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Indraganj Lashkar

Self Empowered Gwalior – Drug free Gwalior – Clean Gwalior : Event with Collector Shri Rahul Jain

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ग्वालियर : सशक्त ग्वालियर – व्यसन मुक्त ग्वालियर – स्वच्छ ग्वालियर

ग्वालियर : समाज में समरसता लाना है तो नशा मुक्त समाज का निर्माण करना होगा — कलेक्टर (श्री राहुल जैन)
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ग्वालियर:  एकात्म यात्रा के उपलक्ष्य में ब्रह्माकुमारीज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में ग्वालियर कलेक्टर श्री राहुल जैन ने सभी को संबोधित करते हुए एकात्म यात्रा के उद्देश्य को स्पष्ट किया और बताया कि यह एकात्म यात्रा बहुत ही सुन्दर लक्ष्य के साथ उज्जैन से आरंभ की गयी है जो कि 10 जनवरी को ग्वालियर पहुँचेगी | इस यात्रा का मूल उद्देश्य समाज में समरसता लाना है अर्थात् सभी को जोड़ना है इसके लिए क्या –क्या चीजें हैं जिन पर काम किया जा सकता है जो भी विषय समाज में समरसता लाने में जरुरी हैं उन्हीं के अंतर्गत हमने नशा मुक्ति विषय लिया है यदि हमें समाज में समरसता लाना है तो नशा मुक्त समाज व्यसनमुक्त समाज का निर्माण करना होगा | यह एकात्म यात्रा 10 जनवरी ग्वालियर पहुंचे उसके पहले शहर के हर गली, मोहल्ले तथा प्रत्येक घर में यह सन्देश जाये कि नशा मुक्ति क्यों जरुरी है प्रत्येक व्यक्ति अपने से सम्बंधित नशा के आदी लोगों को समझाकर इससे मुक्त कराएँ और इस अभियान में अपना योगदान दें और इस यात्रा में सैकड़ों- हजारों लोगों को नशामुक्त करके लायें यही इस एकात्म यात्रा की सफलता होगी इसे हम सभी मिलकर सफल बनायें और सशक्त स्वस्थ व स्वच्छ समाज का निर्माण करें| और आज से ही यह संकल्प लें कि हम अपने घर ऑफिस दुकान का कचरा बाहर नहीं फेकेंगे और अपने गली मोहल्ले शहर को स्वच्छ रखने में अपना पूर्ण सहयोग देंगे और ग्वालियर को नंबरवन सिटी के रूप में पहचान दिलायेंगें | मैं आप सभी से आशा रखता हूँ कि आप ग्वालियर को नशा मुक्ति में नंबरवन और स्वच्छता में नंबरवन बनाने का पूर्ण प्रयास करेंगे |

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“सशक्त ग्वालियर – व्यसन मुक्त ग्वालियर – स्वच्छ ग्वालियर” कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया जिसका उददेश्य पूरे ग्वालियर जिले के अनेकानेक स्थानों पर जाकर लोगो को व्यसन मुक्ति एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ग्वालियर कलेक्टर श्री राहुल जैन, विशिष्ट अतिथि के रूप में स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर श्री एम. एल. दौलतानी एवं संस्थान की ओर से तानसेन नगर सेंटर प्रभारी बी.के. सुधा, लश्कर सेंटर प्रभारी बी.के. आदर्श उपस्थित थीं सर्व प्रथम कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित करके किया गया तत्पश्चात बी.के. आदर्श बहन ने सभी का स्वागत करते हुए स्वच्छ्ता एवं व्यसन मुक्ति के बारे में बताते हुए कहा कि स्वच्छता कहने से नहीं आएगी असली स्वच्छता तब आएगी जब हमारे मन के विचार स्वच्छ होंगे जब तक हम स्वयं को परिवर्तित नहीं करेंगे तब तक स्वच्छता नहीं आएगी हमें यह संकल्प लेना है की चाहे घर का वातावरण हो या बाहर का उसको स्वच्छ बनाये रखना हमारी जिम्मेबारी है यह स्वच्छता अपने विचारों में द्रढ़ता लाने से संभव है चाहे आप स्वयं व्यसन मुक्त हो लेकिन दूसरे लोगों को प्रेरणा दें की वह भी व्यसन मुक्त बने और सबका यह संकल्प हो मेरा ग्वालियर मेरा भारत स्वच्छ एवं व्यसन मुक्त हो जहाँ स्वच्छता के साथ साथ किसी भी प्रकार का कलह कलेश न हो और यह कलह कलेश तब रुकेगा तब लोग व्यसन मुक्त हो जब तक लक्ष्य नहीं होगा लक्षण आ नहीं सकते प्रत्येक को यह लक्ष्य रखना है की हर दिन मुझे किसी न किसी एक व्यक्ति को व्यसन मुक्त बनाना है और साथ ही साथ स्वच्छता की प्रति जागरूक करना है और प्रत्येक व्यक्ति को उसके दिव्य गुणों से अवगत कराना है आज आवश्यकता है इस नए वर्ष में नए लक्ष्य के साथ स्वयं को सशक्त बनाकर सभी के सहयोग से ग्वालियर को अग्रणी शहर बनायें |

