दुनिया का सृजन करने साकार रूप में लोगों के सम्मुख प्रकट होता हूं। मैं इस धरा पर अवतरित होकर सज्जन-साधु लोगों की रक्षा, दुष्टों का विनाश और एक सतधर्म की स्थापना करता हूं। चारों युगों में कल्प के अंत में एक बार ही मेरा इस धरा पर अवतरण होता है। उक्त बात बीके प्रहलाद ने महाशिवरात्रि के पावन पर कही उन्होंने आगे कहा कि परमात्मा के गीता में वर्णित इन महावाक्यों के अनुसार, वर्तमान में वही समय नई सृष्टि के सृजन का संधिकाल चल रहा है। इसमें सृष्टि के सृजनकर्ता स्वयं नवसृजन की पटकथा लिख रहे हैं। वह इस धरा पर आकर मानव को देव समान स्वरूप में खुद को ढालने का गुरुमंत्र ‘राजयोग’ सिखा रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात दुनिया की यह सबसे बड़ी और महान घटना बहुत ही गुप्त रूप में घटित हो रही है। वक्त की नजाकत को देखते हुए जिन्होंने इस महापरिवर्तन को भाप लिया है वह निराकार परमात्मा की भुजा बनकर संयम के पथ पर बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे लोगों की संख्या एक दो नहीं बल्कि लाखों में है। इन्होंने न केवल परमात्मा की सूक्ष्म उपस्थिति को महसूस किया है वरन इस महान कार्य के साक्षी भी हैं। शिवरात्रि में रात्रि शब्द अज्ञान अंधकार को सूचित कर रहा है अर्थात इस कलियुग रुपी अज्ञान अँधेरी रात में मनुष्य जब काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार से ग्रसित होने लगता है तब परमात्मा शिव इस धरा पर अवतरित होकर मनुष्य को इन विकारों से छुडाते है और सुख-शांति-पवित्रता का वर्सा देते है यही वह समय जब हम अपनी अक धतूरे सामान जहरीली बुराईयाँ परमात्मा को अर्पण करके उनसे दिव्य गुणों का वरदान लेते है |


परमात्मा का स्वरूप ज्योतिर्बिंदु है, इसलिए 12 ज्योतिर्लिंग उनकी यादगार – बीके डॉ गुरचरण सिंह

कार्यक्रम में आगे में आगे बीके डॉ. गुरचरन भाई जी ने कहा कि भारत में 12 ज्योतिर्लिंग प्रसिद्ध हैं और गली-गली में शिवालय बने हुए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि परमपिता परमात्मा कभी इस सृष्टि पर आएं हैं और विश्व कल्याण का कार्य किया है, तभी तो हम उन्हें याद करते हैं। परमात्मा का स्वरूप ज्योतिर्बिंदु है। श्रीमद्भ भगवत गीता से लेकर महाभारत, शिव पुराण, रामायण, यजुर्वेद, मनुस्मृति सभी में कहीं न कहीं परमात्मा के अवतरण की बात कही गई है। किसी भी धर्म ग्रंथ में परमात्मा के जन्म लेने की बात नहीं है। हर जगह प्रकट होने, अवतरण या परकाया प्रवेश की बात को ही इंगित किया गया है। क्योंकि परमात्मा का अपना कोई शरीर नहीं होता है। क्योकि वह जन्म और मृत्यु के चक्र से परे होने के कारण उनका जन्म नहीं होता वल्कि वह परकाया प्रवेश कर नई सतयुगी सृष्टि की स्थापना का दिव्य कार्य कराते हैं। वह ब्रह्मा, विष्णु और शंकर के भी रचयिता त्रिमूर्ति हैं, जिन्हें हम परमात्मा शिव कहते हैं।पुराने हाई कोर्ट लाईन स्थित संगम भवन केंद्र सहित ग्वालियर के सभी केन्द्रों पर शिव ध्वजारोहण हुआ।

तत्पश्चात शिव ध्वजारोहण कर सभी को इस शिवरात्रि पर बुराईयों का त्यागने और दिव्य गुणों को जीवन में धारण करने की प्रतिज्ञा कराई गई।
आज महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर प्रभु उपहार भवन माधौगंज, पुराने हाई कोर्ट लाईन स्थित संगम भवन केंद्र सहित ग्वालियर के सभी केन्द्रों पर शिव ध्वजारोहण हुआ।

कार्यक्रम में बीके लक्ष्मी, बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके विजेंद्र, गजेन्द्र अरोरा, संतोष बंसल, संतोष गुप्ता, कविता पमनानी, किरण सारडा, शान्या, अनुष्का खत्री, माधवी गुप्ता, सुरेन्द्र वैस, आशीष सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे ।

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ग्वालियर। दुसरे दिन – तनावमुक्ति रहने के लिए करें नियमित करे मेडीटेशन: मोटीवेशनल स्पीकर उषा दीदी ने दिए तमामुक्त जीवन के मंत्र

