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समाज सेवा प्रभाग का “सुखी जीवन स्वस्थ समाज” अभियान ग्वालियर शहर में

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“आओ करें निर्माण सुन्दर, स्वस्थ व सुखी समाज का “

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय भगिनी संस्था राजयोग रिसर्च एंड एजुकेशन के समाज सेवा प्रभाग का समाज सुधार अभियान “सुखी जीवन स्वस्थ समाज” जम्मू से मुंबई 28 अप्रैल से प्राम्भ होकर 16 मई को ग्वालियर शहर पंहुचा | इस अभियान के अंतर्गत अनेकानेक कार्यक्रम आज सुबह 9 बजे से ग्वालियर शहर के सेंट्रल जेल, नेशनल इंश्योरेंस कोपरशन लिमिटेड, सिंधी वूमेन सोसाइटी, इलाहबाद बैंक, लायंस क्लब,शांति निकेतन, होटल प्रह्लाद इन,भदौरिया कोचिंग, संस्कार नशा मुक्ति केंद्र, वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट ऑफिस आदि में ब्रह्माकुमारीज लश्कर, तानसेन नगर, सिटी सेंटर के अंतर्गत संपन्न हुए| इसी अभियान के अंतर्गत सायंकाल 5 बजे से ग्वालियर शहरवासियों के लिए एक कार्यक्रम माधवगंज स्थित ब्रह्माकुमारीज प्रभु उपहार भवन में भी रखा गया |कार्यक्रम में मुख्य रूप से अभियान को कुशलता पूर्वक संपन्न कराती आ रहीं ब्रह्माकुमारीज संस्थान की बहिनें बी. के. ज्योति बहन (दिल्ली), बी.के. भावना बहन (गुरुग्राम), बी.के. मीनाक्षी बहन (कुरुक्षेत्र), बी के प्रिया बहन (फरीदाबाद), बी के नीरू बहन (फरीदाबाद), बी के रेणु (करनाल) के साथ ब्रह्माकुमारीज लश्कर ग्वालियर की संचालिका बी के आदर्श दीदी जी, बी के डॉ. गुरुचरण भाई, बी के प्रह्लाद भाई उपस्थित थे|कार्यक्रम में मुख्य अथिति के रूप में ग्वालियर शहर से श्रीमती नीलम गुप्ता (संस्थापिका संस्कार मंजरी), श्रीमती अंजू भदौरिया (अध्यक्ष भारत रक्षा मंच), डॉ. मुक्ता सिकरवार (सचिव नवसिद्धांत जनकल्याण संस्था),अरविन्द कुमार शर्मा (DGM,MPeb), उपस्थित थे| कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन व स्वागत नृत्य के के साथ किया गया |

बी. के. ज्योति बहन के द्वारा 50 दिन के अभियान के लक्ष्य “सुखी जीवन स्वस्थ समाज”  को सभी के समक्ष रखा गया | साथ ही ब्रह्माकुमारीज के समाज सेवा प्रभाग द्वारा पिछले वर्षों में राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किये जा रहे विभिन्न समाज सुधार के कार्यक्रम, सम्मलेन, एवं अभियानों से सभी को अवगत कराया |

अभियान कोर्डिनेटर बी के रेणु बहन ने कहा कि जीवन खुश रहने और खुशियां बांटने का दूसरा नाम है लेकिन आज चारों ओर अशांति, दुःख, बेचैनी, टेंशन, भय का माहौल नज़र आता है|ऐसे में हर कोई सुख, शांति व ख़ुशी से जीवन जीने कि कला सीखना चाहता है| उन्होंने बताया कि यदि हम सुखी जीवन के मूलभूत सिद्धांतों को  समझकर अपने मन को सही सोचने कि ट्रेनिंग दे दें तो हमारी ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत हो सकती है| उन्होंने बताया आज समाज ही नहीं वरन संसार की दशा किसी से भी छिपी नहीं है| क्या अमीर, क्या गरीब, क्या शिक्षित, क्या अशिक्षित इसके विषय में सभी एक मत हैं कि आज का समाज बुरी तरह से विकृत हो चुका है आज सभी का चारित्रिक, वैचारिक, नैतिक पतन हो चुका है| जो समाज के ज्वलंत मुद्दे हैं उन पर फोकस किया जाना चाहिए| व्यक्ति के नजरिये में बदलाव लाकर ही सभी सामाजिक अपराधों, समस्याओं का समाधान किया जा सकता है| जब परमात्मा एक है तो उसके बच्चे क्यों बिखरे हुए हैं क्यों हम अलग अलग धर्म, जाति, संप्रदाय के बंधनों में हैं| उससे ऊपर उठकर देखें तो अपने को एक जैसा पाएंगे |अगर हम वास्तव में यह पहचान लें कि हम कौन हैं?और वास्तव में किसकी संतान हैं?तो जीवन में खुशियों की शुरुआत हो जाएगी और एक स्वस्थ सुखी सुन्दर समाज का निर्माण  हो जायेगा|