कार्यक्रम में पधारे हुए स्वच्छता अभियान के ब्रांड एम्बेसडर श्री एम. एल. दौलतानी ने कहा कि ग्वालियर में हम विगत तीन वर्षों से स्वच्छता अभियान चला रहे हैं वास्तव में स्वच्छता दिल से जुड़ने वाली बात है जो भी स्वच्छता कर्मचारी सुबह सुबह आपके घर आता है उससे नफरत न करें क्योंकि वह स्वच्छता दूत है उसको सहयोग कीजिये I जिस प्रकार हम अपने घर को स्वच्छ रखते हैं तथा घर के परिसर को स्वच्छ बनाये रखने में अपना योगदान देते हैं ठीक उसी प्रकार हम 14 लाख ग्वालियर निवासियों का कर्तव्य है कि अपने गली मोहल्ले और शहर को स्वच्छ बनाये रखने में अपना योगदान दें कचरा कूड़ेदान में ही रखें, डोर टू डोर कर्मचारियों को अपना सहयोग दें  यह सिटी हमारी है यह गलियां हमारी यह देश हमारा है हम भारत को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए अपने आप से परिवर्तन करना होगा प्रत्येक भारतवासी यह प्रण ले कि में एक स्वच्छता एम्बेसडर के रूप में कार्य करूंगा |

कार्यक्रम के अंत में बी.के. सुधा बहन जी सभी को संबोधित करते हुए कि किसी भी कार्य को करने के लिए सर्व प्रथम शक्ति चाहिए आज संसार में मनुष्य के पास शक्ति का बहुत अभाव है सर्व शक्तिमान परमात्मा से कनेक्शन टूटने के कारण शक्तियां कमजोर पड़ गई है और शक्तियां कमजोर होने से जो बुराईयों का प्रभाव है वह इंसान पर हावी हो गया है और जब बुराईयों का प्रभाव हावी होता है तब बुराईयाँ व्यवहार में आ जाती है जो बुरे कर्म करवाती है जिसका परिणाम दुःख अशांति बुरी घटनायों के रूप में हमारे समाने प्रकट होता है बहुत सारे व्यसनों के कारण चाहे वह तम्बाकू है शराब है गुटखा है यह मोटे व्यसन है जबकि घ्रणा द्वेश ईर्ष्या, क्रोध ये व्यक्ति के आन्तरिक व्यसन है जिनके बाद ही ये मोटे व्यसन सामने आते है इन सारे व्यसनों ने ही समाज को खोखला बना दिया है लेकिन जैसा की हम जानते है कि कोई भी अच्छी चीज बुरी बन सकती है तो फिर से वह अच्छी भी बन सकती है और सभी को बताया कि ब्रह्माकुमारीज के द्वारा एक व्यसन मुक्ति रथ तैयार किया गया है जो जगह जगह जाकर लोगो को व्यसन मुक्ति का और स्वच्छता का सन्देश देगा |  मंच संचालन बी.के. ज्योति बहन ने किया | कार्यक्रम के अंत में बी.के. प्रह्लाद ने सभी को धन्यबाद दिया |

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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

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Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

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बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

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