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 जब व्यक्ति की आध्यात्मिक क्षमता क्षीण हो जाती है, तो उसके जीवन में तनाव बढऩे लगता है। फिर उसका दिमाग भी उसी तरह रिएक्ट करने लगता है। छोटी छोटी बात पर तनाव हो जाना हमारी मानसिक कमजोरी को प्रकट करता है। ब्रह्माकुमारीज के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू से आई प्रेरक वक्ता बी के उषा दीदी ने चेंबर ऑफ  कॉमर्स के राजमाता विजयाराजे सिंधिया सभागार में तनाव मुक्त जीवन विषय पर बोलते हुए व्यक्त किए। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी के ग्वालियर केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि तनाव का नकारात्मक प्रभाव हमारे मन के साथ हमारे तन पर भी पड़ता है। जब हम गहरे अवसाद में चले जाते हैं, तो नींद नहीं आती और हमें मनोचिकित्सकों का सहारा लेना पड़ता है। मोटी फीस लेने के बाद भी वह हमें एक ही सलाह देते हैं कि आप नियमित रूप से मेडिटेशन करें। इससे अच्छा तो यह है कि हम तनावग्रस्त हो, उससे पहले ही मेडिटेशन आरंभ कर दें। दिमाग पर जब दबाव बढ़ता है तो तनाव आना स्वाभाविक है। तनाव मुक्त होने के लिए अपनी स्पिरिचुअल इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए प्रयास करें। जिस प्रकार से हमें स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ खुराक की जरूरत होती है, इसी प्रकार स्वस्थ मन के लिए भी अच्छे विचारों की खुराक की जरूरत होती है। जब हमारा मन विचारों से पुष्ट होता तो छोटी-छोटी बातें दिमाग को प्रभावित नहीं करती। जब हम थोड़ी देर के लिए भी मेडिटेशन के लिए बैठते हैं तो व्यक्ति दिन भर के लिए असीम ऊर्जा से भर जाता है । इसलिए अपने जीवन को संवारने के लिए आधा घंटा अवश्य निकालें। उन्होंने एक घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह कुल्हाड़ी से लकड़ी काटने के लिए उसे लगातार धार देनी होती है। इसी तरह मन को तनाव मुक्त रखने के लिए लगातार उसे मेडिटेशन और सकारात्मक विचारों की खुराक देनी पड़ती है। आज घरों में तनाव की वजह से रिश्ते खराब हो रहे हैं, जिन्हें बचाने के लिए बुद्धि की धार को तेज करना जरूरी है और वह आध्यात्मिक भोजन से ही तेज होगी l उन्होंने बताया जापान में मेडिटेशन करने वाले और नहीं करने वालों पर शोध हो चुका है। मेडिटेशन करने वाले व्यक्ति तनाव मुक्त और अधिक क्षमतावान होते हैं। जापान की फैक्ट्री में भी काम शुरू करने से पहले मेडिटेशन कराया जाता है ताकि घर का तनाव कार्यक्षेत्र में न पहुंचे और घर आते समय भी मेडिटेशन कराया जाता है ताकि काम का तनाव घर ना ले जाए।
*6 बहनों ने चुनी ब्रह्माकुमारी बन जग कल्याण की राह 
शाम के सत्र में अंतरराष्ट्रीय प्रेरक वक्ता राजयोगिनी उषा दीदी ने आध्यात्मिक सशक्तिकरण विषय पर प्रेरक व्याख्यान दिया। आपने कहा कि व्यक्ति के सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण की बेहद आवश्यता है । इससे पूर्व ब्रह्माकुमारी बहनों का समर्पण समारोह आयोजित किया गया ।जिसमें एक बहिन बीके महिमा (पीजी ह्यूमन रिसोर्स) ने पूर्णत: स्वयं को जगत कल्याण के लिए समर्पित कर भगवान शिव से विवाह किया। पूर्व में ही समर्पण कर चुकी दो बहिनों का रिसेप्शन हुआ बीके रोशनी, बीके सुरभि, तथा तीन बहिनों बीके कुमकुम, बीके काजल, बीके पूनम ने बुद्धि समर्पण कर शिव से विवाह करने का संकल्प लेकर ईश्वरीय राह की ओर कदम बढ़ा दिया।
इस मौके पर ठीक उसी तरह उत्सव मनाया गया, जैसे किसी कन्या के विवाह मेें मनाया जाता है। हल्दी मेंहदी और साज श्रृंगार से लेकर शिव बाबा की बारात में शिव के भक्त झूमकर नाचे।
जबकि व्याख्यान कार्यक्रम के शुभारंभ में दीप प्रज्वलन किया गया। सुबह के सत्र में डॉ प्रशांत लहारिया (आई एम ए अध्यक्ष), डॉ जे पी गुप्ता, वरिष्ठ समाज सेविका श्रीमती आशा सिंह, श्री शालिग्राम गोयल (भारत विकास परिषद), श्री निगम (पूर्व डिप्टी कमीश्नर ट्रांसपोर्ट), श्रीमती कल्पना बोहरे, श्री अभय चौधरी (भाजपा अध्यक्ष) श्री रमेश अग्रवाल (पूर्व विधायक), श्री प्रवीण अग्रवाल, श्री महेश कुमार (स्थानीय सम्पादक दैनिक भास्कर), श्री बसंत गोड़याले (प्रांतीय पदाधिकारी हिन्दू जागरण मंच), डॉ निर्मला शर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
जवकि कार्यक्रम के अंत में चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स, नया बाजार असोसिएशन, पंजाबी सेवा समिति, भारत विकास परिषद, अखिल भारतीय स्वास्थ्य संघ सहित विभिन्न संगठनों ने आदरणीय दीदी जी का सम्मान किया । दीदी ने उन्हें ब्रह्माकुमारी की ओर से स्मृति चिन्ह प्रदान किया।
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