 बी के प्रिया बहन ने कहा एक आदर्श, सभ्य, मूल्याधारित और स्वस्थ समाज नवनिर्माण वर्तमान समय कि अति महत्वपूर्ण आवश्यकता है  जैसा कि हम सभी जानते हैं कि शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ मनुष्य ही स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकता है |स्वच्छ व स्वस्थ समाज ही वास्तव में सुन्दर व सुखी समाज बन सकता है| तो आइये, हम सभी मिलकर अपने मन को साफ़ व स्वच्छ बनाकर एक स्वच्छ ,स्वस्थ और स्वर्णिम समाज एवं देश के निर्माण में भागीदार बनें|

लश्कर सेवाकेंद्र संचालिका बी के आदर्श दीदी जी ने कहा कि परिवर्तन संसार का नियम है समयानुसार परिवर्तन की बात सभी स्वीकार करते हैं यदि परिवर्तन एवं सुधार का कार्य रुक जाये तो समाज में सड़न पैदा हो जाती है जैसे कि ठहरा हुआ पानी प्रदूषित होने लगता है| आज हम सभी समाज में परिवर्तन कि आवश्यकता महसूस कर रहे हैं हम सभी चाहते हैं कि एक सुखी ,सुन्दर, मूल्याधारित समाज हम सभी के समक्ष हो | उसके लिए समाज व देश के प्रत्येक व्यक्ति को अपना योगदान देना होगा| क्यों कि सबके सहयोग से ही एक सुन्दर ,स्वर्णिम समाज का निर्माण हो सकेगा |चाहे वह ग्रामीण इलाके में रहने वाला व्यक्ति हो या शहर में, हर किसी को सामाजिक सुधारों के प्रति गंभीर होना चाहिए जिससे एक स्वर्ग सा सुखमय समाज निर्मित हो सके | इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है मानव की संकल्प शक्ति क्यों कि वह प्रकृति को भी प्रभावित करती है इसलिए उसे किसी भी  हालत में व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए| अगर संकल्प शक्ति के महत्व को जानकर उसे कार्य में लगाया जाये तो उसके सुखद परिणाम प्राप्त होंगे | लोगों को क्रोध, अहंकार, ईर्ष्या, द्वेष, घ्रणा, व्यर्थ विचारों से मुक्त होकर सहयोग,स्नेह व शुद्ध संकल्पों से जीवन  को जीना चाहिए इससे स्वस्थ सुखी व स्वर्णिम समाज का निर्माण स्वत: ही हो जायेगा|अंत में दीदी जी ने अभियान के अंतर्गत आयी हुई ब्रह्माकुमारी बहिनों एवं अथितियों का धन्यवाद किया | कार्यक्रम में पधारे हुए मुख्य अतिथियों के द्वारा  ब्रह्माकुमारीज संस्थान के इस 7 राज्यों के  “HAPPY LIFE & HEALTHY SOCIETY” अभियान के लिए अपनी शुभकामनायें दीं गयीं और समाज परिवर्तन के इस श्रेष्ठ कार्य की  सराहना की गयी |कार्यक्रम का कुशल संचालन आशा बहिन के द्वारा किया गया|

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सीआरपीएफ संतुलित आहार

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सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से सेमिनार का आयोजन

ग्वालियर। सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से एक सेमिनार व वक्तव्य का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समूह केन्द्र के तानसेन क्लब में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाईटीशियन सौम्या चड्ढा, ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रेरक वक्ता बी के प्रहलाद भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम, श्रीमती भावना गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट दिलाबर सिंह, श्रीमती गीता, श्रीमती आशा सहित क्षेत्रीय कावा के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
केन्द्र में निवासरत महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व उनको लाभान्वित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा पोषण एवं अंधत्व नियंत्रण के विषय पर चर्चा की गयी
मुख्य आहार विशेषज्ञ सौम्या चड्ढा नें सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आहार इस तरह का हो जिसमें वह सभी पोषक तत्व आ जाए जो शरीर के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि लें। थाली में अनाज, दाल/ प्रोटीन, सब्जी, फल, दूध, दही जैसी चीजें शामिल करें। समय पर भोजन करें, सीजनल फल और सब्जियां लें, दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं, शारीरिक व्यायाम करें या कम से कम 30 मिनिट पैदल चलें, जरूरत से ज्यादा भोजन न करें।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिटेशन विशेषज्ञ बीके प्रहलाद भाई एवं बीके सुरभि नें सभी को मन को स्वस्थ्य रखने के लिए टिप्स दिए एवं राजयोग ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजयोग ध्यान करने से अनेक लाभ होते है। जैसे – यह तनाव कम करता है, मन को शांति और स्थिरता देता है, गुस्सा, चिंता और नकारात्मक सोच को घटाता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह सब ठीक है तो शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
सेमिनार में ग्रुप केन्द्र के सैंकड़ों कार्मिकों एवं इस ग्रुप केन्द्र में निवासरत महिलाओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। सेमिनार के अंत में क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम द्वारा डाईटीशियन सौम्या चड्ढा एवं बी के प्रहलाद भाई को स्मृति चिन्ह भेंट किए एवं विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धन करने हेतु धन्यवाद एवं आभार व्‍यक्‍त किया।

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खुशनुमा और स्वस्थ जीवन (एसएएफ 13 बटालियन)

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।
कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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