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ग्वालियर : विश्व पर्यावरण दिवस सेवा समाचार

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 प्रकृति का अस्तित्व अनादी है आज इसके संरक्षण की अति आवश्यकता है|”

ग्वालियर: विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में माधवगंज स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग द्वारा एक जन जागृति हेतु एक कार्यक्रम का आयोजन किया किया गया | कार्यक्रम में मुख्य अथिति के रूपमें राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्व विद्यालय से डॉ. जी. एस. रावत (विभागाध्यक्ष, सस्य विज्ञान) रिटा. प्रोफेसर डॉ आर. एस. वर्मा, ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र संचालिका बी.के. आदर्श दीदी, राजयोग प्रशिक्षक बी.के. प्रहलाद भाई आशा सिंह आदि उपस्थित थी |

कार्यक्रम के शुभारंभ में उद्देशय को स्पष्ट करते हुए बी. के. प्रहलाद भाई ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस  संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रकृति को समर्पित दुनियाभर में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा उत्सव है| इस अवसर पर  पर्यावरण के संरक्षण, संवरधन और विकास का संकल्प लेते है UNEP का जन्म सन् 1972 में हुआ तथा हर वर्ष 5 जून को ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ आयोजित करके नागरिकों को प्रदूषण की समस्या से अवगत कराने तथा प्रकति की सुरक्षा की चेतना को जागृत करने के लिये निश्चय किया गया |  सम्पूर्ण विश्व में ब्रहामाकुमारीज द्वारा पर्यावरण जागृति लाने के लिए किये गए विशेष प्रयास को देखते हुए UNEP में NGO के रूप में 2014 से observer status प्राप्त हुआ | ब्रहामाकुमारीज का सहयोगी संस्थान राजयोग एज्युकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के ‘कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग’ इस कार्यक्रम को आगे बढाने में विशेष प्रयास कर रहा है | पर्यावरण की गुणवत्ता, पर्यावरण संरक्षण हेतु आवश्यक कदम, पर्यावरण प्रदूषण के निवारण तथा नियंत्रण की जागृति के लिये राष्ट्रव्यापी प्रयास के रूप में विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण जागृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया है|

वर्तमान समय को प्लास्टिक युग कहते है | यूज एंड थ्रो का जमाना भी कहते है | आज जहाँ जहाँ प्लास्टिक वेस्ट होने के कारण स्वच्छ्ता के ऊपर तो असर हुआ ही है, लेकिन जमीन पर आज प्लास्टिक का स्तर बढ़ता जा रहा है की वजह से जमीन बंजर होती जा रही है इससे बरसाती पानी का संचयन सीट होती जा रही है भूगर्भ जल की गुणवत्ता पर भी प्रभाव पड़ा है सबसे पहले स्वच्छता के पहलू को समझेंगे तो सुरक्षा काफी हद तक कर सकेंगे |

हमें उस चीज को सही जगह पर पहुंचाना है जिससे उस चीज का सम्मान हो और ऐसी जगह ढूंढ कर सुनिश्चित कर उसे वहां पहुंचाने की व्यवस्था करनी होगी | इसको सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कहते हैं मैनेजमेंट के लिए हमें 5r R को प्रैक्टिकल जीवन में अपनाना होगा |

REDUCE (रिड्युस) – जहाँ तक हो समझदारी से प्लास्टिक के उपयोग को कम करते जाना है | ऐसे विकल्प ढूंढने होंगे जो पर्यावरण के अनुकूल हों |

REFUSE (रीफ्युज) – यूज एंड थ्रो प्लास्टिक वस्तुओं का उपयोग ना करें |

REUSE (रीयूज) – कई ऐसी चीजें होती है जिसका एक या दूसरे रूप में पुनः उपयोग हो सकता है ऐसा करने से हम वेस्ट को कम कर सकते हैं|

RECYCLE (रिसायकल) – कुछ ऐसी बस्तुएं है जो पुरानी हो जाए तो उस मैटेरियल रीसाइकल के माध्यम से पुनः उपयोगी बनाया जा सकता है |

REMOVE (रिमूव) – प्लास्टिक का कचरा फैलने से रोके

कार्यक्रम में उपस्थित डॉजी.एसरावत ने कहा कि – पर्यावरण संरक्षण हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है उन्होंने इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम “एयरपोल्यूशन” के विषय पर बताया कि किस प्रकार हम सभी के समक्ष वायु प्रदूषण एक वैश्विक संकट बन गया है | इससे निपटने के लिए जितना हो सके वृक्षों का संरक्षणकरें और वृक्ष लगायें क्यों कि “पेड़ हैं तो जीवन है|” जी.एस. रावत ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है वायु प्रदूषण को कम करना हम सभीके समक्ष वायु प्रदूषण एक वैश्विक संकट बन गया है | इससे निपटने के लिए जितना हो सके वृक्षों का संरक्षण करें और वृक्ष लगायें क्यों कि “पेड़ हैं तो जीवन है|”

आदर्श दीदी जी ने कहा कि प्रकृति का अस्तित्व अनादी है आज इसके संरक्षण की अति आवश्यकता है | उन्होंने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के साथ-साथसर्वप्रथम अपने मन के विचारों को स्वच्छ बनाएं| आज मानव निर्मित सुख सुविधाओं की चीजें वातावरण पर अपना दुष्प्रभाव दिखा रहीं हैं जिससे पर्यावरण दिन-प्रतिदिनप्रदूषित होते जा रहा है|

आज यदि हम वायु प्रदूषण की बात करें तो वातावरण का हर घटक आज प्रदूषण के जहर से दूषित दिखाई देता है| हवा श्वास लेने लायक नहीं रही तो इसका छोटे बच्चों पर गहरा असर पड़ता है | आज देश में 80 प्रतिशत शहरों में वायु प्रदूषण इतना है कि वह श्वांस लेने लायक नहीं रही है|  कारण अनेक है जैसा की फसलों को जलाए गए अबशेष, वाहनों से निकलता हुआ धुआं, कारखानों से निकलता हुआ धुंआ तथा दीपावली जो आज धुएं का उत्सव बन गया है | आदि आज देश में मृत्यु का सबसे बड़ा कारण वायु प्रदूषण माना जाता है| दिल्ली के वायु प्रदूषण के बारे में सब जानते हैं जिसे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने नेशनल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है | 20 लाख से 30 लाख बच्चे वायु प्रदूषण के दुष्परिणामों को अपने फेफड़ो में लेकर घूम रहे है | अगर यही स्थिति रही तो हमें बच्चों को आईसीयू में ही पालने पड़ेंगे और यह स्थिति बहुत भयानक होगी | अपने बच्चों के जीवन की तबाही को कौन गिफ्ट में देना चाहेगा ऐसी दुनिया जहां पर सांस लेना ही मुश्किल हो चाहेगा हम ऐसे सार्थक प्रयास करें कि हम आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ साफ सुथरी दुनिया दे सके | आदमी पेड़ काटता जा रहा है कारखाना बढ़ाता जा रहा है बिना सोचे समझे गाड़ियों को भगाता जा रहा है वाहनों से निकलता हुआ धुँआ पूरे आकाश में छा रहा है मानव निर्मित क्लोरो फ्लोरो कार्बन से ओजोन परत में छेद हो गया है | जिससे सूर्य की अल्ट्रा वायले्ट किरणें धरती पर सीधा पहुँचती है और इसका मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है |

तो हम सभी का कर्तव्य है कि पर्यावरण को स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त बनाने में अपना सहयोग करें| साथ ही अपनी शुभभावनाओं के प्रकम्पन से प्रकृति के पाँचों तत्वों कोपोषित करें |

मैं धरती का चेतन सितारा हूं…. मैं दिव्य आत्मा कल्याणकारी होकर विश्व ग्लोब पर विराजमान हूँ मुझ पर ज्ञान सूर्य की किरने फैली हुई है…… मैं परमात्मा स्नेह और शक्तियों की किरणों से संपन्न होती जा रही हूं…..मै सर्व शक्तियों से चार्ज होती जा रही हूं….. परमात्मा की पवित्र किरणें प्रकृति के पांचों तत्वों को भी पावन बना रही है….और स्वयं में  मैं इन किरणों को समाकर सारे खेतों में चारों तरफ फैला रही हूं….प्रकृति के पांचों तत्व पवित्र बनते जा रहे हैं… प्रकृतिपति परमात्मा से पवित्र किरणें पाकर सारी बसुंधरा पुनः सतोप्रधान बनती जा रही है… सारे ही विश्व में इस भूमि से शक्तिशाली पवित्र प्रकाश की किरणें फ़ैल रही है…. जल में शांति की किरणें फ़ैल रही है….  शक्ति की किरणें फैल रही है…. वायु द्वारा प्रेम की किरणें फैल रही है….. आकाश में ज्ञान की किरणें फैल रही है…. सारा संसार परमात्मा की दिव्य शक्तियों से जगमगाता जा रहा है….. मै आत्मा आनंद स्वरूप हूं, परम पिता परमात्मा आनंद के सागर है, उस आनंद की वायब्रेशंस मै प्रकृति सहित पशु पंछी, जीव जंतु और पेड़ों को दे रही हूँ…. जिसकी वजह से पशु पंछी में भी उमंग उत्साह बढ़ता है…..ओम शांति|

प्रोफेसर आर. एस. वर्मा ने बताया कि- ब्रह्माकुमारीज संस्थान माउंट आबू  के द्वारा पर्वारण संरक्षण के कई कार्यक्रम किये जाते रहते हैं| वहाँ जाकर लोगो को देखना चाहिए कि किस तरह से पर्यावरण संरक्षण के लिए संस्था कार्य कर रही है | उन्होंने ‘प्लास्टिक प्रदूषण’ के बारे में सभी को बताया कि कैसे आज हमप्लास्टिक के आदि हो गये हैं चाहते हुए भी उसके उपयोग को कम नहीं कर पा रहे हैं | उन्होंने बताया कि प्लास्टिक एक ऐसा पदार्थ है जो कि हजारों सालों तक ज्यों कात्यों पड़ा रहता है जो कि आज मानव के साथ साथ प्रकृति के लिए भी खतरा बन गया है| उन्होंने प्लास्टिक से होने वाले दुष्प्रभावों को सभी को बताया कि प्लास्टिक नकेवल मृदा को प्रदूषित करता है वरन जल, जीव-जंतु, समुद्री जीव, मानवजीवन, वायु पर भी इसका उतना ही दुष्प्रभाव पड़ता है और सभी से अनुरोध किया कि जितना होसके प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करें और पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनी जिम्मेवारी का ईमानदारी के साथ निर्वहन करें |

कार्यक्रम का कुशल संचालन आशा बहिन ने किया तथा  कार्यक्रम के अंत में बी. के. प्रह्लाद भाई ने सभी को प्रतिज्ञा करवाई एवं सभी का आभार व्यक्त भी किया |

प्रतिज्ञायें जो सभी को कराई गई

  •           हम प्रतिज्ञा करते हैं कि कम से कम एक वृक्ष जरुर लगाऊँगा और उसका संरक्षण करूँगा |
  •            धरती माता की हरित श्रृंगार बनाए रखने के लिए तथा जंगलों को बचाने में पूरा सहयोग करूंगा|
  •            धरती पर और वायुमंडल के लिए घातक प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करूंगा|

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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

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Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

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बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

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